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अंकल, पापा के 3 दोस्त मेरे साथ...', नोएडा में 9 साल की बच्‍ची से होती रही दरिंदगी, बीमार पड़ी तब खुला मामला

दिल्ली एनसीआर के नोएडा से मासूम से दरिंदगी और रेप मामला सामने आया है. इस मामले में आरोपी पीड़ित बच्ची के पिता के तीन दोस्त ही हैं. बच्ची के साथ एक माह तक चॉकलेट, चिप्स और नमकीन खिलाकर रेप होता रहा, लेकिन उसका पापा शराब के नशे में कमरे में बेसुध पड़ा रहा. मामले का खुलासा तब हुआ जब लड़की बीमार पड़ गई.

अंकल, पापा के 3 दोस्त मेरे साथ..., नोएडा में 9 साल की बच्‍ची से होती रही दरिंदगी, बीमार पड़ी तब खुला मामला
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( Image Source:  Social )

Noida Rape Case: नोएडा में नौ साल की बच्ची के साथ एक महीने तक लगातार दरिंदगी का चौंकाने और शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. दरिंदे कोई और नहीं, बल्कि उसके पिता के दोस्त ही थे. जबकि उसके माता-पिता इससे अनजान रहे. दिल को दहलाने वाले रेप के इस मामले खुलासा उस समय हुआ जब डॉक्टर ने उसकी जांच की और पूछताछ की. उस समय मासूम ने डॉक्टर को उत्पीड़न के बारे में बताया.

टाइम्‍स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित बच्ची ने बताया, "मैं पूरे दिन एक ही जगह पर बैठी रहती हूं. वह अपने बारे में हो, अपने परिवार के बारे में हो, अपने स्कूल के बारे में हो या अपने दिन कैसे बिताती है, के बारे में, नौ वर्षीय मंजू (बदला हुआ नाम) बहुत कम बोलती है."

क्या है मासूम से दरिंदगी की पूरी कहानी?

दरअसल, पीड़िता बच्ची मंजू के बुरे दिन 15 मई को स्कूल में गर्मी की छुट्टियां होने के साथ ही शुरू हो गए थे. स्कूल बंद होने के बाद उसका व्यवहार बदलने लगा था. दोनों माता-पिता मौजूद थे, लेकिन किसी ने भी यह गौर नहीं किया कि लड़की खुद तक सिमटती जा रही है.

हर दूसरे दिन, सेंट्रल नोएडा में एक टाउनशिप के बंगले के एक छोटे से सर्वेंट क्वार्टर में मेहमान आते थे. उनमें से तीन उसके पिता के दोस्त थे. वे उसके पिता के साथ बैठते और शराब पीते. उसके पिता सबसे ज्यादा शराब पीते थे. जब तक कि वे बेहोश नहीं हो जाते. पीड़िता के मुताबिक जब वे बेहोश हो जाते तो दोस्त घर से नहीं जाते. पापा के बेहोश होने के बाद उनके तीनों दोस्त, उसके पास आ जाते. एक दिन चिप्स का पैकेट, दूसरे दिन चॉकलेट लाते थे, लेकिन जब वे उसे 'गुड़िया' कहते, तो वह ठिठक जाती. पापा के तीनों दोस्त के स्पर्श से वह पीछे हट जाती. एक महीने तक तीनों पुरुषों ने उसका यौन शोषण किया. डर के मारे वह वह अपने शराबी और गुस्सैल पिता से अपनी बात नहीं कह सकी. मां तलाक के बाद अपने दूसरे परिवार के साथ व्यस्त थी. हालांकि, अदालत ने आदेश दिया था कि वह उसके साथ रहेगी.

लड़की के साथ हुए भयानक यौन शोषण का पता तब चला जब 17 जून को एक डॉक्टर ने उसकी जांच की और कुछ सवाल पूछे. वह बीमार पड़ गई थी और उसे तेज बुखार था. उसके पिता उसे सेक्टर 30 के जिला अस्पताल ले गए थे. जब डॉक्टर ने उससे पूछा कि क्या उसे जांच के दौरान कोई दर्द महसूस हो रहा है, तो उसने अपनी छाती और कमर की ओर इशारा किया. जब डॉक्टर ने थोड़ा और पूछा तो बच्ची ने बताया कि क्या हुआ था? उसने कहा, 'तीन चाचाओं' ने लगभग एक महीने तक उसके कपड़े उतारे और उसके साथ बार-बार मारपीट की."

डॉक्टर ने पुलिस को दी रेप की सूचना

अस्पताल के एक मेडिकल कर्मचारी ने बताया कि इसके बाद की गई जांच में कोई बाहरी चोट नहीं पाई गई. अस्पताल के एक कर्मचारी ने कहा, "हमने उसके पिता को सूचित किया और उनके मामले की सूचना पुलिस को देने को कहा, लेकिन वह हमसे बहस करने लगा. इसलिए, हमने पुलिस को बुलाया."

पुलिस ने उसके पिता से बयान लिया और 18 जून को एफआईआर दर्ज की गई. लड़की द्वारा पहचाने गए तीन लोगों में एक सुरक्षा गार्ड, एक ड्राइवर और एक कपड़े प्रेस करने वाला शामिल है.

CWC ने बच्ची को चाइल्ड केयर होम भेजा

शुक्रवार को जब मंजू को सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश किया गया तो वह बयान देने में असमर्थ थी. सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष डॉ. केसी विरमानी के अनुसार, "बच्ची चुप थी और उसमें मानसिक आघात के लक्षण दिख रहे थे. उसे फिलहाल चाइल्ड केयर संस्थान में भेजा गया है. वह तब तक वहां रहेगी जब तक ठीक नहीं हो जाती. उसका पारिवारिक वातावरण उसके लिए सुरक्षित नहीं है. हमने यह आदेश दिया है कि उसका बयान सोमवार को मजिस्ट्रेट कोर्ट में दर्ज किया जाना चाहिए. डॉ. केसी विरमानी ने आगे कहा कि सीडब्ल्यूसी की ओर से बच्ची के साथ काउंसलिंग के कई सत्र आयोजित करेंगे.

मासूम का बीमार पड़ना उसकी जिंदगी के लिए वरदान

इस मामले में नोएडा पुलिस ने बताया कि लड़की का अचानक बीमार पड़ना एक वरदान साबित हुआ. पुलिस ने आगे कहा कहा, "अगर वह बीमार नहीं पड़ती तो शायद यह मामला सामने नहीं आता और आरोपी उसका शोषण करते रहते."

POCSO समेत कई धाराओं में केस दर्ज

पिता की शिकायत के आधार पर सेक्टर 20 थाने में बीएनएस की धारा 137(2) (अपहरण) और 75 (यौन उत्पीड़न) के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया. मेडिकल जांच के बाद एफआईआर में बलात्कार के आरोप जोड़े गए.

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "पिछले महीने में तीनों आरोपियों ने अलग-अलग मौकों पर बारी-बारी से उसके साथ बलात्कार किया." इस मामले में तीनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

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