मंदिर के अंदर दलित बुजुर्ग से अभद्रता! पहले गाली दी फिर पेशाब करने का आरोप लगाकर चटवाई जमीन, आरोपी गिरफ्तार
Kakori News: लखनऊ के बाहरी इलाके में एक मंदिर के पास 60 वर्षीय बुजुर्ग को पेशाब करने के आरोप में जमीन चाटने के लिए मजबूर किया गया. घटना के बाद पुलिस ने आरोपी स्वामी कांत को गिरफ्तार कर लिया है. पीड़ित रामपाल रावत ने कहा कि सोमवार की शाम को मैं लखनऊ के काकोरी इलाके स्थित शीतला माता मंदिर गया था.

Kakori News: लखनऊ के काकेरी में 60 साल के एक बुजुर्ग व्यक्ति के साथ शर्मनाक हरकत की, जिसे सुनने के बाद लोगों में गुस्सा देखने को मिल रहा है. दरअसल शीतला माता मंदिर परिसर में बैठकर वह पानी पी रहे थे, तभी उनके साथ अपमानित घटना को अंजाम दिया गया.
जानकारी के अनुसार, बुजुर्ग के हाथ से पानी का लोटा छूट गया, जिससे फर्श पर पानी फैल गया. फिर पम्मू उर्फ स्वामी कांत वहां से गुजरे और उन पर पेशाब करने का आरोप लगा दिया. कांत मानने को तैयार नहीं था कि वह पेशाब नहीं बल्कि पानी है. इसके बाद बुजुर्ग से जमीन चटवाई.
मंदिर में बुजुर्ग से अभद्रता
मंदिर में व्यक्ति के साथ इस घटना के खुलासे से आसपास तनाव फैल गया. पुलिस स्टेशम में स्वामी कांत के खिलाफ शिकायत की गई. पीड़ित रामपाल रावत ने कहा कि सोमवार की शाम को मैं लखनऊ के काकोरी इलाके स्थित शीतला माता मंदिर गया था. वहां मैं पानी पी रहा था, तभी स्वामी कांत ने मुझ पर पेशाब करने का आरोप लगवाया.
उन्होंने बताया कि मैं बार-बार बोलता रहा कि मैंने पेशाब नहीं किया ये पानी गिरा है. लेकिन उसने मेरी एक न सुनी. उन्होंने कहा, स्वामी कांत ने मुझे जातिवादी से जुड़ी गालियां दी और धमकी दी. फिर जमीन चाटने पर मजबूर किया.
पोते मुकेश कुमार का बयान
पीड़ित के पोते मुकेश कुमार ने कहा कि उसके दादाजी को सांस लेने में तकलीफ है और खांसते समय गलती से पेशाब कर दिया होगा. फिर आरोपी मेरे दादा को उल्टा-सीधा बोलने लगा. उन्होंने दादा को जमीन चाटने को मजबूर किया तो डर के मारे दादा ने पेशाब चाट लिया. फिर स्वामी कांत ने इस जगह को पानी डालकर साफ किया.
पुलिस ने लिया एक्शन
पुलिस ने शिकायत के आधार पर स्वामी कांत के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस का कहना है कि आरोपी ने जमीन चाटने के लिए नहीं, बल्कि उसे छूने के लिए कहा था. हालांकि पीड़ित परिवार का कहना है कि यह एक दुर्घटना थी और आरोपी ने जानबूझकर अपमानित करने का प्रयास किया. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा, किसी की गलती का मतलब यह नहीं है कि उसे अपमानजनक, अमानवीय सजा दी जाए.