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‘ऑपरेशन सिंदूर’ के साए में चीन की चाल: चुपचाप भारत-पाक तनाव को बनाया हथियारों का लाइव टेस्टिंग ग्राउंड! अमेरिकी कमीशन का दावा

भारत और पाकिस्तान के बीच 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान एक बार फिर चीन अपनी हरकत से बाज नहीं आया. उसने कथित तौर पर दोनों देश के बीच युद्ध जैसे हालात का इस्तेमाल अपने आधुनिक हथियारों की लाइव टेस्टिंग के लिए किया. अमेरिकी बाय पार्टीशन स्वशासन आयोग की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ. इस रिपोर्ट ने जीओ पॉलिटिक्स की दुनिया में सनसनी मचा दी है. हालांकि, चीन ने इस रिपोर्ट को अमेरिका का प्रोपेगेंडा करार दिया है.

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के साए में चीन की चाल: चुपचाप भारत-पाक तनाव को बनाया हथियारों का लाइव टेस्टिंग ग्राउंड! अमेरिकी कमीशन का दावा
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चीन की चालाकी एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव भरे 'ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सामने आई एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है. अमेरिकी बायपार्टीजन कमीशन ने आरोप लगाया है कि चीन ने इस झड़प को अपने हथियारों की 'लाइव प्रयोगशाला' की तरह इस्तेमाल किया. रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने HQ-9 एयर-डिफेंस सिस्टम, PL-15 एयर-टू-एयर मिसाइलों और J-10 फाइटर जेट्स को पाकिस्तान की सहायता करने के लिए तैनात किया था. ताकि वो अपनी युद्ध-क्षमता परख सके. साथ ही इस मौके का उपयोग उसने रक्षा-उद्योग को वैश्विक बाजार में बेचने के लिए भी किया.

अमेरिकी बायपार्टीजन कमीशन की इस रिपोर्ट से न सिर्फ भारत-चीन रणनीतिक संबंधों पर सवाल उठे हैं, बल्कि पड़ोसी देशों में चीन की पहुंच और रणनीतिक महत्व भी नए सिरे से जांच का विषय बन गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत-पाकिस्तान झगड़े के बाद चीन ने फ्रेंच राफेल फाइटर जेट को बदनाम करने के लिए कैंपेन चलाया था.

PAK को दिया J-35 जेट का ऑफर

US-चीन इकोनॉमिक एंड सिक्योरिटी रिव्यू कमीशन की यह रिपोर्ट मंगलवार को पब्लिश हुई है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि इसके बाद चीन ने जून में पाकिस्तान को 40 J-35 फिफ्थ-जेनरेशन फाइटर जेट, KJ-500 अर्ली वॉर्निंग एयरक्राफ्ट और बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम बेचने का ऑफर दिया.

प्रॉक्सी वॉर - चीन की भड़काने वाली कार्रवाई

अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़ाई के बाद के दिनों में चीनी एम्बेसी ने भी भारत-पाकिस्तान लड़ाई में अपने सिस्टम की सफलता की तारीफ की. ताकि हथियारों की बिक्री को बढ़ावा दिया जा सके. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मई की लड़ाई को प्रॉक्सी वॉर कहना चीन की भड़काने वाली कार्रवाई थी. इतना ही नहीं, भारत-पाकिस्तान लड़ाई के बाद चीन ने फ्रेंच राफेल फाइटर जेट को बदनाम करने के लिए गलत जानकारी फैलाने वाली कैंपेन भी चलाया था.

राफेल के खिलाफ दुष्प्रचार

फ्रेंच इंटेलिजेंस के मुताबिक चीन ने अपने J-35s के लिए फ्रेंच राफेल की बिक्री में रुकावट डालने के लिए एक गलत जानकारी फैलाने वाला कैंपेन शुरू किया और उसने चीन के हथियारों से नष्ट हुए विमानों के कथित मलबे की AI और वीडियो गेम इमेज को फैलाने के लिए नकली सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल किया.

ऑपरेशन सिंदूर पर अमेरिकी रिपोर्ट फेक

रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि चीनी एम्बेसी के अधिकारियों ने इंडोनेशिया को राफेल जेट की चल रही खरीद रोकने के लिए मनाया. हालांकि, चीन ने इन आरोपों को गलत जानकारी बताकर खारिज कर दिया.

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने एक मीडिया ब्रीफिंग में राफेल गलत जानकारी कैंपेन पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, यह तथाकथित ‘कमीशन’ जिसका आपने जिक्र किया, हमेशा चीन के खिलाफ सोच वाला भेदभाव रखता है और इसकी कोई क्रेडिबिलिटी नहीं है. उन्होंने आगे कहा, “कमीशन की रिपोर्ट खुद ही गलत जानकारी पर आधारित है.”

दरअसल, 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था. इस आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे. हमले के बॉर्डर पार से लिंक का पता चलने के बाद भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया. इसने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में कई टेरर कैंप को तबाह किया.

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