बरेली में हिंसा के बाद पहला जुमे की नमाज, ड्रोन व 8000 जवान तैनात; इंटरनेट बैन व 8 जोन में बंटा शहर
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद और 26 सितंबर की हिंसा के बाद प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है. जुमे की नमाज के मद्देनजर शहर को चार सुपर-जोन और चार स्पेशल-जोन में बांटकर पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स की 8000 जवानों की तैनाती की गई है. ड्रोन कैमरों के जरिए निगरानी की जा रही है और इंटरनेट, मोबाइल सेवाओं को 48 घंटे के लिए बंद कर दिया गया है. मुस्लिम धर्मगुरुओं ने लोगों से शांतिपूर्ण नमाज अदा करने और किसी भी भीड़ में शामिल न होने की अपील की है.

बरेली जिले में 26 सितंबर की हिंसा के बाद प्रशासन पूरी तरह सतर्क है. शुक्रवार को जुमे की नमाज को देखते हुए शहर में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स की भारी तैनाती की गई है और शहर को चार सुपर-जोन और चार स्पेशल-जोन में बांटकर हर इलाके पर निगरानी रखी जा रही है. एहतियातन इंटरनेट बैन कर दिया गया है.
शहर के संवेदनशील इलाकों की निगरानी के लिए तीन सरकारी और पांच प्राइवेट ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है. ये ड्रोन लगातार उड़ान भरकर हालात की लाइव रिपोर्ट अधिकारियों तक भेजते रहेंगे. नागरिकों को चेतावनी दी गई है कि वे अपने घरों की छतों से पत्थर हटा दें, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
सुपर और स्पेशल जोन की भूमिका
सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सुपर-जोन में वरिष्ठ अधिकारी तैनात किए गए हैं. हर सुपर-जोन में एक एसपी, दो एडिशनल एसपी और दो सीओ जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. स्पेशल-जोन में एक एडिशनल एसपी और दो सीओ तैनात किए गए हैं. यह व्यवस्था शहर के संवेदनशील इलाकों जैसे मलूकपुर, इस्लामिया ग्राउंड, कोहड़ापीर और शहदाना को कवर करती है.
इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं पर रोक
प्रशासन ने सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स के माध्यम से अफवाह फैलने की आशंका को देखते हुए जिले में इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं को 48 घंटे के लिए बंद कर दिया है. इस बंदी का समय दो अक्टूबर अपराह्न तीन बजे से चार अक्टूबर अपराह्न तीन बजे तक रखा गया है. अधिकारियों का कहना है कि यह कदम शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक है.
जुमे की नमाज और सुरक्षा बंदोबस्त
जुमे की नमाज को देखते हुए बरेली की सुरक्षा व्यवस्था पांच विभागों में बंट गई है. 13 सर्कल ऑफिसर, 250 इंस्पेक्टर और 2500 सिपाही अलग-अलग स्थानों पर तैनात हैं. इसके अलावा, पैरामिलिट्री फोर्स, पीएसी और पुलिस के लगभग 8000 जवानों की तैनाती की गई है. मुस्लिम धर्मगुरुओं ने अपील की है कि लोग शांतिपूर्ण तरीके से नमाज़ अदा करें और किसी भी प्रदर्शन में शामिल न हों.
26 सितंबर की हिंसा और गिरफ्तारियां
गत शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद कोतवाली क्षेत्र में 2000 से ज्यादा लोगों की भीड़ जमा हुई थी. पत्थरबाजी और लाठीचार्ज में कई लोग घायल हुए. इस हिंसा के सिलसिले में बुधवार तक 81 लोगों को गिरफ्तार किया गया. यह घटना ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद के चलते हुई थी.
सपा सांसद जिया उर रहमान का बयान
संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने पोस्टर का समर्थन करते हुए कहा कि ‘आई लव मोहम्मद’ कहना गलत नहीं है. उन्होंने प्रशासन से अपील की कि दबाव में आकर किसी मासूम की गिरफ्तारी न हो और कानून समान रूप से लागू किया जाए. सांसद ने बुलडोजर कार्रवाई पर भी सवाल उठाया और कहा कि यह केवल कुछ पर लागू नहीं होनी चाहिए.
क्या बोले दिग्विजय सिंह?
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि अवैध निर्माण पर कार्रवाई हो सकती है, लेकिन परिवार को दंड देना न्यायसंगत नहीं है. उन्होंने बताया कि यदि किसी को ‘आई लव मोहम्मद’ कहने पर आपत्ति है, तो इसी तर्ज पर ‘आई लव रामजी’ या ‘आई लव कृष्ण’ पर भी आपत्ति क्यों नहीं होती. सिंह ने कहा कि दंगे रोकने के लिए सरकार और अधिकारी जिम्मेदार हैं.
मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी की अपील
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि नमाज के बाद लोग अपने घरों और दुकानों पर लौट जाएं. उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी भीड़-भाड़ वाले कार्यक्रम या प्रदर्शन में शामिल न हों. नौजवानों से अपील की गई कि वे किसी के बहकावे में न आएं.
प्रशासन की हाई अलर्ट रणनीति
मंडलायुक्त भूपेंद्र एस चौधरी ने बताया कि बरेली, शाहजहांपुर, पीलीभीत और बदायूं जिलों में हाई अलर्ट जारी किया गया है. प्रशासन ने शहर को सुपर-जोन और स्पेशल-जोन में बांटकर सुरक्षा को कड़ा किया है. ड्रोन और पैरा मिलिट्री फोर्स की तैनाती के साथ ही इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं पर रोक रखकर अफवाह फैलने की संभावना को न्यूनतम किया गया है.