पाकिस्तान और अमेरिका बने 'Best Friend'! दो महीने के अंदर आसिम मुनीर दूसरी बार जाएंगे US, ट्रंप को क्यों भा रहा 'PAK'?
Asim Munir US Visit: पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर इस महीने फिर अमेरिका की यात्रा करेंगे. यह उनकी वह दूसरा दौरा है जो दो महीने के अंदर हो रहा है. इसका उद्देश्य इस्लामाबाद और वॉशिंगटन के बीच सैन्य संबंधों को और मजबूत बनाना है.
Asim Munir US Visit: अमेरिका और पाकिस्तान बीते कुछ महीनों से एक-दूसरे से कुछ ज्यादा ही भाईचारा निभा रहे हैं. उनकी दोस्ती गहरी होती दिख रही है. एक और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर भारी आयात टैक्स लगाने रहे हैं, जिससे दोनों देशों के बीच मनमुटाव पैदा हो गया है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान से दोस्ती निभाई जा रही है. अब पाक नेता भी अमेरिका में डेरा डाले बैठे रहते हैं.
मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनिर अगले कुछ दिनों में दो महीने में दूसरी बार अमेरिका की यात्रा पर जाने वाले हैं. यह दौरा इस बात का संकेत है कि इस्लामाबाद और वॉशिंगटन डी.सी. के बीच संबंध और गहरे हो रहे हैं. यह दौर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारतीय निर्यात पर मौजूदा तनाव के बीच हो रहा है.
आसिम मुनिर की दूसरी यात्रा
बीते दो महीनों के अंदर पाक नेता आसिम मुनिर दूसरी बार यूएस जा रहे हैं. इससे पहले फील्ड मार्शल मुनिर ने वॉशिंगटन की यात्रा की थी, जहां ट्रम्प ने उन्हें व्हाइट हाउस पर दोपहर के भोजन पर आमंत्रित किया था. उस समय मुनिर ने संकेत दिया था कि वे वर्ष के अंत में फिर से अमेरिका वापस आ सकते हैं.
इसके अलावा, अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के प्रमुख जनरल माइकल एरिक कुरिला की भी जुलाई में पाकिस्तान की यात्रा हुई थी और पाकिस्तान सरकार ने उन्हें निशान-ए-इम्तियाज (सैनिक) से सम्मानित किया था.
यूएस में पाक नेता का प्रभाव
अगस्त को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों ने अमेरिका और यूरोप के कई शहरों में बड़े विरोध-प्रदर्शन किए. ये प्रदर्शन इमरान खान की रिहाई की मांग और सेना की भूमिका के खिलाफ थे. इन प्रदर्शनों को पाकिस्तानी प्रवासी और पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) के कार्यकर्ता चला रहे हैं, जो यह दिखाता है कि जेल में होने के बावजूद इमरान खान का असर अभी भी बना हुआ है.
इससे पहले मुनीर अमेरिका दौरे पर आए थे, तब भी उनके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया गया था. वॉशिंगटन के होटल के बाहर प्रदर्शनकारियों ने उन्हें तानाशाह और हत्यारा कहा, जबकि न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर में एक डिजिटल होर्डिंग पर मुनीर को झूठा और धोखेबाज बताया गया. पीटीआई का आरोप है कि पाकिस्तान में लोकतंत्र सिर्फ दिखावे के लिए है और असल में सेना ही पूरी सत्ता चला रही है.
अमेरिका को हो रहा फायदा
इसके बावजूद अमेरिका पाकिस्तानी सेना के साथ अपने रिश्तों को मजबूत कर रहा है. जून में अमेरिकी संसद की एक बैठक में जनरल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ एक शानदार साथी बताया. उन्होंने बताया कि अमेरिकी खुफिया जानकारी के जरिए पाकिस्तान ने ISIS के पांच आतंकियों को पकड़ा. पाकिस्तान की सेना अमेरिका को कई फायदे भी दे रही है. जैसे खनिजों पर ड्यूटी-फ्री एक्सेस, नई तकनीक और क्रिप्टोकरेंसी पर सहयोग, और व्यापार बढ़ाने की पेशकश. इससे सेना को विदेश नीति और अर्थव्यवस्था में ज्यादा दखल मिल रहा है.
ट्रंप ने भारत पर लगाया टैक्स
ट्रंप ने भारत से आने वाले निर्यातों पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क की घोषणा की, जिसे मास्को से रूसी कच्चे तेल की आयात जारी रखने के दण्ड के रूप में लगाया गया है. भारत के खिलाफ यह कार्रवाई कुल मिलाकर 50% शुल्क तक पहुंच चुकी है, क्योंकि पहले से ही भारतीय वस्तुओं पर 25% शुल्क पहले से लागू था. भारत की विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिका द्वारा यह कदम अनुचित, असमर्थनीय और अविश्वसनीय है. उसका कहना था कि भारत के ऊर्जा आयात बाजार-आधारित हैं और इसमें इसका लक्ष्य 1.4 अरब लोगों को ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करना है. कई अन्य देश भी राष्ट्रीय हितों के चलते रूस से ऊर्जा आयात कर रहे हैं, इसके बावजूद सिर्फ भारत को इससे संबंधित अतिरिक्त शुल्कों का सामना करना पड़ रहा है.





