क्या पाकिस्तान में कोई हिंदू नहीं? शहबाज शरीफ ने दी दिवाली की शुभकामनाएं तो यूजर्स ने दिया ये जवाब
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने दिवाली के मौके पर सोशल मीडिया पर अपने देश और दुनिया भर के हिंदू समुदाय को शुभकामनाएं दीं, अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की जीत की बात कही. हालांकि, उनका संदेश आते ही सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई. कई यूजर्स ने उन्हें तंज कसे, पाकिस्तान में हिंदू आबादी घटने और अल्पसंख्यकों के खिलाफ घटनाओं को लेकर सवाल उठाए. सिंध, कराची और थरपारकर में हिंदू समुदाय ने सीमित सुरक्षा के बीच दिवाली मनाई, कई ने इसे घर पर ही मनाना बेहतर बताया.

इस दिवाली पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने देश और दुनिया भर के हिंदू समुदाय को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की जीत की बात की और कहा कि हर नागरिक, चाहे उसका धर्म कुछ भी हो, शांति और समानता के साथ रह सके. पीएम के इस संदेश का मकसद देश में सहिष्णुता और एकता को बढ़ावा देना था.
हालांकि, जैसे ही यह ट्वीट सामने आया, सोशल मीडिया पर पाकिस्तान और भारत दोनों तरफ से प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई. कई यूजर्स ने शरीफ को बधाई देने के बजाय ट्रोलिंग शुरू कर दी. कुछ ने आंकड़े गिनाए, तो कुछ ने उनके संदेश पर तंज कसा, और कई लोगों ने इसे खाली शब्दों वाला बताया.
पीएम शरीफ का संदेश
शहबाज शरीफ ने लिखा कि 'दिवाली के शुभ अवसर पर, मैं हमारे हिंदू समुदाय को पाकिस्तान और दुनिया भर में अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं. यह त्योहार अंधकार को दूर करे, सौहार्द बढ़ाए, और हमें सभी को शांति, सहानुभूति और साझा समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करे. दिवाली का संदेश आशा, एकता और सहिष्णुता से जुड़ा है, और हर देश को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर नागरिक, उसके धर्म या पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना, शांति से रह सके."
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ
शरीफ का पोस्ट आते ही #HindusInPakistan और #DiwaliInPakistan ट्रेंड करने लगे. कई यूजर्स ने पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों की घटती संख्या को लेकर तंज किया. एक यूजर ने लिखा कि 1947 में हिंदू आबादी 20% थी, जबकि 2025 में केवल 2.3% बची है. कई ने कमेंट किया कि पाकिस्तान में केवल 10–12 हिंदू बचे हैं, और उनके लिए शुभकामनाएं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ही रह जाएंगी.
कुछ भारतीय यूजर्स ने लिखा, "आप अंधकार पर प्रकाश की बात करते हैं, लेकिन आपकी व्यवस्था के तहत पाकिस्तान में हिंदू घर और भी अंधेरे में हैं." अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स और स्थानीय NGOs भी पाकिस्तान में हिंदू और सिख अल्पसंख्यकों के खिलाफ जबरन धर्म परिवर्तन, मंदिरों पर हमले और किशोरी लड़कियों के अपहरण की घटनाओं की पुष्टि करती हैं.
हिंदू समुदाय की सीमित दिवाली पूजा
सिंध के थरपारकर, उमरकोट, मीरपुरखास और कराची में छोटे पैमाने पर हिंदू समुदाय ने दिवाली मनाई. सुरक्षा कारणों से कई मंदिरों में सीमित आयोजन किए गए. स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ाई, ताकि पूजा और दीप जलाने के कार्यक्रम शांति से हो सकें. कई लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि अब खुलकर जश्न नहीं मना पाते, लेकिन घर में दीये जलाना ही सच्ची दिवाली है.