कफ सिरप कांड पर शायरी युद्ध: योगी बोले -‘...कसूर बार-बार…’, अखिलेश का तंज - ‘जब खुद फंसो... तो इल्जाम...!’
कफ सिरप कांड को लेकर यूपी की सियासत में तीखी नोकझोंक छिड़ गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शायराना अंदाज में विपक्ष पर हमला बोला तो समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी तंज कसते हुए पलटवार किया. आरोप-प्रत्यारोप अब सीधे कविता और व्यंग्य की जुबान में हो रहे हैं. अब यह मामला लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा का सत्र शुक्रवार को शुरू होने से पहले कफ सिरप कांड पर पहले से उलझी सियासत अब शायरी के मैदान तक पहुंच गई है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी को निशाने पर लिया तो जवाब में अखिलेश यादव ने भी तंज भरी लाइन उछाल दी. इससे यह साफ हो गया है कि प्रदेश के दोनों शीर्ष नेताओं के बीच तल्खी कितनी बढ़ गई है. कफ सिरप कांड ने एक बार फिर दिखा दिया कि यूपी की राजनीति में आरोप सिर्फ शब्दों से नहीं, बल्कि शेरो-शायरी की धार से भी किए जाते हैं, लेकिन असली सवाल अब भी कायम हैं कि कफ सिरप कांड की जिम्मेदारी किसकी?
दरअसल, 19 दिसंबर को यूपी विधानसभा का सत्र शुरू हो गया. सत्र शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कोडीन मामले में लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया दी तो शेर-ओ-शायरी जुबानी हमले तक पहुंच गई.
कफ सिरप के लिए सपा की सरकार जिम्मेवार
सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहले पहले मीडियाकर्मियों से बातचीत में कोडीन से जुड़े सवाल पर अखिलेश यादव पर निशाने पर लेते हुए कहा, 'यही कसूर मैं बार बार करता रहा और आईना साफ करता रहा.' सीएम के कहने का मतलब था कि हमारी सरकार ने कार्रवाई की है. पुलिस ने इस मुद्दे पर NDPS के तहत करवाई की है, जिसके तहत कई गिरफ्तारियां हुई हैं. यह सभी को पता है की हर माफिया के संबंध समाजवादी पार्टी से पाए जाते हैं.'
यानी विरोधी ‘एक ही कसूर बार-बार करे और सवाल व्यवस्था पर उठाए', यह कैसे हो सकता है. इशारा साफ था कि पिछली सरकारों की लापरवाही ने ऐसे कांडों को जन्म दिया.
जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकते CM
एम योगी का बयान आने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी चुप रहने वाले कहा थे. उन्होंने एक्स पर सीएम पर पलटवार करते हुए लिखा, 'जब खुद फंस जाओ, तो दूसरे पर इल्जाम लगाओ. ये खेल हुआ पुराना, हुक्मरान कोई नई बात बताओ.' सपा प्रमुख ने भी खुलेआम कह दिया,
‘जब खुद फंस जाओ तो दूसरों पर इल्जाम लगाओ’, ये खेल भी ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी. उन्होंने सरकार पर जांच से बचने और जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने का आरोप लगाया.
सीएम और सपा प्रमुख के बीच बयानबाजी के बाद सपा विधायक अतुल प्रधान ने सीएम के आरोपों पर कहा कि मुख्यमंत्री झूठ बोलते हैं, झूठ बोलने की कोई सीमा नहीं है. मुख्यमंत्री जो कह रहे हैं उसको लेकर के श्वेत पत्र जारी करें. डीजीपी प्रमुख सचिव और एसटीएफ के के साथ बैठ करके एक प्रेस करें और प्रमाण दें. प्रधान ने पूछा कि मुख्यमंत्री का बुलडोजर कहां गया?
दूसरी तरफ यूपी सरकार मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि कोडीन मामले पर सरकार जांच कर रही है. जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसे पर कार्रवाई होगी. मुख्यमंत्री ने भी इस पर सपा के लोगों के संलिप्तता की बात कही है.
कोडीन क्या होता है?
कोडीन एक ओपिओइड दर्द निवारक दवा है जिसका उपयोग अल्पकालिक दर्द से राहत के लिए किया जाता है। आमतौर पर इसे दीर्घकालिक दर्द के उपचार के लिए अनुशंसित नहीं किया जाता है। कोडीन हर किसी के लिए कारगर नहीं है, क्योंकि कुछ लोगों का शरीर वंशानुगत आनुवंशिक अंतर के कारण इसे संसाधित करने में सक्षम नहीं होता है।
कफ सिरप कांड क्या है?
कफ सिरप कांड उस वक्त सुर्खियों में आया जब जहरीले सिरप से कई लोगों की मौत की खबरें सामने आईं. मामले की जांच, लाइसेंस, सप्लाई चेन और राजनीतिक संरक्षण को लेकर सवाल उठे और सरकार–विपक्ष आमने-सामने आ गए.





