कोबरा कमांडो - जिनकी परछाईं से कांपते हैं नक्सली, Ex CRPF IG KK Sharma एक्सक्लूसिव
जब भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान की आतंकी नर्सरियों को खाक में मिला दिया, उसी वक्त देश के भीतर, जंगलों में एक और युद्ध बिना शोर-गुल के जारी था, सीआरपीएफ की कोबरा कमांडो फोर्स की तरफ से. ये वो फोर्स है, जो नक्सलियों के लिए सिर्फ नाम नहीं, मौत का दूसरा नाम बन चुकी है. जिनकी पदचाप से जंगलों की मिट्टी कांपती है और जिनकी परछाईं से भी नक्सली थरथरा जाते हैं. तो आखिर कौन हैं ये कोबरा कमांडो? क्या है इस स्पेशल फोर्स का वो खौफ, जिसने देश के दुश्मनों की रातों की नींद उड़ा दी? इसी सवाल की तह तक पहुंचने के लिए स्टेट मिरर हिंदी के क्राइम इनवेस्टीगेशन एडिटर संजीव चौहान ने सीधी बात की उस शख्स से, जो खुद इस कोबरा यूनिट की 10 बटालियनों यानी करीब 10,000 जवानों का नेतृत्व कर चुका है, रिटायर्ड आईजी कमल कांत शर्मा (केके शर्मा), जिन्हें नक्सली ‘अकाल मौत’ की आहट मानते थे.