यूपी के वो दो अधिकारी कौन हैं, जिन पर योगी के मंत्री आशीष पटेल ने लगाए गंभीर आरोप?
Ashish Patel Big Allegations: योगी सरकार में मंत्री आशीष पटेल इस समय सुर्खियों में हैं. इसकी वजह यह है कि उन पर सपा विधायक पल्लवी पटेल ने प्राविधिक शिक्षा विभाग में हुए प्रमोशन को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. हालांकि, मंत्री ने आरोपों से इनकार करते हुए दो अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. आइए आपको उन अधिकारियों के बारे में बताते हैं...

Ashish Patel Big Allegations: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री पद का जिम्मा संभाल रहे आशीष पटेल पिछले कई दिनों से सुर्खियों में बने हुए हैं. उन पर प्राविधिक शिक्षा विभाग में हुए प्रमोशन को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं. इस पर मंत्री ने आरोपों से इनकार करते हुए दो अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. ये अधिकारी कौन हैं, आइए जानते हैं...
आशीष पटेल ने कहा कि मैं खुली किताब हूं. सीबीआई से मामले की जांच कराइे, लेकिन 1700 करोड़ रुपये का दुरुपयोग कर सूचना विभाग का इस्तेमाल करके न्यूज पेपर में किसी भी नेता का मानमर्दन मत करिए. नहीं तो ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा. मैं डरने वाले नेताओं में नहीं हूं और न ही थप्पड़ खाकर चुप बैठने वाला हूं.
किन अधिकारियों पर आरोप लगा रहे आशीष पटेल?
आशीष पटेल जिन अधिकारियों पर आरोप लगा रहे हैं, वे सूचना निदेशक शिशिर सिंह और एसटीएफ के चीफ अमिताभ यश हैं. उन्होंने एसटीएफ चीफ पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर हिम्मत है तो पैर की जगह सीने पर गोली मारो, लेकिन मेरे खिलाफ साजिश और षड्यंत्र करना बंद करो. वहीं, शिशिर सिंह से कहा कि सूचना विभाग के निदेशक को आगे बढ़कर झूठ, फरेब और मीडिया ट्रायल का यह खेल बंद कराना चाहिए.
कौन हैं शिशिर सिंह?
शिशिर सिंह यूपी के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक हैं. उन्हें 2018 में इस पद पर नियुक्त किया गया था. वह भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी हैं और उत्तर प्रदेश कैडर से संबंधित हैं. उन्होंने अपने करियर में विभिन्न पदों पर कार्य किया है, जिनमें जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और विभिन्न विभागों में सचिव शामिल हैं. उन्हें योगी सरकार का सबसे भरोसेमंद सिपहसालार माना जाता है. सीएम के भरोसे के चलते उन्हें अब तक का सबसे ताकतवर सूचना निदेशक माना जाता है.
पहले प्रमुख सचिव सूचना ही सूचना विभाग की धुरी हुआ करते थे, लेकिन शिशिर सिंह ने इसे अपवाद साबित कर दिया. ऐसा मानना है कि विभिन्न मीडिया घरानों को विज्ञापन बजट आवंटन से जुड़े ज्यादातर अहम फैसले शिशिर ही लेते हैं. गोरखपुर में एसडीएम के तौर पर अपने पहले कार्यकाल ने उन्हें सीएम योगी से रिश्ते बनाने में मदद मिली. जब बीजेपी सरकार सत्ता में आई तो खुद सीएम के आग्रह पर उन्हें सूचना निदेशक बनाया गया.
अमिताभ यश कौन हैं?
अमिताभ यश वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं. वे मौजूदा समय में विशेष कार्य बल यानी एसटीएफ के प्रमुख हैं. उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है. यश को उनकी साहसिक और निर्णायक कार्रवाईयों के लिए जाना जाता है. हाल ही में, उन्होंने बहराइच में उपद्रवियों को दौड़ाया था, जिसमें उन्होंने स्वयं हाथ में पिस्टल लेकर उपद्रवियों का सामना किया था.
अमिताभ यश 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. वे मूल रूप से बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले हैं. उनके पिता रामयश सिंह भी बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी थे. वे डीआईजी के पद से रिटायर हुए थे. मौजूदा समय में यश एडीजी लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं. यश को 2007 में एसटीएफ का एसएसपी बनाया गया, जिसके बाद उन्होंने लोगों के लिए दहशत का पर्याय बने ददुआ गिरोह का सफाया किया था. उन्हें 2017 में आईजी और फिर 2021 में एडीजी बनाया गया.
'तकनीकी शिक्षा विभाग के मंत्री हैं आशीष पटेल'
बता दें कि आशीष पटेल तकनीकी शिक्षा विभाग के मंत्री हैं. वे मोदी सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति हैं. सपा विधायक पल्लवी पटेल ने आरोप लगाया है कि तकनीकी शिक्षा विभाग में एचओडी यानी विभागाध्यक्ष के पदों पर नियुक्ति में गड़बड़ी की गई है. उनका कहना कि मौजूदा सर्विल रूल्स की जगह पुराने नियमों के आधार पर भर्ती कर घोटाला किया गया है. आशीष ने कम से कम 250 लेक्चरर्स को अवैध तरीके से प्रमोशन देकर प्रिंसिपल बनाया गया है.
पल्लवी ने 1 जनवरी को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात कर मामले की जांच कराने की मांग की है. इससे पहले, वे 16 दिसंबर को विधानसभा सत्र के दौरान अनशन पर बैठ गई थीं. उन्होंने कहा था कि सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में अयोग्य उम्मीदवारों को एचओडी के पदों पर प्रमोट किया गया है, जबकि एचओडी की नियुक्ति यूपीएससी के जरिए होती है. इसमें प्रमोशन का कोई प्रावधान नहीं है.
आशीष पटेल ने दी सफाई
पूरे मामले पर आशीष पटेल का कहना है कि तकनीकी विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव एम देवराज की अध्यक्ष में विभागीय पदोन्नति समिति की सिफारिश के साथ ही शीर्ष स्तर पर सहमति के आधार पर प्रमोशन किया गया है. इसके बावजूद मेरा राजनीतिक चरित्र हनन के लिए लगातार मीडिया ट्रॉयल हो रहा है, जो कि स्वीकार नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर विभागीय प्रमोशन गलत है तो सूचना विभाग इस पर स्पष्टीकरण दे.