Begin typing your search...

मंगलसूत्र, नथ और बालियां ही काफी! तीन गहनों से ज्यादा पहना तो लगेगा 50 हजार का जुर्माना, उत्तराखंड के गांव में क्यों बना यह नियम?

उत्तराखंड के चकराता क्षेत्र के कंडार गांव की पंचायत ने महिलाओं के लिए एक नया नियम बनाया है- शादी या समारोहों में तीन से अधिक सोने के गहने पहनना मना है. उल्लंघन पर ₹50,000 का जुर्माना लगेगा. पंचायत का कहना है कि यह फैसला बढ़ती सोने की कीमतों और दिखावे की प्रवृत्ति को रोकने के लिए है. ग्रामीणों ने इसे सामाजिक सुधार की दिशा में अहम कदम बताया है.

मंगलसूत्र, नथ और बालियां ही काफी! तीन गहनों से ज्यादा पहना तो लगेगा 50 हजार का जुर्माना, उत्तराखंड के गांव में क्यों बना यह नियम?
X
( Image Source:  Sora_ AI )

Uttarakhand village gold rule: उत्तराखंड के देहरादून ज़िले के चकराता क्षेत्र के कंडार गांव में एक अनोखा फैसला चर्चा में है. न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां की स्थानीय पंचायत ने एक ऐसा नियम बनाया है, जो न सिर्फ परंपराओं को बल्कि सामाजिक दिखावे की मानसिकता को भी चुनौती देता है. पंचायत ने महिलाओं को शादी और सामाजिक आयोजनों में तीन से अधिक सोने के आभूषण पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है.

केवल तीन गहनों की अनुमति

पंचायत के नए नियम के अनुसार, महिलाएं अब केवल मंगलसूत्र, नाक की नथ और कान की बालियां ही पहन सकती हैं. अगर कोई महिला इससे अधिक गहने पहनती है, तो उसे ₹50,000 का जुर्माना भरना होगा. पंचायत का कहना है कि यह कदम बढ़ते सोने के दामों और सामाजिक प्रतिस्पर्धा की वजह से लिया गया है, ताकि गरीब परिवारों पर दिखावे का बोझ कम हो सके.

बुजुर्ग महिलाओं ने किया स्वागत

80 वर्षीय उमा देवी, जो गांव की सबसे बुजुर्ग महिलाओं में से एक हैं, ने इस निर्णय का समर्थन किया. उन्होंने कहा, “हममें से अधिकतर लोग गरीब हैं और सादा जीवन जीते हैं. यह फैसला सही दिशा में उठाया गया कदम है. अब किसी को दूसरों की तरह महंगे गहने पहनने का दबाव नहीं रहेगा.”

बढ़ती कीमतों से टूटी रीति

गांव वालों का कहना है कि बीते 15-20 वर्षों में कुछ परिवारों के पास सरकारी नौकरियां आने के बाद आर्थिक स्थिति सुधरी, जिससे भारी सोने के सेट पहनने की परंपरा बढ़ गई. कई महिलाएं 180-200 ग्राम तक के गहने पहनने लगीं, जिनकी कीमत आज ₹22-25 लाख तक पहुंच गई है. इस कारण गरीब परिवारों पर प्रतिष्ठा बनाए रखने का दबाव बढ़ गया था.

अब शराब पर भी रोक की मांग

गांव की एक और महिला, तुलसा देवी ने पंचायत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अब अगला कदम इंग्लिश व्हिस्की पर प्रतिबंध होना चाहिए. उन्होंने कहा, “पहले हम घर पर ही थोड़ी-बहुत देसी शराब बनाते थे, लेकिन अब ब्रांडेड शराब का चलन बढ़ गया है, जिससे गरीब परिवारों पर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है.”

समाज सुधार की ओर पहला कदम

निर्णय लेने वाली समिति के सदस्य तिलक सिंह ने कहा कि यह तो बस शुरुआत है. पंचायत आगे और भी सामाजिक सुधारों के लिए नए नियम लागू करेगी. उन्होंने कहा, “हमारा मकसद समाज में दिखावे की प्रवृत्ति को खत्म कर सादगी को बढ़ावा देना है.”

उत्तराखंड न्‍यूज
अगला लेख