Uttarkashi Cloudburst: नहीं मिल रहा राशन! धराली में इतनी बड़ी आपदा और मिले सिर्फ इतने रुपये, पैसों को लेकर क्यों भड़के लोग?
Uttarkashi Cloudburst: उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में 5 अगस्त 2025 को बादल फटने से आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई. ग्रामीणों ने बताया कि धराली में बादल फटने की घटना के बाद, इलाके में बिजली नहीं थी. इसलिए उन्हें मोमबत्तियों के पैकेट बांटे गए, लेकिन वो भी 4 दिन बाद उनके पास पहुंचे.
Uttarkashi Cloudburst: उत्तरकाशी में बादल फटने से जो तबाही मची और इसके बाद का हाल क्या हुआ, ये सभी जानते हैं. धराली गांव पूरी तरह से तबाह हो गया. बसे-बसाए लोगों के घर उजड़ गए, उन्हें सिर छिपाने के लिए कहीं और पनाह लेनी पड़ रही है. प्रशासन ने शु्क्रवार (9 अगस्त) को प्रभावित लोगों को 5-5 हजार रुपये का चेक दिया. इतनी कम मदद देखकर ग्रामीण भड़क उठे.
उत्तराखंड सरकार ने आपदा प्रभावित लोगों ने मदद की उम्मीद लगाई थी, जिससे वह फिर से अपनी जिंदगी शुरू कर सकें. लेकिन सरकार ने राहत के नाम पर 5 हजार पकड़ा दिए. लोगों ने कहा कि हमारे दुखों का अपमान है. हमने अपना सब कुछ खो दिया, हमारे परिवार, घर करोड़ों का बिजनेस. यह रकम अपमान है.
ग्राणीमों का झलका दर्द
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ग्रामीणों ने बताया कि धराली में बादल फटने की घटना के बाद, इलाके में बिजली नहीं थी. इसलिए उन्हें मोमबत्तियों के पैकेट बांटे गए, लेकिन वो भी 4 दिन बाद उनके पास पहुंचे. दूसरे ने कहा, हमनें इतनी रातें अंधेरे में बिताई और खाने के लिए लकड़िया जलाई. धामी सरकार ने राशन पहुंचाने का एलान किया, लेकिन वो हमारे तक पहुंचा ही नहीं है. हम राशन की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं.
धरना-प्रदर्शन पर उतरे गांव वाले
शुक्रवार (9 अगस्त) को डीएम और एसडीएम के दफ्तरों के बाहर ग्रामीणों ने काफी हंगामा किया. देरी से मदद पहुंचने को लेकर नारेबाजी भी की. उन्होंने 'मोदी घाम तापो' नारे लगाए. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मार्च 2025 में हर्षिल यात्रा पर आए थे, तब उन्होंने यह नारा दिया था.
ग्रामीणों का कहना है कि वहीं गांव अब बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहा है. परेशान है. अधिकारियों का कहना है कि अभी 5 हजार रुपये का चेक किया जा रहा है. आपदा में कितना नुकसान हुआ इसका आकलन किया जा रहा है.
कब फटना उत्तरकाशी में बादल?
उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में 5 अगस्त 2025 को बादल फटने से आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई. इस घटना में कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग लापता हैं. अब तक 164 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है. 5 अगस्त को उत्तरकाशी में 8 से 43 मिमी तक वर्षा दर्ज की गई जो सामान्य से अधिक थी. लेकिन बादल फटने की परिभाषा के अनुसार नहीं आती. इसलिए अधिकारियों ने इस घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है, जिसमें ग्लेशियर झीलों का फटना, भूस्खलन या ऊपरी क्षेत्रों से अचानक पानी का बहाव शामिल हो सकते हैं.





