बेटी के निकाह में हिंदुओं को दावत देना ताहिर अली को पड़ा महंगा, मौलानाओं ने जारी किया फतवा; थाने तक पहुंचा मामला
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के भोजीपुरा थाना क्षेत्र में साम्प्रदायिक सद्भाव की एक छोटी सी कोशिश कट्टरता की भेंट चढ़ गई. मोहम्मदपुर जाटान गांव के निवासी ताहिर अली ने अपनी बेटी फिजा के निकाह के मौके पर गांव के हिंदू पड़ोसियों को भी दावत पर आमंत्रित किया था. उनका इरादा सिर्फ इतना था कि गांव में हिंदू-मुस्लिम सभी मिल-जुलकर रहते हैं, इसलिए खुशी के इस अवसर पर सबको साथ शामिल करें. लेकिन इस नेकनीयती भरे कदम से कुछ मौलाना और मस्जिदों से जुड़े इमाम नाराज हो गए. उन्होंने हिंदुओं को दावत देना इस्लाम के खिलाफ बताते हुए एक तरह का फतवा जारी कर दिया.
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जो साम्प्रदायिक सद्भाव और धार्मिक कट्टरता के बीच के अंतर को उजागर करता है. भोजीपुरा थाना क्षेत्र के मोहम्मदपुर जाटान गांव में रहने वाले ताहिर अली ने अपनी बेटी फिजा की शादी (निकाह) के मौके पर गांव के हिंदू समाज के लोगों को भी दावत पर बुलाया था. उनका मकसद सिर्फ इतना था कि गांव में सभी लोग मिल-जुलकर रहते हैं, इसलिए खुशी के इस मौके पर सबको साथ में शामिल किया जाए. लेकिन इस नेक इरादे की वजह से उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ा.
ताहिर अली ने बताया कि उनकी बेटी की शादी 3 दिसंबर को तय हुई थी. शादी से दो दिन पहले, यानी 1 दिसंबर को उन्होंने गांव और आस-पास के हिंदू परिवारों के लिए अलग से दावत का इंतजाम किया था. सब कुछ अच्छे से चल रहा था, लेकिन इस बात की खबर जब कुछ मौलानाओं और मस्जिदों से जुड़े इमामों तक पहुंची, तो वे बहुत नाराज हो गए. उनका कहना था कि हिंदुओं को दावत देना इस्लाम के खिलाफ है. नाराजगी इतनी बढ़ी कि उन्होंने एक तरह का फतवा जारी कर दिया और लोगों से अपील की कि ताहिर अली की दावत में कोई न जाए.
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'हिंदुओं को दावत है वहां मत जाओ...'
अगले दिन, 2 दिसंबर को मुस्लिम समाज के लोगों के लिए बड़ी दावत का आयोजन किया गया था. इसके लिए ताहिर अली ने बड़े पैमाने पर तैयारी की थी. लाखों रुपये खर्च करके स्वादिष्ट व्यंजन और भरपेट खाना बनवाया गया था. लेकिन इसी बीच पास के गांवों के कुछ कट्टर विचार वाले लोग सक्रिय हो गए. उन्होंने व्हाट्सएप पर बने एक ग्रुप में ऑडियो मैसेज और रिटेन मैसेज भेजने शुरू कर दिए. इन मैसेज में सुन्नी समुदाय के लोगों से साफ कहा गया कि वे ताहिर अली की दावत में बिल्कुल न जाएं. वजह बताई गई कि ताहिर अली ने हिंदुओं को दावत देकर बहुत बड़ा गलत काम किया है. कुछ लोगों ने तो ताहिर अली से फोन पर भी आपत्तिजनक बातें कही और उन्हें दबाव बनाने की कोशिश की.
बड़ी संख्या में नहीं आएं मुस्लिम मेहमान
इन मैसेज्स और दबाव का असर इतना बुरा हुआ कि दावत के दिन बड़ी संख्या में मुस्लिम मेहमान नहीं आए. जो लोग आने वाले थे, वे भी रुक गए. नतीजा यह हुआ कि करीब छह लाख रुपये का सारा खाना बर्बाद हो गया. इतना सारा भोजन व्यर्थ चला गया, जिसे देखकर पूरा परिवार बहुत दुखी हो गया. शादी जैसे खुशी के अवसर पर घर में मातम सा छा गया. ताहिर अली और उनका परिवार सदमे में आ गए. वे बार-बार यही कह रहे हैं कि उनकी मंशा किसी का दिल दुखाने की नहीं थी. गांव में हिंदू-मुस्लिम सभी मिल-जुलकर रहते हैं, सालों से अच्छे संबंध हैं, इसलिए उन्होंने सबको बुलाया था. वे किसी धर्म के खिलाफ या किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं रखते थे.
थाने में जमा होंगे सबूत
इस पूरे मामले से तंग आकर ताहिर अली ने अब कानूनी रास्ता अपनाया है. उन्होंने आईजीआरएस (इंटीग्रेटेड ग्रिवांस रिड्रेसल सिस्टम) के जरिए ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई और खुद एसएसपी कार्यालय भी पहुंचे. शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है. भोजीपुरा थाने को मामले की जांच सौंपी गई है. एसपी उत्तरी मुकेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि ताहिर अली की शिकायत पर जांच चल रही है. थाना प्रभारी अमित पांडे ने कहा कि ताहिर अली के पास वे व्हाट्सएप ऑडियो और मैसेज के सबूत हैं, जिन्हें वे जल्द थाने में जमा करेंगे. पुलिस सभी पहलुओं की गहराई से पड़ताल कर रही है और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि धार्मिक सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा देने वाली छोटी-छोटी कोशिशें भी कभी-कभी कट्टर सोच की वजह से विवाद का शिकार हो जाती हैं. उम्मीद है कि जांच के बाद सच सामने आएगा और गांव में फिर से अमन-चैन कायम रहेगा.





