बेटी ने IG पिता को कानूनी जंग में दी मात, कोर्ट ने हेड कांस्टेबल की बर्खास्तगी को माना भूल, दिए चौंकाने वाले आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक कानूनी लड़ाई में वकील बेटी अनुरा सिंह ने अपने ही पिता (सेवानिवृत्त आईजी) के खिलाफ सफलतापूर्वक कानूनी जंग का सामना किया. उसने गलत तरीके से बर्खास्त किए गए पुलिस हेड कांस्टेबल को नौकरी पर फिर से बहाल करवाया. कांस्टेबल तोफीक अहमद पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया था और आईजी की ने उसे बर्खास्त कर दिया था.

यह मामला शायद आपको फिल्मी ड्रामा लगे, लेकिन है हकीकत. एक वकील बेटी ने पूर्व आईजी पिता के खिलाफ न केवल हेड कांस्टेबल के पक्ष में कानूनी जंग को मुकाम तक पहुंचाया बल्कि कांस्टेबल को उसकी नौकरी और सम्मान वापस दिलाने में भी सफलता हासिल की. बता दें कि हेड कांस्टेबल पर एक लड़की से छेड़खानी करने का आरोप लगने के बाद पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज किया था. पूर्व आईजी ने उसे विभागीय जांच के बाद नौकरी से बर्खास्त कर दिया था.
क्या है पूरा मामला?
वकील अनुरा सिंह और उनके पिता बरेली रेंज के पूर्व आईजी डॉ. राकेश सिंह एक नाबालिग से छेड़छाड़ के आरोप में बर्खास्त किए गए यूपी पुलिस के हेड कांस्टेबल के भविष्य को लेकर अदालती लड़ाई में आमने-सामने आ गए. इलाहाबाद उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस कर रहीं अनुरा सिंह ने न केवल अपने क्लाइंट का पक्ष सफलतापूर्वक अदालत के सामने रखा बल्कि अपने मुवक्किल तोफीक अहमद को फिर से नौकरी पर बहाल भी करवा दिया.
हाईकोर्ट ने बर्खास्तगी को माना बड़ी भूल
हेड कांस्टेबल के वकील अनुरा सिंह ने शनिवार को टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, "ऐसा कुछ नहीं था. मेरे पिता एक सरकारी प्रतिनिधि के रूप में काम कर रहे थे और मैं एक वकील के रूप में. मेरे पिता यानी पूर्व आईजी के पास अपीलीय प्राधिकारी होने के नाते बहाली से इनकार करने का अधिकार था, लेकिन हाईकोर्ट किसी भी सरकारी कार्यालय से ऊपर है, इसलिए हमने राहत मांगी और हमें राहत मिली. खास बात यह है कि पीड़ित कांस्टेबल का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने उसे फिर से नौकरी पर बहाल करने का आदेश दिया.
अब कोर्ट का आदेश पर अमल कराने के लिए इस मामले को एसएसपी बरेली को भेजा जाएगा, जिसके बाद मेरे मुवक्किल आधिकारिक तौर पर अपनी स्थिति में वापस आ जाएंगे." उच्च न्यायालय का आदेश 31 जुलाई को जारी हुआ था.
अनुरा सिंह ने आगे कहा, "मैंने हेड कांस्टेबल से कड़ी मेहनत से काम करते रहने के लिए कहा है, क्योंकि उसके आगे एक लंबा और आशाजनक करियर है."
पारिवारिक रिश्तों से ऊपर सच्चाई को रखा: तोफिक अहमद
पीड़ित तोफिक अहमद ने बताया कि यह मामला जनवरी 2023 का है. जब अहमद को त्रिवेणी एक्सप्रेस में एक 17 वर्षीय लड़की, जो एक बीएसएफ जवान की बेटी थी के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. शिकायत के बाद अहमद को निलंबित कर दिया गया और विभागीय जांच के बाद आईजी सिंह (अब सेवानिवृत्त) ने उसकी बर्खास्तगी का आदेश दिया.
हालांकि, बाद में जांच में 'चूक' के कारण निचली अदालत ने उसे बरी कर दिया, लेकिन अहमद की बहाली की याचिका को सिंह ने अपनी आधिकारिक हैसियत से खारिज कर दिया.
मुझे नहीं पता था वो IG की बेटी है
अपने पारिवारिक संबंधों से अनजान, अहमद ने कानूनी मदद के लिए वकील अनुरा सिंह से संपर्क किया. वह मान गई और यह तर्क देते हुए मामला अपने हाथ में ले लिया कि बर्खास्तगी "त्रुटिपूर्ण" थी. हाईकोर्ट ने भी इस पर सहमति जताते हुए जांच रिपोर्ट और उसके बाद की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई दोनों को रद्द कर दिया.
तोफिक अहमद अदालत के फैसले से बेहद खुश और हैरान हैं. अपने वकील के बारे में उन्होंने कहा, "मुझे कभी नहीं पता था कि मेरा बचाव करने वाली वकील उस अधिकारी की बेटी थी, जिसने मुझे बर्खास्त करने का आदेश दिया था. उसने पारिवारिक संबंधों से ऊपर सच्चाई को रखा और कानून के प्रति अपने कर्तव्य का पालन किया. उसने मेरी नौकरी बचाई."