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नैनीताल हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव पर लगी रोक हटाई, महेंद्र भट्ट बोले- सरकार ने किया नियमों का पालन, विपक्ष ने फैलाया भ्रम

उत्तराखंड में लंबे समय से रुके पंचायत चुनावों को नैनीताल हाईकोर्ट से हरी झंडी मिल गई है. कोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया पर लगी रोक को हटा दिया है और राज्य निर्वाचन आयोग अब नई अधिसूचना जारी करेगा. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार का फैसला नियमों के अनुरूप था और विपक्ष ने केवल अपने स्वार्थ में शोर मचाया. भाजपा अब पंचायत चुनाव को लेकर फ्रंटफुट पर आ गई है.

नैनीताल हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव पर लगी रोक हटाई, महेंद्र भट्ट बोले- सरकार ने किया नियमों का पालन, विपक्ष ने फैलाया भ्रम
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( Image Source:  X )

Uttarakhand Panchayat Election: लंबे कानूनी संघर्ष के बाद उत्तराखंड में पंचायत चुनाव कराने की मंजूरी मिल गई है. नैनीताल हाईकोर्ट ने चुनाव पर लगी रोक हटाते हुए राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिए हैं कि वह जल्द चुनावी कार्यक्रम घोषित करे. इस फैसले के बाद राज्य की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है.

भाजपा कोर्ट के फैसले को अपनी जीत मान रही है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि हाईकोर्ट का निर्णय स्पष्ट करता है कि सरकार द्वारा किया गया आरक्षण, परिसीमन और चुनावी प्रक्रिया पूरी तरह से वैध है. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग सिर्फ व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए कोर्ट गए थे, आज उन्हें मुंह की खानी पड़ी है.

'भाजपा पूरी तरह से तैयार है'

महेंद्र भट्ट ने यह भी कहा कि चुनाव पर से रोक हटते ही भाजपा पूरी तरह से तैयार है. उनकी टीम लगातार जमीनी स्तर पर काम कर रही है और योग्य प्रत्याशियों की तलाश जारी है. उन्होंने कहा कि जैसे ही निर्वाचन आयोग नई तारीखों की घोषणा करेगा, भाजपा पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी. इस फैसले के बाद एक तरफ जहां बीजेपी इसे सरकार की नीतियों की वैधता का प्रमाण मान रही है, वहीं कांग्रेस इस पर अब भी आलोचना करती नजर आ रही है.

क्या था मामला?

हरिद्वार को छोड़कर उत्तराखंड के 12 जिलों में साल 2019 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हुए थे, जिनका कार्यकाल 2024 में खत्म हो गया. सरकार को समय रहते चुनाव कराने चाहिए थे, लेकिन उसने पंचायतों को छह महीने के लिए प्रशासकों के हवाले कर दिया, लेकिन निर्धारित समय में भी चुनाव नहीं हो पाए.

ये भी पढ़ें :अब खतरे वाली जगहों पर नहीं ले सकेंगे सेल्फी, लापरवाही में लोग गंवा रहे हैं अपनी जानउत्तराखंड पंचायत चुनाव पर लगी रोक हाईकोर्ट ने हटाई, महेंद्र भट्ट बोले- सरकार ने किया नियमों का पालन, विपक्ष ने फैलाया भ्रम

राजभवन से टकराव

जब सरकार ने प्रशासकों का कार्यकाल फिर बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा, तो राजभवन ने बिना विधायी सलाह के भेजे गए प्रस्ताव को वापस कर दिया. नतीजतन, कुछ दिन पंचायतें बिना किसी जिम्मेदार प्रशासन के चलती रहीं.

फिर से प्रशासक नियुक्त

9 जून को सरकार ने दोबारा दो महीने के लिए पंचायतों में प्रशासकों की तैनाती की. इसी बीच 10 जून को आरक्षण नोटिफिकेशन जारी हुआ और 19 जून को आरक्षण प्रस्ताव राज्य निर्वाचन आयोग को भेजा गया.

अदालत की रोक और फिर राहत

21 जून को आयोग ने चुनावी अधिसूचना जारी की, लेकिन कुछ याचिकाओं के बाद हाईकोर्ट ने चुनाव पर रोक लगा दी. लगातार सुनवाई के बाद 27 जून को हाईकोर्ट ने यह रोक हटा दी है. अब उम्मीद की जा रही है कि राज्य निर्वाचन आयोग 27 जून की शाम तक पंचायत चुनाव की नई अधिसूचना जारी कर देगा.

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