'भविष्य में रहेगा एक ही धर्म - सनातन', IIT Baba ने महात्मा गांधी और इस्लाम को लेकर की ये टिप्पणी
Mahakumbh 2025 : IIT बाबा अभय सिंह ने एक इंटरव्यू में महात्मा गांधी पर विवादित बयान दिया है. उन्होंने गांधी जी को 'गांधी' टाइटल देने पर सवाल उठाए हैं. साथ ही सनातन और इस्लाम धर्म पर भी कई बड़े बयान दिए हैं. अपने बयानों को लेकर वह सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं.

IIT Baba Abhay Singh On Gandhi: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले में शामिल होने के लिए देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. वहीं देश भर से अलग-अलग अखाड़ों के साधु-संत भी पहुंचे हुए हैं. इन दिनों सोशल मीडिया पर IIT बाबा अभय सिंह काफी सुर्खियों में बने हुए हैं. वह मीडिया को लगातार इंटरव्यू दे रहे हैं और अपने विचार रख रहे हैं.
हिन्दुस्तान लाइव की रिपोर्ट के मुताबिक, IIT बाबा अभय सिंह ने एक इंटरव्यू में महात्मा गांधी पर विवादित बयान दिया है. उन्होंने गांधी जी को 'गांधी' टाइटल देने पर सवाल उठाए हैं. साथ ही सनातन और इस्लाम धर्म पर भी कई बड़े बयान दिए हैं. अपने बयानों को लेकर वह सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं.
IIT बाबा ने बापू पर की टिप्पणी
IIT बाबा ने गांधी को मिली महात्मा की उपाधि को गलत बताया. आईआईटी बाबा अभय सिंह ने कहा कि लोगों को अध्यात्म की समझ नहीं थी इसलिए उन्होंने गांधी को महात्मा की उपाधि दे दी. कैसे महान आत्मा हो गए वो. क्या किया उन्होंने? क्या तप किया उन्होंने? क्या सिद्धि थी उनके पास? अजय सिंह ने कहा कि जब गांधी जी ने ऐसा किया ही नहीं तो ये उपाधि उन्हें कैस मिली.
इस्लाम पर क्या बोले IIT बाबा?
अभय सिंह एक चैनल को दिए इंटरव्यू में इस्लाम धर्म पर टिप्पणी की. बाबा ने कहा कि 'मुसलमानों से मुझे कोई दिक्कत नहीं लेकिन इस्लाम धर्म खराब है. इस्लाम एक गलत विचारधारा है. यह नफरत सिखाता है. बोलता है कि तू शांति में रह. अरे तो तू भी शांति में रह ना. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सिर्फ सनातन धर्म ही रहेगा.' हर हर महादेव!
जूना अखाड़े से बाहर हुए बाबा
सोशल मीडिया पर अजय सिंह के इंटरव्यू वायरल हो रहे हैं. जिसमें उन पर अखाड़े की परंपराओं के उल्लंघन का आरोप लगा है. बाबा पर कार्रवाई करते हुए उन्हें जूना अखाड़े ने बाहर कर दिया है. सूत्रों के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आईआईटी बाबा की बढ़ती लोकप्रियता ने अखाड़े के अंदर टकराव पैदा कर दिया. वरिष्ठ संतों ने कथित तौर पर उनकी वायरल उपस्थिति को प्रोटोकॉल का उल्लंघन माना. महाकुंभ में संतों के अनुसार, अखाड़े के नेतृत्व ने उन्हें सोशल मीडिया से दूर रहने और पूरी तरह से अपनी आध्यात्मिक साधना पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया.