बरेली में सपा नेताओं पर रोक! माता प्रसाद पांडेय के आवास पर पुलिस, संभल में सांसद बर्क के घर के बाहर कड़ी निगरानी
बरेली में 26 सितंबर की सांप्रदायिक हिंसा के बाद सुरक्षा कड़ी. समाजवादी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय और सांसद जियाउर्रहमान बर्क के घरों पर पुलिस तैनात, प्रतिनिधिमंडल को बरेली में प्रवेश नहीं मिला. शहर में भारी सुरक्षा बल, इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं प्रभावित.

बरेली में 26 सितंबर की सांप्रदायिक हिंसा के बाद स्थिति संवेदनशील बनी हुई है. इस बीच समाजवादी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के नेतृत्व में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल 4 अक्टूबर को बरेली जाने वाला था. लेकिन जिला प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश दिए कि बिना अनुमति कोई राजनीतिक प्रतिनिधि बरेली जिले में प्रवेश नहीं कर सकता. इस आदेश के बाद नेताओं का दौरा रोक दिया गया और सुरक्षा बलों ने कड़ा पहरा तैनात किया.
प्रतिनिधिमंडल के बरेली जाने की योजना के मुताबिक, नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के लखनऊ स्थित आवास के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई. पीजीआई थाना की ओर से नोटिस जारी किया गया कि बिना अनुमति बरेली न जाएं. इसी तरह, सांसद जियाउर्रहमान बर्क के निवास के बाहर भी सुरक्षा बल तैनात किए गए, जिससे हाउस अरेस्ट जैसी स्थिति बन गई.
जिला मजिस्ट्रेट के सख्त आदेश
बरेली जिला मजिस्ट्रेट की ओर से जारी पत्र में कहा गया कि जिले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 लागू है. इसके तहत किसी भी बाहरी व्यक्ति, जनप्रतिनिधि या संगठन को सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना जिले में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. पत्र में साफ कहा गया कि सुरक्षा और संवेदनशील माहौल बनाए रखने के लिए बाहर से आने वाले नेताओं को रोका जाए.
सपा नेताओं ने क्या कहा?
माता प्रसाद पांडेय ने मीडिया से कहा कि प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य केवल स्थिति का जायजा लेना था, किसी प्रकार की अराजकता फैलाना नहीं. उन्होंने सवाल उठाया कि क्यों उन्हें रोक दिया गया और कहा कि सभी अधिकारी से बातचीत करेंगे. इसके अलावा, सपा महासचिव और अन्य नेताओं ने भी प्रयास किया लेकिन पुलिस की सख्ती के कारण प्रतिनिधिमंडल आगे नहीं बढ़ सका.
सांसद बर्क के घर के बाहर सुरक्षा
समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल में शामिल सांसद जियाउर्रहमान बर्क के घर के बाहर भी पुलिस तैनात रही. सम्भल में दो स्थानों पर पुलिस उनका आवास घेर कर रखी गई. स्थानीय सीओ कुलदीप सिंह लगातार इलाके की निगरानी कर रहे हैं. सांसद बर्क को बरेली जाने से रोकने के लिए सुरक्षा बलों की उपस्थिति सुनिश्चित की गई.
बरेली में स्थानीय नेताओं की नजरबंदी
प्रतिनिधिमंडल के दौरे से पहले बरेली के स्थानीय सपा नेताओं को भी नजरबंद कर दिया गया. पूर्व राज्यसभा सांसद वीरपाल सिंह यादव और सपा जिला अध्यक्ष शिवचरण कश्यप के घरों के बाहर पुलिस का पहरा था. प्रशासन ने यह कदम शहर में शांति बनाए रखने के मद्देनजर उठाया.
प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन हैं शामिल?
बरेली दौरे के लिए प्रस्तावित 14 सदस्यीय सपा प्रतिनिधिमंडल में माता प्रसाद पांडेय के अलावा सांसद हरेंद्र मलिक, इकरा हसन, जियाउर्रहमान बर्क, मोहिबुल्लाह, नीरज मौर्य, पूर्व सांसद वीरपाल सिंह यादव और प्रवीण सिंह ऐरन शामिल थे. इस दौरे का उद्देश्य हालात का जायजा लेना और स्थानीय नागरिकों से मुलाकात करना था.
कब हुई थी बरेली हिंसा?
26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद बरेली के चार क्षेत्रों में झड़पें हुई थीं. पुलिस और स्थानीय नागरिकों के बीच संघर्ष हुआ, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए. इस मामले में 2,000 से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और 10 नामजद एफआईआर भी दर्ज की गईं. स्थानीय मौलवी तौकीर रजा खान समेत कम से कम 81 लोगों को गिरफ्तार किया गया. सुरक्षा बलों की भारी मौजूदगी में शुक्रवार की नमाज शांतिपूर्ण संपन्न हुई, हालांकि इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद रहीं.