UP में ‘I Love Muhammad’ विवाद: बरेली में हिंसा के बाद मौलाना तौकीर रज़ा हिरासत में, कई राज्यों में तनाव
उत्तर प्रदेश के बरेली में ‘I Love Muhammad’ विवाद के चलते मौलाना तौकीर रज़ा को हिरासत में ले लिया गया. प्रदर्शनकारियों ने पोस्टरों के समर्थन में पत्थरबाजी की, पुलिस ने लाठीचार्ज किया और कई घायल हुए. 1,700 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ. विवाद उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में फैल गया. प्रशासन ने अशांति रोकने के लिए कड़े कदम उठाए और लोगों को शांति बनाए रखने की अपील की.

उत्तर प्रदेश के बरेली में ‘I Love Muhammad’ पोस्टर विवाद के मद्देनजर मौलाना तौकीर रज़ा, जो इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल के प्रमुख हैं, को शनिवार को हिरासत में लिया गया. अधिकारियों ने बताया कि रज़ा ने सोशल मीडिया पर पोस्टर के समर्थन में एक वीडियो साझा किया था, जिसके बाद उनके घर के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई थी और तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई थी. मौलाना फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं और उनसे पूछताछ जारी है.
बरेली में शुक्रवार की नमाज के बाद स्थिति बिगड़ गई. भीड़ ने प्रदर्शन के दौरान पत्थर फेंके, जिसे रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया. इस संघर्ष में 10 पुलिसकर्मी घायल हुए. वीडियो फुटेज में देखा गया कि रज़ा के घर के बाहर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे, हाथ में ‘I Love Muhammad’ के पोस्टर और नारे लेकर प्रदर्शन कर रहे थे.
अब तक 8 लोगों को किया गया गिरफ्तार
अधिकारियों ने बताया कि इस हिंसा में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है. 1,700 अज्ञात लोगों के खिलाफ दंगा, सरकारी कामकाज में बाधा डालने और पुलिस पर हमला करने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. उच्च अधिकारियों ने बरेली प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि अशांति फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और सामान्य जीवन बहाल किया जाए.
इस विवाद की शुरुआत कुछ हफ्ते पहले उत्तर प्रदेश के कानपुर में ईद-ए-मिलाद-उन-नबी की जुलूस के दौरान हुई थी, जब जुलूस मार्ग पर एक ‘I Love Muhammad’ पोस्टर लगाया गया. स्थानीय हिंदू समूहों ने आरोप लगाया कि पोस्टर जानबूझकर ऐसे स्थान पर लगाया गया जहाँ राम नवमी जैसे हिंदू पर्व मनाए जाते हैं. इसके बाद दोनों समुदायों के बीच तनाव बढ़ गया. हिंदू समूहों ने कहा कि उनके पोस्टर फाड़ दिए गए, जबकि मुस्लिम समुदाय ने दावा किया कि उन्हें पैगंबर के प्रति प्रेम जताने के लिए निशाना बनाया गया.
सोशल मीडिया पर भी ट्रेंड करने लगा #ILoveMuhammad
विवाद सोशल मीडिया पर भी उभरा और #ILoveMuhammad ट्रेंड करने लगा. इसके कुछ समय बाद वाराणसी में एक विरोधी अभियान शुरू हुआ, जिसमें धार्मिक नेताओं ने ‘I Love Mahadev’ के पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया. नेताओं ने इसे सांप्रदायिक शांति को भंग करने के कथित प्रयासों का जवाब बताया.
उत्तर प्रदेश के अलावा यह विवाद देश के अन्य हिस्सों में भी फैल गया. गुजरात के गांधीनगर जिले में अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ सदस्यों ने कई दुकानों और वाहनों को नुकसान पहुंचाया और पत्थर फेंके. कर्नाटक के दावणगेरे में भी ‘I Love Muhammad’ पोस्टरों को लेकर दो समूहों के बीच पत्थरबाजी हुई. उत्तर प्रदेश के उन्नाव, महाराजगंज, लखनऊ और कौशाम्बी में भी तनाव की खबरें सामने आईं.
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के पोस्टरों और उसके विरोध में उठाई गई प्रतिक्रिया ने देश में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा दिया है. प्रशासन ने स्थिति पर कड़ी नजर रखते हुए प्रदर्शन और रैलियों पर प्रतिबंध लगाया, ताकि हिंसा को रोकने में मदद मिल सके.
पूछताछ में सामने आएगा बरेली हिंसा का सच
बरेली की घटना इस मामले में सबसे गंभीर मानी जा रही है. स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रण में लाने के लिए हर संभव कदम उठाया. अधिकारी यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि मौलाना तौकीर रज़ा और अन्य संदिग्धों से पूछताछ कर हिंसा के पीछे के सच का पता लगाया जाए.
सरकार ने कहा है कि किसी भी विदेशी या आंतरिक शक्ति के हाथ इस तरह की अशांति को भड़काने में नहीं लगने देंगे. सभी राज्य प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि वे कानून व्यवस्था बनाए रखें और किसी भी प्रकार के सांप्रदायिक संघर्ष को रोकने के लिए तत्पर रहें.
इस पूरे घटनाक्रम ने देश में धार्मिक और सामाजिक संवेदनशीलता की अहमियत को फिर से उजागर किया है. प्रशासन, पुलिस और न्यायपालिका मिलकर यह सुनिश्चित कर रही है कि आम नागरिकों की सुरक्षा बनी रहे और ऐसे विवादों का सुलझाव शांतिपूर्ण तरीके से हो.