देहरादून के प्रिंसिपल का अजब फरमान, इतने नंबर वाला स्टूडेंट ही होगा फेयरवेल में शामिल
स्कूल की फेयरवेल पार्टी बच्चों के लिए एक खास दिन होता है, लेकिन क्या हो जब प्रिंसिपल छात्रों को इसमें शामिल होने से मना कर दे. कुछ ऐसा ही हुआ है देहरादून के एक स्कूल के बच्चों के साथ. प्रिंसिपल के इस आदेश के बाद उन पर जांच शुरू कर दी गई है.

देहरादून के वीरपुर स्थित आर्मी पब्लिक की प्रिंसिपल नीलम कौशिक ने प्री-बोर्ड एग्जाम में 60% से कम नंबर वाले 12वीं के बच्चों को फेयरवेल पार्टी में शामिल होने से मना कर दिया था. प्रिंसिपल ने इस आदेश पर साइन किया था, जहां इसके बाद स्कूल की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना की जा रही है.
अब इस मामले में उत्तराखंड चाइल्ड राइट्स प्रोटेक्शन कमीशन ने जांच शुरू की है. जहां कमीशन ने प्रिंसिपल से दो दिन के अंदर व्यक्तिगत रूप से स्पष्टीकरण देने के लिए बुलाया है.
जवाब होना चाहिए संतोषजनक
कमीशन सेक्रटेरी एसके बरनवाल ने प्रिंसिपल कौशिक को एक नोटिस जारी किया. इसमें कहा गया है कि यह आदेश छात्रों का मनोबल गिराने वाला है. अगर इस मामले में संतोषजनक स्पष्टीकरण ने दिया गया, तो इसके लिए संभावित परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.
पिथौरागढ़ के स्कूलों का होगा कायाकल्प
पिथौरागढ़ के स्कूलों कायाकल्प हो रहा है. जहां इस जिले के 13 स्कूल को 1.29 करोड़ की लागत से बेहतर बनाया जाएगा. इसमें धारचूला, मुनस्यारी, डीडीहाट ब्लॉक के स्कूल शामिल हैं. दरअसल इन स्कूलों की स्थिती बेहद बदतर है, जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई में परेशानी आती है. इस जिले के कई स्कूलों की छतें जर्जर हैं. इसके कारण बारिश के मौसम में छत से पानी बहने लगता है. इसके अलावा, खिड़की-दरवाजे भी खराब हो चुके हैं. इन स्कूलों का कायाकल्प पेयजल निगम पिथौरागढ़ करेगा.
स्कूल जाने के लिए कड़ी मशक्कत
जहां एक तरफ उत्तराखंड के स्कूलों को बेहतर बनाया जा रहा है. वहीं, दूसरी ओर हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं. उत्तराखंड के मुनस्यारी का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दो बच्चियां नदी पार कर स्कूल जाती हैं. इतना ही नहीं, वह अपनी जान को जोखिम में डाल नदी पार करने के लिए ट्रॉली का उपयोग कर रही हैं.