रिवर्स लव जिहाद! मुस्लिम महिला के प्यार में शख्स ने बर्बाद की गृहस्थी, महिला ने खून से सीएम को लिखा लेटर
उत्तर प्रदेश से सामने आया एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक महिला ने आरोप लगाया है कि उसका पति लव जिहाद में फंस गया है, जिसके चलते उसके साथ मारपीट की गई और घर से भी बाहर निकाल दिया गया. अब महिला ने गुहार लगाते हुए सीएम को पत्र लिखा है.

लव जिहाद के किस्से अक्सर सुर्खियों में आते हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में पीड़ित युवतियां या अविवाहित महिलाएं होती हैं. पर रायबरेली से सामने आया एक मामला अलग है. यहां एक शादीशुदा महिला ने आरोप लगाया है कि उसका पति लव जिहाद के जाल में फंस गया है.
महिला का दावा है कि उसका बसा-बसाया परिवार बर्बाद हो गया है. पति का जिस महिला से अफेयर है, वह उसके साथ मारपीट करती है. इतना ही नहीं, महिला को उसी के घर से निकाल दिया गया. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि उसने अपनी पीड़ा को बयान करने के लिए मुख्यमंत्री को खून से पत्र लिखा है.
पति का है मुस्लिम महिला से संबंध
महिला ने अपने पत्र में लिखा है कि उसका पति कुछ समय से एक मुस्लिम महिला के साथ संबंधों में उलझ गया है. आरोप है कि यह रिश्ता इतना गहराता गया कि पत्नी की मौजूदगी के बावजूद वह महिला घर आने-जाने लगी. यहां तक कि पीड़िता का कहना है कि उसके पति और उस महिला की रंगरलियां उसके सामने ही चलती थीं. यह स्थिति किसी भी पत्नी के लिए असहनीय होती, और वही इस महिला के साथ हुआ.
दूसरी महिला ने की पत्नी के साथ मारपीट
महिला ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में आगे आरोप लगाया कि पति की नई दोस्त और उसके साथियों ने कई बार उसे प्रताड़ित किया. हद तो तब हो गई जब एक रात घर में उसके साथ मारपीट की गई और उसे घर से बाहर निकाल दिया गया. बच्चों के सामने अपमानित होना और घर से बेघर कर दिए जाने का दर्द वह सह नहीं पाई. यही कारण है कि उसने अपनी फरियाद खून से लिखकर भेजने का कदम उठाया.
पैसे न देने पर ठोका मुकदमा
पीड़िता का आरोप है कि मुस्लिम महिला और उसके दोस्तों ने पति पर लगातार पैसों की डिमांड डाली. जब उसने पति को इस फिजूलखर्ची से रोकने की कोशिश की, तो उसे ही दोषी ठहराया गया और घर से निकाल दिया गया. इतना ही नहीं, पति ने उस पर मुकदमा भी दर्ज करा दिया. अब महिला को अपने ही बच्चों से मिलने के लिए कोर्ट की तारीख पर गैर जनपद आना पड़ता है.
मिलती है जान से मारने की धमकी
महिला का कहना है कि आरोपित महिला और उसके साथी उसे जान से मारने की धमकी देते हैं. उसके पास सबूत भी हैं, लेकिन प्रशासन से उसे कोई मदद नहीं मिल रही. न्याय के लिए दर-दर भटक रही इस महिला ने पत्र में साफ लिखा कि अगर मुख्यमंत्री से भी उसे मदद नहीं मिली, तो वह आत्महत्या कर लेगी. यह चेतावनी बताती है कि उसकी जिंदगी कितने गहरे संकट में है.
पति की सफाई: आरोपों से इनकार
वहीं पति की तरफ से भी पूरी तरह अलग कहानी सामने आती है. उसने 3 सितंबर को पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. उसका कहना है कि दोनों के बीच तलाक का मामला चल रहा है. उसके मुताबिक पत्नी उसे और बच्चों को छोड़कर मायके में रहती है. पति का दावा है कि उसने पत्नी की मांग पर समझौते में तीन दुकानें भी दीं, लेकिन इसके बावजूद पत्नी अपने पुरुष मित्र के साथ मिलकर उस पर पैसों के लिए दबाव बना रही है.
बच्चे भी बने विवाद का हिस्सा
इस विवाद का सबसे दर्दनाक पहलू यह है कि दोनों के छोटे बच्चे मानसिक बीमारी से जूझ रहे हैं. एक ओर मां का आरोप है कि पति ने उसे घर से निकालकर बच्चों से अलग कर दिया है, दूसरी ओर पति का कहना है कि पत्नी बच्चों की जिम्मेदारी उठाने से बच रही है. यानी पति-पत्नी के बीच की खींचतान में मासूम बच्चे सबसे ज्यादा पीड़ित हो रहे हैं.