'तेरी मां ने दूध पिलाया है तो ...', बीजेपी विधायक ने चीफ सेक्रेटरी और पुलिस कमिश्नर पर बोला हमला; कहा- अन्न और जल छोड़ दूंगा
गाजियाबाद के लोनी से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने पुलिस पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है. रिपोर्ट के अनुसार, एक विवाद के दौरान पुलिस ने उनके कपड़े फाड़ दिए. इस घटना को लेकर राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. विधायक ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होने पुलिस कमिश्नर और चीफ सेक्रेटरी पर जमकर हमला बोला.

BJP MLA Nandkishore Gurjar Police Dispute: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के लोनी क्षेत्र में गुरुवार को उस समय तनाव बढ़ गया, जब बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर के साथ पुलिस की कथित हाथापाई हो गई. यह घटना तब हुई, जब विधायक एक धार्मिक कलश यात्रा निकाल रहे थे, जिसे पुलिस ने बिना अनुमति के आयोजन का हवाला देकर रोकने की कोशिश की. इस दौरान विधायक के कपड़े फट गए और उनके साथ धक्का-मुक्की की खबरें सामने आई हैं. घटना के बाद विधायक समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए, जिससे माहौल और गरमा गया.
मिली जानकारी के मुताबिक, नंदकिशोर गुर्जर अपने समर्थकों के साथ बॉर्डर थाना क्षेत्र के संगम विहार कॉलोनी में एक कलश यात्रा निकाल रहे थे. पुलिस का कहना है कि इस आयोजन के लिए प्रशासन से कोई पूर्व अनुमति नहीं ली गई थी. यात्रा को रोकने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया, जिसमें विधायक के साथ धक्का-मुक्की हुई और उनका कुर्ता फट गया. विधायक ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की और उनकी धार्मिक भावनाओं का अपमान किया. उन्होंने कहा, "यह रामराज्य नहीं, तानाशाही है. मैं यात्रा निकालकर रहूंगा, चाहे कुछ भी हो जाए."
विधायक का धरना, पुलिस पर सवाल
हाथापाई के बाद नंदकिशोर गुर्जर ने सड़क पर धरना शुरू कर दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. उनके समर्थकों ने भी पुलिस के खिलाफ नाराजगी जताई. विधायक ने कथा के मंच से गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर और यूपी के चीफ सेक्रेटरी पर निशाना साधते हुए कहा, " पुलिस कमिश्नर और चीफ सेक्रेटरी, अगर तेरी मां ने दूध पिलाया है तो कथा के बाद गाजियाबाद में कहीं भी तय कर लेना. तेरी गोलियां होंगी और हमारे सीने होंगे."
''पुलिस ने हमारे कार्यकर्ताओं को पैसे देकर छोड़ा''
विधायक ने कहा, ''पुलिस ने हमारे कार्यकर्ताओं को पैसे देकर छोड़ा. हमारी बहन सरिता चौधरी के साथ मारपीट की गई. मोदी जी और योगी जी के कहने पर मैं कुछ नहीं बोला, लेकिन हम कब तक चुप रहेंगे.''
''मैं अन्न और जल ग्रहण नहीं करूंगा''
नंदकिशोर गुर्जर ने कहा, ''अगर सीएम योगी पुलिस कमिश्नर और चीफ सेक्रेटरी को जेल नहीं भेजते हैं तो मैं अन्न और जल ग्रहण नहीं करूंगा. जमीन पर सोऊंगा और फटे कपड़ों में रहूंगा.'' उन्होंने कहा कि 28 मार्च के बाद वे लखनऊ जाकर चीफ सेक्रेटरी के ऑफिस के बाहर प्राण त्याग देंगे. इस घटना ने स्थानीय स्तर पर राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है. सोशल मीडिया पर भी यह मामला चर्चा में है, जहां लोग इसे योगी सरकार के 'रामराज्य' के दावों पर सवाल उठाने के रूप में देख रहे हैं.
पुलिस ने क्या कहा?
पुलिस ने अपने बयान में कहा कि यात्रा के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इसे रोका गया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "हमने विधायक से शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन स्थिति तब बिगड़ गई जब उनके समर्थकों ने पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश की. किसी भी तरह की बदसलूकी का इरादा नहीं था." पुलिस ने मामले की जाँच शुरू कर दी है और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है.
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने सरकार पर बोला हमला
इस घटना ने विपक्ष को सरकार पर हमला करने का मौका दे दिया है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं ने इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया है. वहीं, बीजेपी के कुछ नेताओं ने भी इस घटना पर नाराजगी जताई है और पार्टी के अंदर से ही इसे ठीक करने की मांग उठ रही है. विधायक गुर्जर पहले भी अपने बयानों और गौवंश संरक्षण जैसे मुद्दों पर चर्चा में रह चुके हैं.
फिलहाल, धरना खत्म करने के लिए प्रशासन और विधायक के बीच बातचीत चल रही है. यह घटना योगी सरकार और पुलिस प्रशासन के लिए एक चुनौती बन सकती है, खासकर तब जब राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर बड़े दावे किए जाते हैं. इस मामले पर अगले कुछ घंटों में और स्पष्टता आने की उम्मीद है.