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दिवाली के दिन पाकिस्तान में डोली धरती, कई घरों को हुआ नुकसान; जानें कितनी थी भूकंप की तीव्रता

दिवाली के दिन पाकिस्तान में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे कई घरों को नुकसान पहुंचा. नेशनल सेंटर फॉर सिज्मोलॉजी के अनुसार भूकंप की तीव्रता 4.7 रही और यह सतही 10 किलोमीटर की गहराई पर आया. सतही भूकंपों के कारण झटके और अधिक तीव्र महसूस होते हैं, जिससे संरचनाओं को नुकसान का खतरा बढ़ जाता है. पाकिस्तान में बलोचिस्तान, पंजाब और सिंध जैसी जगहें भूकंपीय रूप से संवेदनशील हैं. स्थानीय प्रशासन और विशेषज्ञों ने लोगों को सतर्क रहने और आपातकालीन तैयारियों पर ध्यान देने की चेतावनी दी है.

दिवाली के दिन पाकिस्तान में डोली धरती, कई घरों को हुआ नुकसान; जानें कितनी थी भूकंप की तीव्रता
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( Image Source:  ANI )
सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 20 Oct 2025 7:24 PM IST

पाकिस्तान में सोमवार को 4.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिसे नेशनल सेंटर फॉर सिज्मोलॉजी (NCS) ने दर्ज किया. भूकंप सतही 10 किलोमीटर की गहराई पर आया, जिससे क्षेत्र में आफ्टरशॉक्स के खतरे बढ़ गए हैं. इस सप्ताहांत भी पाकिस्तान में 4.0 तीव्रता के मध्यम भूकंप दर्ज किए गए थे.

सतही भूकंप कभी-कभी गहरे भूकंपों से अधिक खतरनाक होते हैं क्योंकि उनके सिस्मिक तरंगों को सतह तक कम दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे ज़मीन में कंपन अधिक तेज़ होता है और ढांचागत नुकसान या जनहानि का खतरा बढ़ जाता है. NCS ने X पर पोस्ट किया कि EQ of M: 4.7, On: 20/10/2025 11:12:08 IST, Lat: 30.51 N, Long: 70.41 E, Depth: 10 Km, Location: Pakistan"

पाकिस्तान में भूकंप प्रवृत्ति और भौगोलिक स्थिति

पाकिस्तान दुनिया के उन देशों में शामिल है जो भूकंपीय दृष्टि से सक्रिय हैं. देश कई प्रमुख दोषरेखाओं से गुजरता है. बलोचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा और गिलगित-बाल्टिस्तान यूरेशियन प्लेट के दक्षिणी किनारे पर स्थित हैं, जबकि सिंध और पंजाब भारतीय प्लेट के उत्तर-पश्चिमी किनारे पर हैं. यह भौगोलिक स्थिति पाकिस्तान को बार-बार भूकंप के प्रति संवेदनशील बनाती है.

बलोचिस्तान अरबी और यूरेशियन प्लेट की सक्रिय सीमा के पास स्थित है और इसे अक्सर शक्तिशाली भूकंपों का सामना करना पड़ा है. उदाहरण के लिए, 1945 में बलोचिस्तान में 8.1 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया था.

सतही भूकंप और संभावित खतरे

सतही भूकंपों में ऊर्जा सतह के करीब होती है, इसलिए उनके झटके और ज्यादा शक्तिशाली महसूस होते हैं. इससे इमारतों, सड़कों और बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान पहुंचने का खतरा रहता है. पंजाब और सिंध भले ही कम संवेदनशील माने जाते हैं, लेकिन उनकी भौगोलिक स्थिति के कारण अभी भी जोखिम बना रहता है.

विशेषज्ञों की चेतावनी

भूकंप विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान में नियमित भूकंपीय गतिविधियों के कारण नागरिकों को सतर्क रहना चाहिए. सभी संरचनाओं को भूकंप-प्रतिरोधी ढांचे के अनुरूप बनाना और आपातकालीन तैयारियों पर ध्यान देना आवश्यक है.

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