टेस्ट में अच्छे नंबर, IAS बनने का ख्वाब, हाथ में किताब लिए भागती अनन्या यादव के बड़े हैं सपने
अनन्या यादव का हाथों में किताबें लिए वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी बोला है. जहां वीडियो पर एक शख्स ने कमेंट किया था कि लड़की को पता है झोपड़ी से निकलने का रास्ता किताब ही है. अनन्या IAS बनना चाहती है.

सपनों को साकार करने के लिए जज्बा चाहिए होता है, जो हर मुसीबत से लड़ने में काम आता है. यह जज्बा अनन्या यादव में है. अंबेडकर नगर में जब बुलडोजर एक्शन लिया जा रहा था, तब अचानक से झोपड़ी में आग लग गई. ऐसे में एक छोटी बच्ची अपने स्कूल की किताबें बचाने के लिए दौड़ी.
इस वीडियो को अखिलेश यादव ने भी एक्स पर पोस्ट किया. यह वीडियो देख सोशल मीडिया पर हर किसी का दिल पिघल गया. इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान बच्ची का हवाला दिया. अनन्या आईएएस बनना चाहती है. चलिए जानते हैं 8 साल की बच्ची को कहां से मिली प्रेरणा?
मां के रोकने पर भी नहीं रूकी अनन्या
यह उस समय के बात है, जब अनन्या स्कूल से घर वापस आई थी. उसने अपना बैग छप्पर के ऊपर रख दिया था. अचानक से बगल वाली झोपड़ी में आग लग गई, जिसे देख अनन्या तुरंत किताबें बचाने के लिए भागने लगी, जबकि उसकी मां उसे रोक रही थी. अनन्या आईएएस बनना चाहती है. टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में उसने बताया कि कैसे उसने आईएएस बनने का सपना देखा.
टेस्ट में आते हैं अच्छे नंबर
अनन्या यादव ने बताया कि वह अपने परिवार में पहली शख्स हैं, जो स्कूल जाती है. वह सरकारी स्कूल में पहली क्लास में पढ़ती है. इतना ही नहीं उसका छोटा भाई आदर्श भी स्कूल जाने लगा है, क्योंकि स्कूल फीस नहीं भरनी पड़ती है. इसके आगे अनन्या ने बताया कि उसके टेस्ट में अच्छे नंबर आते हैं. इसलिए टीचर और गांव वालों ने उसे किताबें गिफ्ट की थी.
अनन्या का आईएएस बनने का ख्वाब
जब अनन्या ने पूछा गया कि उसे आईएएस बनने के लिए कहां से इंस्पिरेशन मिली. इस पर उसने बताया कि एक बार उनके स्कूल में एक सीनियर ऑफिसर विजिट पर आए थे, लेकिन वह उनका नाम नहीं जानती है. पर टीचर ने उन्हें बताया था कि वह आईएएस ऑफिसर हैं. यहीं से मुझे प्रेरणा मिली और इसलिए ही मैं भी अपने जीवन में आईएएस की नौकरी करना चाहती हूं.
क्या है मामला?
इस मामले में एक ऑफिसर ने बताया था कि राम मिलन यादव को इस जगह को खाली करने के लिए दो महीने पहले ही नोटिस दिया गया था. इसके बावजूद उन्होंने जगह खाली नहीं की और एक्शन लेने पर विरोध करने लगे. जहां अचानक से दूसरे छप्पर पर आग लग गई थी. यह उनका घर नहीं था.