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यूपी में बनवाए दो मदरसे, पाकिस्तान की यात्रा; ED के रडार पर ब्रिटेन में बैठा मौलाना शम्सुल हुदा खान कौन?

इस्लामी धर्मगुरु मौलाना शम्सुल हुदा खान के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है और अब जांच शुरू कर दी है. मौलाना वर्तमान में यूनाइटेड किंगडम में रहता है. यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड (UP ATS) द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई है.

यूपी में बनवाए दो मदरसे, पाकिस्तान की यात्रा; ED के रडार पर ब्रिटेन में बैठा मौलाना शम्सुल हुदा खान कौन?
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( Image Source:  x-@SaffronSwamyy )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 26 Dec 2025 1:43 PM IST

उत्तर प्रदेश में दो मदरसों की स्थापना और पाकिस्तान की यात्राओं के आरोपों के बाद मौलाना शम्सुल हुदा खान सुर्खियों में हैं. फिलहाल में ब्रिटेन में रह रहे इस धर्मगुरु के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू कर दी है. अधिकारियों का कहना है कि खान पर धार्मिक शिक्षा के नाम पर अवैध फंडिंग और कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं.

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मौलाना के पास 30 करोड़ से ज्यादा की चल-अचल संपत्ति भी है. अब यह मामला देश और विदेश दोनों जगह गंभीर जांच के घेरे में है, जिससे उनके वित्तीय और विदेशी कनेक्शन की पड़ताल की जा रही है.

मौलाना शम्सुल हुदा खान कौन है?

मौलाना शम्सुल हुदा खान का जन्म आज़मगढ़ में हुआ था. उन्होंने 1984 में एक सरकारी सहायता प्राप्त मदरसा में सहायक शिक्षक के रूप में काम करना शुरू किया. हालांकि, 2013 में मौलाना ने ब्रिटिश नागरिकता हासिल कर ली और तब से विदेश में रहने लगा, लेकिन आरोप है कि इसके बावजूद उन्होंने 2013 से 2017 तक मदरसे में बिना कोई पढ़ाई या टीचिंग किए पूरी सैलरी ली.

30 करोड़ रुपये से ज्यादा का मालिक

ED की जांच में सामने आया है कि मौलाना शम्सुल हुदा खान ने भारत में 7 से 8 बैंक खाते खोले और इनके जरिए करोड़ों रुपये की धनराशि विदेशी लेनदेन के जरिए लिए और ट्रांसफर किए. इसके अलावा, मौलाना के नाम पर 30 करोड़ रुपये से ज्यादा की दर्जनों संपत्तियां भी पाई गई हैं. आरोप है कि खान ने अपने NGO, राजा फाउंडेशन के जरिए कई मदरसों को पैसे भेजे और साथ ही पर्सनल खातों के जरिए से भी बड़े पैमाने पर वित्तीय लेनदेन किए. यह मामला मौलाना के धन और संपत्ति के स्रोत और उपयोग पर सवाल खड़ा करता है.

यूपी में बनवाए दो मदरसे

मौलाना शम्सुल हुदा खान ने आज़मगढ़ और संत कबीर नगर में दो मदरसों की स्थापना की थी। हालांकि, बाद में संबंधित अधिकारियों ने इन मदरसों का पंजीकरण रद्द कर दिया. आरोप है कि उन्होंने धार्मिक और शैक्षणिक कामकाज के नाम पर कट्टरपंथी विचारों का प्रचार किया और इस बहाने धन भी इकट्ठा किया. इस तरह उनके मदरसों का इस्तेमाल सिर्फ पढ़ाई के लिए नहीं बल्कि अन्य संदिग्ध गतिविधियों के लिए भी किया गया.

दावत-ए-इस्लामी का सदस्य होने का शक

जांच एजेंसियों का कहना है कि मौलाना शम्सुल हुदा खान के यूनाइटेड किंगडम में मौजूद कट्टरपंथी संगठनों से संभावित संपर्क की भी जांच की जा रही है. इसके अलावा, उनकी पाकिस्तान यात्राओं और वहां के चरमपंथी समूहों से संबंधों की भी पड़ताल की जा रही है. आरोप है कि मौलाना पर पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन दावत-ए-इस्लामी के सदस्य होने का शक भी है. ये जांच इस बात की पुष्टि करने की कोशिश कर रही है कि उनका विदेशी कनेक्शन और गतिविधियां कितनी संदिग्ध हैं.

जांच की वर्तमान स्थिति

ED इस समय मौलाना शम्सुल हुदा खान के फंडिंग नेटवर्क, विदेशी कनेक्शन और संबंधित संपत्तियों की विस्तार से जांच कर रही है. अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में अभी कई राज़ सामने आने बाकी हैं और यह जांच लंबी और जटिल प्रक्रिया के तहत चल रही है.

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