6000 आप्रवासियों को जिंदा ही मार डाला! सेल्फ डिपोर्टेशन के लिए कैसा है ट्रम्प का ये फरमान?
सेल्फ डिपोर्टेशन के लिए ट्रंप सरकार ने एक नया कदम उठाया है, जिसमें उन्होंने 6 हजार लोगों को पेपर पर मृत बताया है. साथ ही, सोशल सिक्योरिटी नंबर भी कैंसिल कर दिया है, जिससे लोगों को बैंक का इस्तेमाल करने में मुश्किल आएगी.

डोनाल्ड ट्रंप का डिपोर्टेशन कैंपेन थमने का नाम नहीं ले रहा है. अवैध रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ सरकार जोरदार एक्शन में है. अब ट्रंप ने एक नया दांव खेला है, जिसके तहत 6,000 लोगों को मृत करार दे दिया है. इससे लोगों का सोशल सिक्योरिटी नबंर कैंसिल कर दिया जाएगा और वह काम नहीं कर पाएंगे.
यह कदम इसलिए उठाया गया है, ताकि सेल्फ डिपोर्टेशन करें. इसका मतलब है कि वह किसी भी कानूनी कार्रवाई का सामना किए बिना अपनी इच्छा से अपने देश वापस जा सकता है.
क्या होता है सोशल सिक्योरिटी नबंर?
यह नौ डिजीट नंबर होता है, जो कानूनी तौर पर मिलता है. यह अमेरिकी नागरिकों, स्थायी निवासियों और अस्थायी रूप से काम करने वाले लोगों को दिया जाता है. इन नंबर्स का इस्तेमाल अलग-अलग ऑफिशियल कामों के लिए किया जाता है. इसमें इनकम को ट्रैक किया जाता है. ऐसे में माइग्रेंट्स से यह नंबर छिनना उन्हें कई तरह की मुश्किल में डाल सकता है. इसमें सबसे पहले बैंक सर्विस शामिल है.
क्या है CBP One ऐप
जो बिडेन की सरकार में सीबीपी वन ऐप का 900,000 से ज्यादा प्रवासियों ने इस्तेमाल किया है. डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने इस ऐप का उपयोग करने वालों का लीगल स्टेट्स हटा दिया है. इन लोगों को बिडेन शासन के दौरान प्रेजिडेंशियल पेरोल अथॉरिटी के तहत वर्क ऑथराइजेशन के साथ दो साल तक अमेरिका में रहने की परमिशन दी गई थी.
किस आधार पर चुने गए लोग?
सेल्फ डिपोर्टेशन का दबाव डालने के लिए 6000 से ज्यादा अप्रवासियों को डेटाबेस में डेड लिस्ट किया जा रहा है. हालांकि, अभी तक इस बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है कि इन लोगों को किस आधार पर चुना गया है, लेकिन एक कॉमन फैक्टर यह है कि इन लोगों को बिडेन की सरकार में टेंपररी माइग्रेशन मिला हुआ था.