उत्तराखंड के पूर्व सीएम का ही नाम वोटर लिस्ट से हुआ गायब, नहीं डाल पाए वोट
उत्तराखंड में 11 नगर निगमों, 43 नगर पालिका परिषदों और 46 नगर पंचायतों के लिए चुनाव हो रहे हैं. जहां राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं किया गया. जिसको लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने मीडिया को जानकारी दी. हरीश रावत नहीं डाल पाए वोट, बीजेपी पर आरोप लगाया.

कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत गुरुवार सुबह पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव में मतदान करने के लिए देहरादून पहुंचे. लेकिन, वह मतदान नहीं कर सके. रावत जो लंबे समय से शहर के निवासी हैं और जिन्होंने अप्रैल-जून के संघीय चुनाव और 2022 के विधानसभा चुनाव में देहरादून के निरंजनपुर मोहल्ले से मतदान किया था, उन्हें बताया गया कि उनका नाम मतदाता सूची से गायब हो गया है, और इस बारे में कुछ नहीं किया जा सकता.
हरीश रावत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, "मैं सुबह से इंतजार कर रहा हूं... लेकिन मेरा नाम उस मतदान केंद्र पर नहीं मिला, जहां लोकसभा चुनाव में 91 लोगों ने मतदान किया था." उन्होंने बीजेपी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि, "मुझे अधिक सतर्क रहना चाहिए था... यह जानते हुए कि वो सूची में नाम जोड़ने और हटाने में शामिल हैं."
पसंदीदा उम्मीदवार को नहीं दे सकते वोट
वहीं हरीश रावत ने जामकारी देते हुए बताया कि राज्य चुनाव आयोग से शिकायत करने पर उन्हें कथित तौर पर बताया गया कि निर्वाचन आयोग का कंप्यूटर सर्वर खराब है और वह अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट नहीं दे सकते.
सीएम धामी ने किया आह्वान
बता दें कि उत्तराखंड में 11 नगर निगमों, 43 नगर पालिका परिषदों और 46 नगर पंचायतों के लिए चुनाव हो रहे हैं. राज्य में बीजेपी सरकार का नेतृत्व कर रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुबह सभी मतदाताओं से अपने मताधिकार का प्रयोग करने और "बीजेपी उम्मीदवारों को जिताने" का आह्वान किया.
उन्होंने कहा, "मैं उत्तराखंड के सभी लोगों से अपील करता हूं कि आप हमेशा भाजपा के साथ खड़े रहे हैं और डबल इंजन वाली सरकार बनाने में मदद की है. आपने नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाया. मैं आप सभी से अपील करता हूं कि कृपया सभी बीजेपी उम्मीदवारों को जिताएं और ट्रिपल इंजन वाली सरकार बनाने में मदद करें."