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ब्रिटेन में भारतीय मूल की एक और महिला से गैंगरेप, पुलिस ने कहा ‘नस्ली हमले’ की तरह किया गया अपराध

ब्रिटेन के वाल्सल में भारतीय मूल की 20 वर्षीय युवती के साथ ‘रेशियली एग्रीवेटेड अटैक’ यानी नस्ली नफरत से प्रेरित बलात्कार का मामला सामने आया है. वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस ने घटना की पुष्टि करते हुए संदिग्ध गोरे व्यक्ति की तलाश शुरू की है और CCTV फुटेज जारी किया है. सिख फेडरेशन यूके का दावा है कि पीड़िता पंजाबी मूल की है. यह पिछले दो महीनों में दूसरी ऐसी घटना है, जिससे ब्रिटेन में भारतीय समुदाय में आक्रोश और असुरक्षा बढ़ी है.

ब्रिटेन में भारतीय मूल की एक और महिला से गैंगरेप, पुलिस ने कहा ‘नस्ली हमले’ की तरह किया गया अपराध
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( Image Source:  sora ai )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Updated on: 27 Oct 2025 9:14 AM IST

ब्रिटेन में एक बार फिर नस्लीय नफरत से प्रेरित हैवानियत का मामला सामने आया है. इंग्लैंड के वाल्सल (Walsall) शहर में भारतीय मूल की एक 20 वर्षीय युवती के साथ ‘रेशियली एग्रीवेटेड अटैक’ यानी नस्ली नफरत से प्रेरित बलात्कार का मामला सामने आया है. यह घटना ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय को झकझोर देने वाली है, खासकर इसलिए क्योंकि सिर्फ एक महीने पहले ही एक सिख महिला के साथ इसी तरह का हमला हुआ था.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस (West Midlands Police) ने बताया कि यह घटना शनिवार शाम वाल्सल के पार्क हॉल इलाके (Park Hall area) में हुई. पुलिस को सूचना मिली थी कि सड़क पर एक महिला गंभीर रूप से डरी और घायल हालत में मदद के लिए पुकार रही है. जब टीम मौके पर पहुंची, तो उसने तुरंत इस वारदात को ‘रेशियली एग्रीवेटेड अटैक’ यानी नस्ली नफरत से प्रेरित अपराध करार दिया.

पुलिस ने बताया कि हमले के बाद युवती को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है. हालांकि, उसकी पहचान गुप्त रखी गई है ताकि उसकी निजता की रक्षा की जा सके.

संदिग्ध की तलाश: CCTV फुटेज जारी

पुलिस ने संदिग्ध हमलावर की पहचान के लिए जनता से मदद मांगी है. संदिग्ध व्यक्ति को गोरा (white male) बताया गया है, जिसके छोटे बाल हैं और जो घटना के वक्त गहरे रंग के कपड़े पहने हुए था. वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस ने जनता से अपील करते हुए कहा है कि जो भी व्यक्ति उस इलाके में संदिग्ध हरकत करता दिखा हो या उसके पास किसी भी प्रकार का CCTV या डैशकैम फुटेज हो, वह तुरंत पुलिस को सौंपे.

डिटेक्टिव सुपरिंटेंडेंट रोनन टायरर (DS Ronan Tyrer), जो इस मामले की जांच का नेतृत्व कर रहे हैं, ने कहा, “यह एक बेहद वीभत्स हमला है. हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए. हमारी कई टीमें सबूत जुटा रही हैं और संदिग्ध का प्रोफाइल तैयार कर रही हैं ताकि उसे जल्द हिरासत में लिया जा सके.”

उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में कई दिशा-निर्देशों पर काम किया जा रहा है और किसी भी नागरिक के पास यदि वीडियो या गवाह के रूप में कोई जानकारी है, तो वह इस जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.

स्थानीय संगठन बोले - पीड़िता पंजाबी मूल की महिला है

हालांकि पुलिस ने आधिकारिक तौर पर पीड़िता की पहचान उजागर नहीं की है, लेकिन स्थानीय समुदाय और सिख फेडरेशन यूके (Sikh Federation UK) ने दावा किया है कि हमले की शिकार युवती पंजाबी मूल की है. संगठन ने अपने बयान में कहा, “स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, वाल्सल में जिस महिला पर नस्ली रूप से प्रेरित बलात्कार हुआ है, वह एक पंजाबी युवती है. बताया जा रहा है कि आरोपी ने उस घर का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसकर हमला किया.”

सिख फेडरेशन ने यह भी जोड़ा कि “पिछले दो महीनों में वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस क्षेत्र में यह दूसरी नस्ली प्रेरित बलात्कार की घटना है. पुलिस को तत्काल आरोपियों को गिरफ्तार करना चाहिए.”

राजनीतिक प्रतिक्रिया: ‘नफरत से उपजे अपराध चिंताजनक’

ब्रिटेन की लेबर पार्टी की सांसद प्रीत कौर गिल (Preet Kaur Gill) ने इस घटना पर गहरा शोक और आक्रोश जताया. उन्होंने कहा, “यह बेहद दुखद और भयावह है कि एक बार फिर वेस्ट मिडलैंड्स में नस्ली प्रेरित बलात्कार की खबर सामने आई है. महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ रही हिंसा और उसमें शामिल नस्ली नफरत बेहद चिंताजनक है.” उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन को इन अपराधों के पीछे के गहरे सामाजिक कारणों पर काम करना चाहिए ताकि भारतीय मूल के लोग और अन्य प्रवासी समुदाय खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें.

सितंबर में भी हुआ था ऐसा ही हमला

यह घटना सितंबर 2025 में हुई एक और सिख महिला के साथ बलात्कार की वारदात की याद दिलाती है. वह मामला भी वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आने वाले ओल्डबरी (Oldbury) इलाके में हुआ था. उस समय सुबह करीब 8:30 बजे महिला पर टेम रोड (Tame Road) के पास हमला किया गया था. पुलिस ने इसे भी ‘रेशियली एग्रीवेटेड अटैक’ माना था और दो गोरे पुरुषों की तलाश की थी, जिन्होंने कथित तौर पर महिला पर सार्वजनिक रूप से हमला किया था.

बाद में पुलिस ने कुछ संदिग्धों को गिरफ्तार किया था, लेकिन जांच जारी रहने के कारण उन्हें जमानत पर छोड़ दिया गया. अब वाल्सल की ताजा घटना ने फिर से ब्रिटिश समाज में नस्ली हिंसा और महिला सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता पैदा कर दी है.

ब्रिटेन में भारतीय समुदाय में डर और गुस्सा

वाल्सल की घटना ने ब्रिटेन में बसे भारतीय और खासकर पंजाबी समुदाय में डर और असुरक्षा की भावना को और गहरा कर दिया है. कई सामाजिक संगठनों ने इसे “ब्रिटेन में बढ़ती नस्ली हिंसा का प्रतीक” बताया है. कई नागरिक समूहों का कहना है कि इन मामलों में पुलिस को सिर्फ आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि समुदाय-स्तर पर जागरूकता और सुरक्षा उपायों को भी बढ़ाना होगा. लंदन, बर्मिंघम और मैनचेस्टर जैसे शहरों में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराज़गी जताते हुए कहा कि ‘रेशियल हेट क्राइम’ ब्रिटेन के बहु-सांस्कृतिक समाज के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है.

ब्रिटेन की साख पर सवाल

वाल्सल और ओल्डबरी दोनों घटनाएं यह दर्शाती हैं कि ब्रिटेन में नस्लीय नफरत से जुड़ी हिंसा अभी भी गहराई तक जमी हुई है. जहां एक ओर ब्रिटिश सरकार विविधता और समानता की बात करती है, वहीं दूसरी ओर ऐसी घटनाएं देश की सांस्कृतिक सहिष्णुता पर गहरे सवाल खड़े करती हैं. वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस ने दावा किया है कि वह पीड़िता को पूरा न्याय दिलाने और अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है. पर सवाल यह है कि आखिर कब तक भारतीय मूल की महिलाएं विदेश में अपनी पहचान के कारण ही हिंसा का शिकार बनती रहेंगी?

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