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US Government Shutdown: अमेरिकी 'शटडाउन' का भारतीयों पर कितना पड़ेगा असर? 10 प्वाइंट्स में जानें पूरी बात

America Government Shutdown: अमेरिकी सरकार का 'शटडाउन' भारतीय नागरिकों के लिए कई चुनौतियां लेकर आया है. वीजा सेवाओं में देरी, रोजगार की स्थिति में अनिश्चितता और वित्तीय दबाव जैसे मुद्दे प्रमुख हैं. भारतीय नागरिकों को इन चुनौतियों का सामना करने के लिए सतर्क रहने की जरूरत है. ताकि इससे उत्पन्न समस्याओं से वो पार पा सकें.

US Government Shutdown: अमेरिकी शटडाउन का भारतीयों पर कितना पड़ेगा असर? 10 प्वाइंट्स में जानें पूरी बात
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( Image Source:  Sora AI )

US Shutdown Impact On Indian Diaspora: अमेरिकी सरकार का शटडाउन तब होता है जब वहां की संसद यानी (सिनेट और प्रतिनिधि सभा) अफोर्डेबल केयर एक्ट को पास करने से इनकार कर दे. ऐसा होने पर अमेरिकी कांग्रेस बजट पास नहीं कर पाती है, जिसके कारण सरकार के अधिकांश विभागों को वित्तीय संसाधन मिलना बंद हो जाते हैं. यह शटडाउन १ अक्टूबर 2025 से शुरू हुआ, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कांग्रेस के बीच जरूरी फंडिंग बिल पर सहमति नहीं बन पाई. इसका असर केवल वहां के सरकारी कर्मचारियों पर ही नहीं पड़ा है, वहां रहने वाले लाखों भारतीय प्रोफेशनल्स भी प्रभावित हुए हैं.

अमेरिकी सरकार का शटडाउन होने से वहां पर कई तरह की समस्याएं उठ खड़ी हुई है. दरअसल, डेमोक्रेट सब्सिडी पर जोर दे रहे हैं. जबकि रिपब्लिकन इसका विरोध कर रहे हैं. इस गतिरोध के कारण 7,50,000 संघीय कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया गया है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य केंद्रों को बंद कर दिया गया है और अमेरिका को प्रतिदिन 40 करोड़ डॉलर का नुकसान हो रहा है. आवश्यक सेवाएँ जैसे हवाई यात्रा और अर्थव्यवस्था गंभीर रूप से प्रभावित हैं.

पिछले बंद से नहीं लिया सबक

साल 2018-19 में ट्रम्प के कार्यकाल में पिछला बड़ा बंद 35 दिनों तक चला था, जो इतिहास का सबसे लंबा बंद था. सीमा दीवार के वित्तपोषण को लेकर हुआ वह गतिरोध अंततः जनता के दबाव में समाप्त हुआ, जब हवाई अड्डे पर अफरा-तफरी और अवैतनिक कर्मचारियों की वजह से सुर्खियां बनी रहीं. साल 2013 और 2018 में हुए पहले के शटडाउन ने भी यह दर्शाया कि रियायतें हासिल करना कितना मुश्किल है. हर मामले में, अड़ियल माने जाने वाले राजनीतिक पक्ष को जनता के दोष का खामियाजा भुगतना पड़ता रहा है. इस बार, सर्वेक्षणों से पता चलता है कि अमेरिकी राजनीतिक लक्ष्यों की परवाह किए बिना शटडाउन का विरोध कर रहे हैं. लगभग एक-तिहाई मतदाता दोनों दलों को समान रूप से दोषी ठहराते हैं, लेकिन सत्ता में होने के कारण ट्रम्प और रिपब्लिकन को ज्यादा जोखिम का सामना करना पड़ सकता है.

10 प्वाइंट में जानें सब कुछ

1. भारतीय छात्रों और पेशेवरों की बढ़ी मुश्किलें

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शटडाउन के कारण अमेरिकी श्रम विभाग की गतिविधियां ठप हो गई हैं, जिससे नए H-1B वीजा और रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड आवेदन प्रभावित हो रहे हैं. शटडाउन के कारण वीजा और पासपोर्ट सेवाओं में देरी हो सकती है, जिससे भारतीय छात्रों और पेशेवरों को अमेरिका में अपने वीजा या रोजगार की स्थिति बनाए रखने में कठिनाई हो सकती है.

2. भारतीय IT कंपनियों पर प्रभाव

H-1B वीजा शुल्क में वृद्धि और शटडाउन के कारण अमेरिकी कंपनियां भारतीय IT कंपनियों से आउटसोर्सिंग कम कर सकती हैं, जिससे भारतीय IT उद्योग पर दबाव बढ़ सकता है. यूएस दूतावास ने पुष्टि की है कि वीज़ा सेवाएं जारी रहेंगी, लेकिन प्रक्रिया में देरी हो सकती है.आवश्यक सेवाओं के लिए कर्मचारियों को बिना वेतन के काम करने के लिए कहा गया है, जिससे संसाधनों की कमी हो सकती है.

3. भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों पर असर

शटडाउन के कारण भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों को सरकारी सेवाओं में देरी का सामना करना पड़ सकता है, जिससे उनकी दैनिक गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं. इसके अलावा, भारतीय स्वास्थ्य सेवाओं पर शटडाउन का प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ा है, लेकिन अमेरिकी स्वास्थ्य नीतियों में परिवर्तन का अप्रत्यक्ष असर हो सकता है. अमेरिका में काम करने वाले भारतीय नागरिकों को वेतन में देरी या कटौती का सामना करना पड़ सकता है, जिससे उनके परिवारों की वित्तीय स्थिति प्रभावित हो सकती है।

4. भारतीय व्यापारियों और निवेशकों पर असर

अमेरिका में व्यापार करने वाले भारतीय नागरिकों को व्यापारिक लाइसेंस, अनुमति पत्र और अन्य सरकारी सेवाओं में देरी का सामना करना पड़ सकता है, जिससे उनके व्यापार प्रभावित हो सकते हैं. अंतरराष्ट्रीय यात्रा और यूएस प्रवेश बंदरगाह खुले रहेंगे, लेकिन एयरलाइन सेवाओं में देरी और सुरक्षा जांच में लंबी कतारें का सामना करना पड़ता है. E-Verify प्रणाली, जो रोजगार पात्रता की जांच करती है, अस्थायी रूप से बंद हो गई है, जिससे नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के लिए समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.

5. भविष्य की संभावनाएं और समाधान

यदि शटडाउन लंबा चलता है तो भारतीय नागरिकों को वीजा नवीनीकरण, रोजगार की स्थिति और अन्य सरकारी सेवाओं में देरी का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में भारतीय नागरिकों को अमेरिकी सरकार की आधिकारिक सूचनाओं और कांसुलेट सेवाओं से अपडेट रहना चाहिए.

6. सरकारी विभाग और कर्मचारी सबसे ज्यादा प्रभावित

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सरकार के अलग-अलग विभागों में कार्यरत 7,50,000 संघीय कर्मचारी या तो बिना वेतन के अवकाश पर भेज दिए गए हैं या बिना वेतन काम कर रहे हैं. प्रभावित विभागों में शिक्षा, श्रम, वाणिज्य, NASA, और श्रम सांख्यिकी ब्यूरो व अन्य शामिल हैं. रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक स्वास्थ्य देखभाल के वित्तपोषण को लेकर उलझे हुए हैं. इस गतिरोध के कारण लाखों संघीय कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है, जबकि पेंसिल्वेनिया में लिबर्टी बेल से लेकर हवाई में पर्ल हार्बर तक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय स्वास्थ्य केंद्रों को बंद कर दिया गया है.

7. अमेरिकी सरकार के ये विभाग बंद

अमेरिकी शटडाउन की वजह से महत्वपूर्ण सेवाएं जैसे सैन्य, Medicare, Medicaid, और हवाई सुरक्षा जारी हैं, लेकिन कई नागरिक सेवाएं निलंबित या प्रभावित हुई हैं. जबकि राष्ट्रीय उद्यान, संग्रहालय और स्मारक बंद हो गए हैं, जिससे पर्यटन और पर्यावरण सुरक्षा पर असर पड़ा है.

8. अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर असर

शटडाउन के कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था को हर सप्ताह $15 बिलियन का नुकसान हो सकता है. यदि शटडाउन एक महीने तक चलता है, तो लगभग 43,000 अतिरिक्त लोग बेरोजगार हो सकते हैं. उपभोक्ता खर्च में $30 बिलियन की गिरावट का अनुमान है, जिसमें से आधा संघीय कर्मचारियों की आय में कमी और आधा व्यापक आर्थिक प्रभाव के कारण. बंद की वजह से वित्तीय बाजारों को हिलाकर रख दिया है. वॉल स्ट्रीट पर, फंडिंग खत्म होने के तुरंत बाद S&P 500 और डाउ जोंस में 0.6% की गिरावट दर्ज की गई. जबकि वैश्विक बाजारों ने सतर्कता बरती. निवेशकों को डर है कि मासिक रोजगार रिपोर्ट सहित प्रमुख डेटा रिलीज में रुकावट आ सकती है, जिसमें देरी हो सकती है. 2018-19 में 35 दिनों के बंद से अर्थव्यवस्था को 3 अरब डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद का नुकसान हुआ था.विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि अगर यह लंबे समय तक जारी रहा तो इस बार नुकसान और भी ज्यादा हो सकता है.बंद पूरे देश में आर्थिक लागत, भय और भ्रम पैदा करते हैं.

9. खतरे में निवेशकों का भरोसा

आर्थिक नुकसान न केवल वेतन में कमी से बल्कि निलंबित सरकारी अनुबंधों, विलंबित परियोजनाओं और कम उपभोक्ता खर्च से भी आ रहा है. बंद के प्रत्येक दिन के सेवाओं, अनुसंधान और स्थानीय परियोजनाओं के लिए अरबों डॉलर के संघीय भुगतान रोक दिए गए हैं. खास बात यह है कि एक छोटा सा बंद भी निवेशकों के विश्वास को नुकसान पहुंचा सकता है, विकास को कमजोर कर सकता है और महत्वपूर्ण सेवाओं को बाधित कर सकता है. यह जितना लंबा चलेगा, अर्थव्यवस्था के लिए तेजी से उबरना उतना ही मुश्किल होगा.

10. हवाई यात्रा और सुरक्षा पर प्रभाव

शटडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला अमेरिका का विमानन सेवा विभाग है. 13,000 से अधिक हवाई यातायात नियंत्रक और हजारों अन्य विमानन सुरक्षा कर्मचारी बिना वेतन के काम कर रहे हैं. परिवहन विभाग ने पुष्टि की है कि उसके 44,800 कर्मचारियों में से 11,300 को छुट्टी पर भेज दिया गया है, जिससे नियम-निर्माण, निरीक्षण और निगरानी प्रभावित हो रही है. विमानन यूनियनों ने चेतावनी दी है कि अगर बंद जारी रहा तो थकान और मनोबल की समस्याएं सुरक्षा को खतरे में डाल सकती हैं. लंबे समय तक बंद रहने के कारण हवाई अड्डों पर देरी और कर्मचारियों की कमी देखी गई थी. हवाई यातायात नियंत्रण प्रणाली के प्रमुख उन्नयन को भी स्थगित कर दिया गया है. एयरलाइंस ने चेतावनी दी है कि यात्रियों और बड़े पैमाने पर उद्योग को राजनीतिक गतिरोध का खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

वर्ल्‍ड न्‍यूजडोनाल्ड ट्रंप
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