कुआं, कमल और फूल, संभल की सर्वे रिपोर्ट में क्या- क्या; जामा मस्जिद में मंदिर के सबूत कितने 'मजबूत'?
उत्तर प्रदेश के संभल जिले की शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर अहम जानकारी सामने आई है. संभल की कोर्ट में जामा मस्जिद की पांच दिनों तक चले सर्वे की रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है. सूत्रों के मुताबिक, सर्वे रिपोर्ट से जुड़े कुछ अहम विवरण सामने आए हैं. आइए जानते हैं कि एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट में मस्जिद को लेकर क्या-क्या दावे किए गए हैं-

उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद विवादों में घिरा हुआ है. इसी कड़ी में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर अहम जानकारी सामने आई है. जिसमें बताते चले कि बीते 19 नवंंबर से 24 नवंबर तक सर्वेक्षण किया गया था. जिसके बाद संभल की कोर्ट में जामा मस्जिद की पांच दिनों तक चले सर्वे की रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है. सूत्रों के मुताबिक, सर्वे रिपोर्ट से जुड़े कुछ अहम जानकारी सामने आई हैं. तो आइए अब जानते हैं कि संभल की जामा मस्जिद में मंदिर होने के कितने प्रमाण मिले हैं. डिटेल में जानते हैं सब कुछ.
सूत्रों के अनुसार, सर्वे के पहले दिन, 19 नवंबर को, मस्जिद के अंदर लगभग डेढ़ घंटे तक वीडियोग्राफी की गई. वहीं, दूसरे दिन एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) की टीम ने लगभग तीन घंटे तक वीडियोग्राफी की. सर्वे के दौरान कुल मिलाकर करीब साढ़े चार घंटे की वीडियोग्राफी की गई और लगभग 1200 तस्वीरें ली गईं. इसके अलावा, मस्जिद के भीतर वट वृक्ष और एक कुआं भी पाया गया है. कुआं ऐसी स्थिति में है कि उसका आधा हिस्सा मस्जिद के अंदर और आधा बाहर स्थित है.
अब जल्द सामने आएंगी संभल की सच्चाई
न्यायालय द्वारा नियुक्त अधिवक्ता आयुक्त रमेश सिंह राघव की प्रस्तुत रिपोर्ट में 1,000 से अधिक तस्वीरें और वास्तुकला संबंधी निष्कर्ष शामिल हैं, जिनमें खंभों पर कमल की आकृतियां और मस्जिद में नक्काशीदार कलश प्रमुख हैं. राघव ने आगे बताया कि, 'हमने अपनी रिपोर्ट जज आदित्य सिंह की अदालत में प्रस्तुत कर दी है. रिपोर्ट की सामग्री तब तक सार्वजनिक नहीं की जाएगी जब तक कि सर्वोच्च न्यायालय कोई आदेश जारी नहीं करता.'
सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के तहत धार्मिक स्थलों के सर्वेक्षण से संबंधित नए मुकदमों और आदेशों के पंजीकरण पर रोक लगाने का निर्देश दिया है. इस निर्देश में 15 अगस्त, 1947 के अनुसार पूजा स्थलों के धार्मिक चरित्र को बनाए रखने पर जोर दिया गया है और चल रहे मामलों में अंतरिम या अंतिम आदेशों को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है.
सर्वे का सच
मुख्य गेट के पीछे एक आला (ताख) बना हुआ है, जिसे सीमेंट से बंद किया गया है. इसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि भीतर कुछ दबाया या छिपाया गया हो सकता है. मेहराबनुमा स्थान पर कई आले पाए गए हैं. इनमें से कुछ खाली हैं और कुछ को बंद किया गया है. मुख्य कक्ष के दो दरवाजों को भी बंद कर दिया गया है. माना जा रहा है कि ये दरवाजे पहले नहीं थे और यह स्थान खुला हुआ था.
बजु स्थल के पास बने फव्वारे को खाली कराया गया. फव्वारे में काई जमी हुई थी, और इसके नीचे एक टैंक होने का संकेत मिला है. तीन पत्तियों वाले फूल और कुछ पत्तियां कई स्थानों पर पाई गई हैं. गुंबद पर हाल ही में रंग कराए जाने के संकेत मिले हैं. गुंबद पर आकृतियां उभरती हुई प्रतीत होती हैं.
संभल में सर्वे के दौरान भड़क चुकी थी हिंसा
संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर यह दावा किया गया है कि प्राचीन काल में यह स्थान हरिहर मंदिर हुआ करता था। इस दावे के अनुसार, मस्जिद का निर्माण या इसके स्थान पर मस्जिद बनाने से पहले यहां एक हिंदू मंदिर था, जो हरिहर देवता को समर्पित था. बीते दिन संभल की जामा मस्जिद में इसी दौरान भारी संख्या में लोग जमा हो गए. भीड़ ने पुलिस की टीम पर पत्थर फेंके, जिसके बाद अफरा-तफरी का माहौल हो गया. इस दौरान हुई हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई.