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यहां चोरी-छिपे बन रही थी सबसे बड़ी मस्जिद, मीनार की ऊंचाई देख दंग रह गए लोग, हड़कंप मचते ही मौके पर पहुंचे DM

हरिद्वार में आइफिल टॉवर जितनी लंबी मस्जिद बनाई जा रही थी. हैरानी की बात यह है कि इसके लिए कोई परमिशन नहीं ली गई थी. इस मस्जिद को लेकर सोशल मीडिया पर कई दावे और अफवाहें फैलने लगी थीं. कुछ लोग इसे 'उत्तराखंड की सबसे बड़ी मस्जिद' बता रहे थे. जैसे ही इस मस्जिद के बारे में प्रशासन को पता चला, डीएम ने तुरंत काम बंद करवा दिया.

यहां चोरी-छिपे बन रही थी सबसे बड़ी मस्जिद, मीनार की ऊंचाई देख दंग रह गए लोग, हड़कंप मचते ही मौके पर पहुंचे DM
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( Image Source:  AI Perplexity )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 29 July 2025 7:06 PM IST

हरिद्वार के सुल्तानपुर इलाके में जब एक विशाल मस्जिद की मीनारें ऊपर उठती दिखीं, तो लोगों की नजरें ठहर गईं. स्थानीय निवासियों को हैरानी हुई कि इतना बड़ा निर्माण किसकी परमिशन पर और किस मकसद से हो रहा है? जांच में सामने आया कि इस मस्जिद को बनाने के लिए किसी भी तरह की इजाजत जिला प्रशासन से नहीं ली गई थी.

न नक्शा पास कराया गया था, न ही ज़मीन के कागज़ प्रशासन के पास जमा थे. फिर भी निर्माण तेज़ी से चल रहा था और 250 फीट ऊंची मीनार खड़ी की जा चुकी थीं. प्रशासन को जब इस बात का पता चला, तो तुरंत डीएम ने मौके पर पहुंचर काम रुकवाया.

साधु-संतों में उबाल

जब यह खबर धार्मिक संत समाज तक पहुंची, तो अखाड़ा परिषद और अन्य संतों में नाराज़गी फैल गई. उन्होंने इस निर्माण पर सवाल उठाए और सरकार से कार्रवाई की मांग की. मामला गर्माता देख खुद हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित मौके पर पहुंचे और फौरन काम रोकने के लिए कहा.

की जा रही दस्तावेज़ों की जांच

डीएम ने साफ कहा कि मस्जिद की ज़मीन और निर्माण से जुड़े सभी दस्तावेज़ों की जांच की जाएगी. मस्जिद इंतजामिया कमेटी को नोटिस जारी किया जा रहा है, जिसमें उन्हें सभी जरूरी मंजूरी और कागजात पेश करने के लिए कहा गया है.

मुख्यमंत्री ने मांगी रिपोर्ट

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में हरिद्वार जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है. साथ ही उन्होंने निर्देश दिए हैं कि ज़मीन और निर्माण कार्य से जुड़े तथ्यों की बारीकी से जांच की जाए. इस वक्त मस्जिद का निर्माण कार्य पूरी तरह से रोक दिया गया है और प्रशासन आगे की कानूनी प्रक्रिया में जुटा है. अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि जांच में क्या सामने आता है और क्या ये निर्माण वैध रूप से आगे बढ़ पाएगा या नहीं.

सनातन परंपरा के केंद्र में उठे सवाल

हरिद्वार को सनातन धर्म का प्रमुख केंद्र माना जाता है, जहां देश-विदेश से संत, साधु और श्रद्धालु आते हैं. ऐसे पवित्र स्थल पर इस तरह के बिना अनुमति निर्माण ने धार्मिक संगठनों और आम लोगों के मन में चिंता पैदा कर दी. VHP के प्रवक्ता पंकज चौहान ने कहा कि 'अखाड़ा और संत समाज इस निर्माण को लेकर बेहद चिंतित हैं. राज्य सरकार तक हमारी बात पहुंच चुकी है. धर्मनगरी में ऐसे अवैध निर्माण स्वीकार नहीं किए जा सकते हैं.'

उत्तराखंड न्‍यूज
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