गुलाबी चांद का दीदार करने के लिए रहें तैयार, क्या है Pink Moon? जानें इसे कहां देख सकते हैं
पिंक मून को माइक्रोमून' भी कहा जाता है. यह तब होता है जब चंद्रमा अपने ऑर्बिट में पृथ्वी से सबसे दूर मौजूद होता है. यह चांद चंद्रमा कन्या राशि के चमकदार नीले-सफेद तारे स्पाइका के करीब होगा. नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के मुताबिक इसके अलग-अलग नाम हैं.

स्नो मून के बाद 14 मार्च 2025 यानी होली वाले दिन चंद्र ग्रहण था, जिसे ब्लड मून भी कहा जाता है. आपने फुल मून और ब्लड मून के बारे में तो जरूर सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पिंक मून भी होता है?
कल 12 अप्रैल को पिंक मून दिखेगा, जो जगह के बेस पर सनराइज या सनसेट के दौरान दिखाई देगा. स्पेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक रात 8:22 बजे EDT (13 अप्रैल को 0022 GMT) पर सबसे ज्यादा चमकेगा.
क्यों कहा जाता है पिंक मून?
पिंक मून में चांद गुलाबी नहीं होता है. बल्कि इसका नाम एक जंगली फूल फ्लॉक्स पर पड़ा है, जो शुरुआती वसंत खिलने के साथ मेल खाती है. पहले के समय में अमेरिका और यूरोपीय ट्रेडिशन में पूर्णिमा को अक्सर नेचर में सीजन के बदलाव के हिसाब से नाम दिया जाता था.
कैसा दिखेगा पिंक मून?
पिंक मून में चांद का रंग गुलाबी नहीं होगा, लेकिन यह साल की सबसे छोटी पूर्णिमा है, जिसे 'माइक्रोमून' भी कहा जाता है. यह चांद चंद्रमा कन्या राशि के चमकदार नीले-सफेद तारे स्पाइका के करीब होगा. नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के मुताबिक इसके अलग-अलग नाम हैं. इनमें स्प्राउटिंग ग्रास मून, एग मून, फिश मून शामिल हैं. कोस्टल ट्राइब्स में फिश मून तब होता है, जब जब मछलियां अंडे देने के लिए ऊपर की ओर तैरती हैं.
कहां दिखेगा पिंक मून?
इस दौरान पिंक मून थोड़ी देर के लिए स्पाइका को कवर कर लेता है, जिसे आकल्टेशन कहा जाता है, जो मध्य और दक्षिण अमेरिका और दक्षिणी अफ्रीका के क्षेत्रों में आसमान देखने वालों के लिए सोने पर सुहागा है. आप पिंक मून को मोंटेवीडियो, कराकास और ब्यूनस आयर्स सहित कई शहरों में अलग-अलग समय पर देख सकते हैं.