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सपा के पूर्व सांसद ने ऐसा क्या बोल दिया कि मच गया बवाल? कांग्रेस ने बताया 'मेंटली डिस्टर्ब'तो बीजेपी बोली- ये कांवड़ियों को आतंकी बताते हैं

सपा के पूर्व सांसद एसटी हसन ने उत्तरकाशी बाढ़ को धार्मिक असहिष्णुता और जंगल कटाई का नतीजा बताते हुए कहा कि किसी भी धर्मस्थल पर बुलडोजर नहीं चलना चाहिए. उनके बयान पर बीजेपी ने सपा को सांप्रदायिक पार्टी करार दिया, जबकि कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी इसे नफरत फैलाने वाला बताया. दरअसल, 5 अगस्त को बादल फटने से धराली गांव में भारी नुकसान और कई मजदूरों के दबे होने की आशंका है. सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ राहत कार्य में लगी हैं, वहीं 10 अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट जारी है.

सपा के पूर्व सांसद ने ऐसा क्या बोल दिया कि मच गया बवाल? कांग्रेस ने बताया मेंटली डिस्टर्बतो बीजेपी बोली- ये कांवड़ियों को आतंकी बताते हैं
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( Image Source:  Social Media )

Uttarkashi floods, ST Hasan statement controversy: सपा के पूर्व सांसद एसटी हसन के एक बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है. उत्तरकाशी की भीषण बाढ़ को लेकर हसन ने धार्मिक असहिष्णुता और अंधाधुंध जंगल कटाई को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, “उत्तराखंड और हिमाचल में दूसरे धर्मों का सम्मान नहीं हो रहा है… जब खुदा का इंसाफ होता है तो कोई भी खुद को बचा नहीं सकता.”

एसटी हसन ने कहा कि जहां भी भगवान की इबादत होती है-मस्जिद, दरगाह या मंदिर, वहां बुलडोजर नहीं चलना चाहिए, भले ही उन्हें खाली करवा दें, लेकिन ढांचा जस का तस रहना चाहिए.” इस पर बीजेपी ने कड़ा पलटवार करते हुए सपा को 'सांप्रदायिक पार्टी' करार दिया. बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “ये वही लोग हैं जो कांवड़ियों को आतंकी बताते हैं, रामचरितमानस का अपमान करते हैं और सनातन धर्म का निरादर करते हैं.”

“ऐसे बयान मेंटली डिस्टर्ब लोग देते हैं”

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी हसन की निंदा करते हुए कहा, “ऐसे बयान मेंटली डिस्टर्ब लोग देते हैं. इन्हें अल्लाह का खौफ करना चाहिए और नफरत फैलाने वाली बातें नहीं करनी चाहिए.”

'सपा नेताओं को थोड़ा संवेदनशील होना चाहिए'

यूपी सरकार में मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि उत्तराखंड में आई त्रासदी का मजाक उड़ाना सपा नेताओं को शोभा नहीं देता. ऐसी दुखद घटना में भी वे राजनीतिक लाभ लेने की साजिश कर रहे हैं. यह बिल्कुल भी उचित नहीं है. सपा नेताओं को थोड़ा संवेदनशील होना चाहिए.

धराली गांव में आई आपदा में बह गए घर और दुकान

गौरतलब है कि यह विवाद 5 अगस्त को उत्तरकाशी के खीर गंगा नदी के ऊपरी कैचमेंट एरिया में बादल फटने के बाद शुरू हुआ. इस आपदा में धराली गांव में घर, दुकानें और सड़कें बह गईं. स्थानीय लोगों के मुताबिक 10-12 मजदूर मलबे में दबे हो सकते हैं. सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ राहत-बचाव कार्य में जुटी हैं, जबकि मौसम विभाग ने 10 अगस्त तक पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.

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