बांग्लादेश में NCP नेता पर हमले ने खोल दी सियासी-अपराधी गठजोड़ की परतें, शराब, ड्रग्स और गायब महिला; तन्वी खोलेगी राज
बांग्लादेश में NCP नेता मोतालेब सिकदर पर हुए जानलेवा हमले ने सियासत, अपराध और नशे के खतरनाक गठजोड़ को उजागर कर दिया है. किराए के फ्लैट से शराब, ड्रग्स ‘याबा’ और उपकरण मिलने, CCTV से झूठ पकड़े जाने और रहस्यमयी महिला ‘तन्वी’ के फरार होने से मामला और गहराया है. यह हमला शरीफ उस्मान हादी की हत्या से मिलते-जुलते पैटर्न में हुआ. पुलिस इसे अंदरूनी आपराधिक टकराव मान रही है, जबकि NCP इसे राजनीतिक साजिश बता रहा है.
बांग्लादेश की राजनीति एक बार फिर खून, नशे और रहस्यों के भंवर में फंसती नजर आ रही है. 12 दिसंबर को कट्टरपंथी और भारत-विरोधी बयानबाज नेता शरीफ उस्मान हादी की गोली मारकर हत्या के बाद अब नेशनल सिटिज़न्स पार्टी (NCP) से जुड़े एक और नेता पर जानलेवा हमला हुआ है. हालांकि इस बार गोली जान नहीं ले सकी, लेकिन जो कहानी सामने आ रही है, वह बांग्लादेश के मौजूदा सत्ता ढांचे, कानून-व्यवस्था और कट्टर राजनीति पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है.
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सोमवार को खुलना में NCP से संबद्ध श्रमिक संगठन ‘श्रमिक शक्ति’ के केंद्रीय आयोजक और खुलना डिवीजन प्रमुख मोहम्मद मोतालेब सिकदर को सिर के पास गोली मारी गई. गोली कान के पास से होते हुए निकल गई और खोपड़ी में प्रवेश नहीं कर पाई, जिससे उसकी जान बच गई. डॉक्टरों के मुताबिक सिकदर अब खतरे से बाहर है. लेकिन जिस जगह पर यह गोली चली - वह किसी सियासी कार्यालय या सड़क नहीं, बल्कि एक किराए का फ्लैट था, जहां से शराब की बोतलें, नशीले पदार्थ ‘याबा’ (एक किस्म का सिंथेटिक ड्रग) और ड्रग्स लेने के उपकरण मिले.
गोली मारने का तरीका, हादी हत्याकांड से हैरान करने वाली समानता
ध्यान देने वाली बात यह है कि जिस तरह शरीफ उस्मान हादी को कान के पास गोली मारी गई थी, ठीक उसी तरह मोतालेब सिकदर को भी कान के पास निशाना बनाया गया. फर्क सिर्फ इतना रहा कि हादी की गोली आर-पार हो गई और उसकी मौत हो गई, जबकि सिकदर के मामले में गोली सिर्फ स्कैल्प को छूकर निकल गई. यह समानता इस बात की ओर इशारा कर रही है कि बांग्लादेश में सियासी हिंसा अब एक पैटर्न में बदलती जा रही है - करीबी गोलीबारी, सुनियोजित हमला और फिर सियासी बयानबाज़ी.
शराब, ‘क्रेजी मेडिसिन’ याबा और जश्न का अड्डा
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि जिस ग्राउंड-फ्लोर फ्लैट में गोली चली, वहां एक रात पहले शराब और नशे की पार्टी हुई थी. मौके से शराब की 6 बोतलें, याबा (मेथामफेटामीन + कैफीन) लेने के उपकरण, ड्रग पैराफर्नेलिया और छत में फंसा एक खोखा बरामद किया गया. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक याबा एक बेहद खतरनाक नशीला पदार्थ है, जिसे ‘क्रेजी मेडिसिन’ भी कहा जाता है. यह दिमागी तंत्र को उत्तेजित करता है, आक्रामकता बढ़ाता है और लंबे समय तक सेवन करने पर व्यक्ति हिंसक और असंतुलित हो सकता है. सवाल यह है कि एक कथित मजदूर नेता के ठिकाने पर इतना नशा क्या कर रहा था?
किराए के फ्लैट की रहस्यमयी महिला ‘तन्वी’ और उसका गायब हो जाना
इस पूरे मामले का सबसे रहस्यमय किरदार है ‘तन्वी’, वही महिला जिसके नाम पर यह फ्लैट किराए पर लिया गया था. मकान मालिक की पत्नी अशरफुन्नाहर के मुताबिक तन्वी ने खुद को NGO वर्कर बताया और एक युवक को अपना पति बताकर लाई. तन्वी अक्सर रात-रात भर बाहर रहती थी और कई अजनबी पुरुष उसके फ्लैट में आते-जाते थे. स्थानीय लोगों से ‘एंटी-सोशल गतिविधियों’ की शिकायत मिलने के बाद मकान खाली करने का नोटिस भी दिया गया था. लेकिन उससे पहले ही गोलीकांड हो गया. घटना के बाद तन्वी ने फ्लैट पर ताला लगाया और फरार हो गई. फिलहाल पुलिस उसकी तलाश में जुटी है. सवाल यह है कि क्या तन्वी सिर्फ एक किरायेदार थी, या इस पूरे खेल की अहम कड़ी?
झूठी कहानी, CCTV ने खोली पोल
शुरुआत में मोतालेब सिकदर ने पुलिस को बताया कि उसे सड़क से गोली मारी गई. लेकिन CCTV फुटेज ने उसकी कहानी झूठी साबित कर दी. कैमरों में साफ दिखा कि सिकदर फ्लैट से बाहर निकलता है, कान पकड़े हुए है, एक साथी उसे सहारा देता है फिर रिक्शा से उसे अस्पताल ले जाया जाता है. इसके बाद पुलिस फ्लैट तक पहुंची और वहां नशे और शराब का पूरा जखीरा मिला.
अंदरूनी लड़ाई या उगाही का विवाद?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सिकदर का अतीत भी संदिग्ध रहा है. वह पहले शेख हसीना की अवामी लीग से जुड़े प्रतिबंधित श्रमिक संगठन ‘श्रमिक लीग’ में सक्रिय था. अगस्त 2024 में हसीना सरकार गिरने के बाद उसने NCP का दामन थाम लिया. जांच एजेंसियां यह भी देख रही हैं कि सिकदर का संबंध खुलना के कुख्यात अपराधियों से था और वह उगाही (extortion) के नेटवर्क में शामिल था. खुलना मेट्रोपॉलिटन पुलिस के डीसी ताजुल इस्लाम ने साफ कहा है कि प्रारंभिक जांच में यह अंदरूनी आपराधिक टकराव लग रहा है.
NCP का पलटवार: सियासत या सच्चाई से बचाव?
NCP नेताओं ने पुलिस की जांच को खारिज करते हुए इसे राजनीतिक साजिश बताया है. पार्टी के नेताओं का दावा है कि सिकदर को सड़क पर घसीटकर गोली मारी गई और इसके पीछे अवामी लीग समर्थक गुट हैं. लेकिन अब तक पुलिस को इन दावों के समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं मिला है.
भारत-विरोध, कट्टरता और अपराध का खतरनाक कॉकटेल
शरीफ उस्मान हादी की हत्या और अब मोतालेब सिकदर पर हमला - इन दोनों घटनाओं ने यह साफ कर दिया है कि बांग्लादेश में भारत-विरोधी और कट्टरपंथी राजनीति के साथ-साथ अपराध, नशा और अराजकता गहराई से जुड़ चुकी है. यह घटनाएं मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाले अंतरिम शासन के उस दावे पर भी सवाल खड़े करती हैं, जिसमें फरवरी में निष्पक्ष चुनाव कराने की बात कही गई थी. जब नेता ही शराब, ड्रग्स और उगाही के दलदल में फंसे हों, तो लोकतंत्र की बुनियाद कैसे मजबूत होगी?
गोली, शराब, याबा और एक गायब महिला - मोतालेब सिकदर पर हमला सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि बांग्लादेश की मौजूदा राजनीति की असली तस्वीर है. जब तक तन्वी पकड़ी नहीं जाती और पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश नहीं होता, तब तक यह मामला सिर्फ एक गोलीकांड नहीं, बल्कि एक सियासी-अपराधी थ्रिलर बना रहेगा. और शायद, यह आने वाले दिनों में बांग्लादेश की राजनीति को और ज्यादा अस्थिर करने वाला है.





