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कौन हैं देहरादून के DM साविन बंसल? लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की यात्रा के दौरान प्रोटोकॉल की अनदेखी करने को लेकर चर्चा में

देहरादून के डीएम साविन बंसल पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के मसूरी दौरे के दौरान प्रोटोकॉल का पालन न करने के संबंध में शिकायत की गई है. बंसल वर्तमान में देहरादून के डीएम पद पर तैनात हैं. वह साल 2009 बैच के आईएएस अधिकारी हैं.

कौन हैं देहरादून के DM साविन बंसल? लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की यात्रा के दौरान प्रोटोकॉल की अनदेखी करने को लेकर चर्चा में
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( Image Source:  ani )

Who is Dehradun DM Savin Bansal: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला 12 जुलाई में उत्तराखंड के मसूरी यात्रा पर गए. उनका ये सफर अब राजनीति मोड़ ले चुका है और चर्चा में है. दरअसल बिरला की यात्रा के दौरान देहरादून के डीएम साविन बंसल पर प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया था. इस संबंध में लोकसभा सचिवालय और कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय की ओर से उत्तराखंड सरकार को शिकायत पत्र भेजा गया है.

जानकारी के अनुसार, प्रोटोकॉल डिपार्टमेंट के सचिव विनोद कुमार ने डीएम साविन बंसल के नियमों को न मानने पर जवाब मांगा है. चिट्ठी में कहा गया कि डीएम सहयोग नहीं कर रहे थे. आगे हम आपको आईएएस बंसल के बारे में बताएंगे.

कौन हैं IAS सविन बंसल?

सविन बंसल वर्तमान में देहरादून के डीएम पद पर तैनात हैं. वह साल 2009 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. वे हरियाणा के रहने वाले हैं. उन्होंने साल 2008 में UPSC की परीक्षा पास की थी और रैंक 34वीं थी. उन्हें उत्तराखंड का कैडर अलॉट किया गया और ट्रेनिग के दौरान से ही राज्य में सेवा दे रहे हैं.

वह कई पदों की जिम्मेदारी निभा चुके हैं. बंसल अल्मोड़ा और नैनीताल के डीएम भी रह चुके हैं. हर कोई उनके काम की तरीफ करता है. बंसल ने नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी कुरुक्षेत्र से डिग्री हासिल की थी. उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से रिस्क डिजास्टर में पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया.

दूसरी बार में पास की UPSC परीक्षा

सविन बंसल ने दूसरी बार में UPSC परीक्षा पास की है. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वह कई घंटों तक पढ़ाई करते थे. परिवार का साथ और मेहनत रंग लाई. उनकी पत्नी का नाम सुरभि बंसल है और अपना सादगी के लिए चर्चा में रहती हैं.

क्या है मामला?

लोकसभा सचिवालय के शिकायत पत्र में कहा गया कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की मसूरी यात्रा को लेकर जानकारी देने के लिए सविन बंसल को कई बार फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. बार-बार फोन करने और सूचना देने के बाद भी फोन नहीं उठाया. इसके बाद सीएम कार्यालय से संपर्क करने के बाद इस यात्रा को संपन्न करवाया गया. एक बार वह अपने बच्चे के हेल्थ चेकअप के लिए आम नागरिकों की तरह सरकारी अस्पताल में गई थी. ये मामला काफी चर्चा में रहा था.

उत्तराखंड न्‍यूज
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