'भारत की लीडरशिप देखकर नेपाल को भी सीखना चाहिए', नेपाल में अब तक कितना पहुंचा मौत आंकड़ा? पढ़ें Top Updates
नेपाल की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद अब देश की बागडोर पूर्व मुख्य न्यायाधीशा सुषिला कार्की को सौंपी जा रही है. 71 वर्षीय कार्की को नेपाल के Gen-Z प्रदर्शनकारियों ने अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए चुना है. हाल ही में उन्होंने भारत से अपने गहरे रिश्तों और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में गुज़ारे सुनहरे दिनों को याद किया, हिंसा में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है तो वहीं हजार के करीब घायल होने की खबर बताई जा रही है.

नेपाल की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद अब देश की बागडोर पूर्व मुख्य न्यायाधीशा सुषिला कार्की को सौंपी जा रही है. 71 वर्षीय कार्की को नेपाल के Gen-Z प्रदर्शनकारियों ने अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए चुना है. हाल ही में उन्होंने भारत से अपने गहरे रिश्तों और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में गुज़ारे सुनहरे दिनों को याद किया, हिंसा में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है तो वहीं हजार के करीब घायल होने की खबर बताई जा रही है.
News18 से बातचीत में सुषिला कार्की ने कहा कि युवाओं ने जिस विश्वास के साथ उन्हें यह जिम्मेदारी दी है, उससे वे खुद को विनम्र और कृतज्ञ महसूस करती हैं. उन्होंने कहा कि 'Gen-Z समूह ने मुझ पर भरोसा जताया है कि मैं थोड़े समय के लिए सरकार का नेतृत्व करूं. मैं राष्ट्रीय हित में काम करने के लिए तैयार हूं.'
'भारतीय मुझे बहन की तरह मानते हैं'
भारत के प्रति अपने स्नेह का ज़िक्र करते हुए कार्की बोलीं मैं भारतीय नेताओं से बहुत प्रभावित हूं… भारतीय मित्र मुझे बहन की तरह मानते हैं. मैं मोदी जी को नमस्कार करती हूं. मोदी जी के बारे में मेरी अच्छी धारणा है.
उन्होंने बताया कि BHU में पढ़ाई के दिनों ने उनके जीवन पर गहरी छाप छोड़ी. 1975 में उन्होंने वहां से राजनीति विज्ञान में मास्टर्स की डिग्री हासिल की थी. कार्की ने कहा कि, 'मैंने बीएचयू में पढ़ाई की है… मेरे भारत में बहुत सारे दोस्त हैं. मुझे आज भी बीएचयू के अपने शिक्षक याद हैं. भारत के साथ हमारा संबंध बहुत अच्छा है और यह कई वर्षों पुराना है. भारत ने नेपाल की बहुत मदद की है. भारतीय हमेशा नेपाल के लिए शुभकामनाएं देते हैं."
कौन हैं सुषिला कार्की?
सुषिला कार्की नेपाल की न्यायपालिका में इतिहास रच चुकी हैं. वर्ष 2016 में वे देश की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनीं. अपने बेबाक फैसलों और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के लिए वह जानी जाती हैं. उनके कार्यकाल के दौरान कई ऐतिहासिक फैसले आए, जिनमें एक सिटिंग मंत्री को भ्रष्टाचार के मामले में जेल भेजना शामिल है. हालांकि उनकी सख्त छवि और स्वतंत्र रुख ने उन्हें सत्ता प्रतिष्ठान से टकराव में भी ला दिया. 2017 में उन पर महाभियोग प्रस्ताव भी लाया गया, जिसे व्यापक रूप से उनकी स्वतंत्र कार्यशैली के खिलाफ राजनीतिक बदले की कार्रवाई माना गया. मुख्य न्यायाधीश बनने से पहले कार्की ने 1970 के दशक से वकालत, फिर न्यायाधीश और धीरे-धीरे सुप्रीम कोर्ट तक अपनी लंबी कानूनी यात्रा तय की.
नेपाल-भारत रिश्तों की झलक
सुषिला कार्की के हालिया बयान नेपाल और भारत के मजबूत रिश्तों को नई दिशा दे सकते हैं. भारत में अपनी पढ़ाई और अनुभवों को उन्होंने नेपाल-भारत मैत्री का अहम हिस्सा बताया. उनका कहना है कि भारत ने हमेशा नेपाल की मदद की है और भारतीय जनता नेपाल के लिए शुभकामनाएं रखती है.