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20 साल से मौत को ठेंगा, 200 कोबरा से खुद को डसवाया, क्या है टिम फ्रीडे का जुनून

टिम का सपना था कि एक ऐसा एंटीवेनम तैयार हो, जो दुनिया के किसी भी ज़हरीले सांप के ज़हर पर काम करे, इसीलिए वह बार-बार खुद को ज़हर से इन्फेक्टेड करता रहा ताकि उसका शरीर एंटीबॉडीज़ बनाना शुरू करे, अब 20 सालों की मेहनत रंग लाई है.

20 साल से मौत को ठेंगा, 200 कोबरा से खुद को डसवाया, क्या है टिम फ्रीडे का जुनून
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( Image Source:  META AI )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 3 Dec 2025 2:05 PM IST

दुनिया में अजीबोगरीब जुनून वाले लोगों की कोई कमी नहीं है, लेकिन अमेरिका के विस्कॉन्सिन में रहने वाले टिम फ्रीडे की कहानी कुछ अलग ही है. ये वो इंसान है जो जानबूझकर खुद को अब तक 200 बार ज़हरीले सांपों से डंक मरवा चुका है, और इसका मकसद है इंसानियत की भलाई. जहां आम लोग कोबरा का नाम सुनकर ही कांप जाते हैं वहीं एक शख्स न जाने कितनी बार खुद को कोबरा का शिकार बना चुका है.

साल 2001 की बात है, टिम ने पहली बार खुद को एक कोबरा से कटवाया. लेकिन टिम ने खुद को उसके सामने बैठा दिया. जैसे ही कोबरा ने काटा, टिम के पूरे शरीर में आग-सी दौड़ गई. टिम ने बताया, 'ऐसा लगा जैसे हजारों मधुमक्खियों ने एक साथ डंक मार दिया हो. डर इतना था कि सांस लेना भी मुश्किल लग रहा था.'

हर बार जहर, हर बार नया सबक

जहर ने उन्हें ICU पहुंचा दिया चार दिनों तक टिम कोमा में रहे. डॉक्टरों को उम्मीद नहीं थी कि वो बचेगा, लेकिन मौत को मात देकर टिम फिर से लौट आया. टिम के जुनून ने यहीं विराम नहीं लिया. उसने ब्लैक मांबा, ताइपन, क्रैट, वाइपर जैसे दुनिया के सबसे ज़हरीले सांपों से खुद को कटवाया. हर बार शरीर तड़पा, आंखें बंद हुईं, सांसे रुकीं, लेकिन हर बार टिम जिंदा लौट आया और पहले से ज़्यादा मजबूत.'

मिशन: दुनिया को एंटी वेनम देना

टिम का सपना था कि एक ऐसा एंटीवेनम तैयार हो, जो दुनिया के किसी भी ज़हरीले सांप के ज़हर पर काम करे, इसीलिए वह बार-बार खुद को ज़हर से इन्फेक्टेड करता रहा ताकि उसका शरीर एंटीबॉडीज़ बनाना शुरू करे, अब 20 सालों की मेहनत रंग लाई है. हाल ही में जर्नल ‘Cell’ में छपी एक स्टडी में दावा किया गया है कि टिम के खून से निकाली गई एंटीबॉडीज़ से ऐसा एंटीवेनम तैयार किया गया है, जो 13 खतरनाक सांपों के ज़हर को पूरी तरह बेअसर कर सकता है और 6 के ज़हर को आंशिक रूप से रोक सकता है.

मौत को दे रहा है चकमा

WHO की रिपोर्ट के अनुसार, हर साल लाखों लोग सांपों के काटने से अपनी जान गंवाते हैं, जिनमें सबसे ज्यादा मौतें भारत में होती हैं. ऐसे में टिम की यह खोज भविष्य में लाखों लोगों की जान बचा सकती है. टिम कहते हैं, 'सांप मुझे मारना चाहते हैं, लेकिन मैं ज़िंदा रहना चाहता हूं. यह रिश्ता बिलकुल साफ है. अगर मैं ज़हर को हरा सकता हूं, तो मेरा खून दुनिया के लिए दवा बन सकता है.' आज टिम एक आम इंसान नहीं, बल्कि जहर से अमृत निकालने वाले वॉरियर बन चुके हैं. उनकी यह कहानी न सिर्फ हैरान करती है, बल्कि इंसानियत के लिए जुनून की एक मिसाल बन चुकी है.

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