कोर्ट में बिना सिंदूर लगाए पहुंची महिला... फिर जज ने सुनाया तलाक पर अनोखा फैसला
उत्तर प्रदेश में एक मामले में महिला सिंदूर लगाकर कोर्ट नहीं पहुंची तो उसका तलाक मंजूर कर लिया गया. मामले पर सुनवाई के समय महिला कोर्ट में बिना सिंदूर लगाए पहुंची थी. कोर्ट ने कहा कि सिंदूर न लगाना संकेत है कि भावनात्मक रूप से पति-पत्नी का रिश्ता खत्म हो चुका है. क्योंकि भारत में सिंदूर लगाना विवाह की निशानी से जु़ड़ा है.

UP News: किसी भी महिला की मांग में सिंदूर उसके शादीशुदा होने की निशानी मानी जाती है. स्त्री के सोलह श्रृंगार में यह अहम माता है, लेकिन आज के समय में शादीशुदा महिलाएं भी सिंदूर कम लगाती हैं. अब उत्तर प्रदेश में एक मामले में महिला सिंदूर लगाकर कोर्ट नहीं पहुंची तो उसका तलाक मंजूर कर लिया गया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने नेहरूनगर निवासी ने अपनी पत्नी से तलाक के लिए अर्जी दाखिल की थी. उन्होंने कहा कि उनके बीच काफी लड़ाई होती है. पत्नी ने कथित तौर पर अपनी सांस (78) को घर से बाहर निकालने के लिए व्यक्ति पर दवाब बनाया. जिसके बाद यह मामला कोर्ट पहुंच गया.
कोर्ट ने तलाक को दी मंजूरी
इस मामले पर सुनवाई के समय महिला कोर्ट में बिना सिंदूर लगाए पहुंची थी. कोर्ट ने कहा कि सिंदूर न लगाना संकेत है कि भावनात्मक रूप से पति-पत्नी का रिश्ता खत्म हो चुका है. क्योंकि भारत में सिंदूर लगाना विवाह की निशानी से जु़ड़ा है. पति के वकील के पूछने पर उसने जवाब नहीं दिया. साथ ही विवाह आर्य समाज के हिसाब से बिना दान दहेज के हुआ था. तलाक के मुकदमे के बाद पत्नी ने पति पर दहेज उत्पीड़न व घरेलू हिंसा का केस किया था. इसे क्रूरता मानते हुए कोर्ट ने पति-पत्नी की तलाक की अपील को मंजूरी कर लिया.
पत्नी को देना होगा गुजारा भत्ता
इस मामले में महिला ने कोर्ट में अपने भरण-पोषण के लिए पति से गुजारा भत्ता की मांग के लिए अपील की. पत्नी ने कहा, पति स्टेट बैंक में सीनियर असिस्टेंट की पोस्ट से वीआरएस लेकर रिटायर हुआ है और उसे 60 लाख रुपये मिले थे. साथ ही मंथली 40 हजार पेंशन मिलती है. वहीं पति का कहना है कि उसे मिला सारा रुपया उसकी बीमारी में खर्च हो गया और पेंशन से वो अपने मां का भरण-पोषण करता है. स्त्री धर पत्नी साथ लेकर गई है, मेरे पास कुछ नहीं है. हालांकि दोनों पक्षों की ओर से पैसे की सही जानकारी नहीं दी गई.
सबूतों के आधार पर कोर्ट ने महिला को 14 लाख और 50 हजार देने के निर्देश दिए. वहीं कोर्ट ने स्त्रीधन की अर्जी खारिज कर दी. बता दें कि पत्नी ने अक्टूबर 2014 में झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर ससुराल छोड़कर चली गई. इन आरोपों के जवाब में उसने ससुराल वालों पर उसे पीटने, घर से निकाल देने की धमकी और दहेज में 5 लाख रुपये और जेवर की मांग की थी.