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क्यों खर्च करना दीया और मोमबत्ती पर, क्रिसमस से कुछ सीखो... दिवाली के मौके पर अखिलेश के बयान से मचा बवाल! BJP ने कह डाली ये बात

अयोध्या में दीपोत्सव 2025 की तैयारियों के बीच समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को इस आयोजन को लेकर विवादित टिप्पणी की. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर इतना बड़ा खर्च दीपक और मोमबत्तियों पर क्यों किया जा रहा है. यादव के इस बयान पर भाजपा ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और समाजवादी पार्टी पर राम मंदिर आंदोलन के विरोध और “अंतरधार्मिक विरोधी” दृष्टिकोण का आरोप लगाया.

क्यों खर्च करना दीया और मोमबत्ती पर, क्रिसमस से कुछ सीखो... दिवाली के मौके पर अखिलेश के बयान से मचा बवाल! BJP ने कह डाली ये बात
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 19 Oct 2025 2:25 AM IST

अयोध्या में दीपोत्सव 2025 की तैयारियों के बीच समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को इस आयोजन को लेकर विवादित टिप्पणी की. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर इतना बड़ा खर्च दीपक और मोमबत्तियों पर क्यों किया जा रहा है. यादव के इस बयान पर भाजपा ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और समाजवादी पार्टी पर राम मंदिर आंदोलन के विरोध और “अंतरधार्मिक विरोधी” दृष्टिकोण का आरोप लगाया.

वहीं, दीपोत्सव के मंचन और आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं. इस उत्सव के तहत शहर को 26 लाख दीयों, 2,100 वैदिक विद्वानों, 1,100 ड्रोन और 33,000 स्वयंसेवकों की मदद से सजाया जाएगा. यह आयोजन केवल धार्मिक भक्ति ही नहीं बल्कि तकनीकी और सांस्कृतिक विविधता का भी अद्भुत प्रदर्शन है.

अखिलेश यादव के बयान पर भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया

यादव ने कहा, “पूरे विश्व में, क्रिसमस पर शहर महीनों तक जगमगाते हैं. हमें उनसे सीखना चाहिए. हमें दीपक और मोमबत्तियों पर इतना पैसा क्यों खर्च करना चाहिए?” इस पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “एक ऐसी पार्टी जिसने राम मंदिर आंदोलन का विरोध किया, वर्षों तक अयोध्या को अंधकार में रखा और राम भक्तों पर हमला करने में गर्व महसूस किया, अब दीपोत्सव के सजावट विरोध कर रही है. जब उन्होंने सैफई उत्सव मनाया, तो साधारण जनता को कोई लाभ नहीं हुआ, पर अयोध्या में जहां हजारों छोटे विक्रेता जीविका कमाते हैं, कुछ असंतोष व्यक्त कर रहे हैं.”

अयोध्या दीपोत्सव का भव्य स्वरूप

अयोध्या का दीपोत्सव हर साल नई ऊँचाई पर पहुंचता जा रहा है. इस साल यह आयोजन 17 अक्टूबर से शुरू हुआ और 18 अक्टूबर को 56 घाटों पर 26,11,101 दीयों के साथ अपने चरम पर पहुंचेगा. इस आयोजन में केवल रोशनी ही नहीं बल्कि संगीत, भक्ति और आधुनिक तकनीक का शानदार मिश्रण देखने को मिलेगा.

इस वर्ष का विशेष आकर्षण

दीपक संख्या- 26,11,101

वैदिक विद्वान- 2,100

ड्रोन- 1,100

स्वयंसेवक- 33,000

इस वर्ष समारोह राम की पैड़ी के अलावा नए विकसित घाटों जैसे राजघाट, गुप्तरघाट और लक्ष्मण किला घाट तक विस्तारित है. सड़कों, मंदिर मार्गों और सार्वजनिक स्थलों को विशेष रूप से सजाया गया है, जिससे पूरे शहर में भव्य प्रकाश व्यवस्था देखने को मिल रही है.

स्वयंसेवकों की भूमिका

33,000 स्वयंसेवक, जिनमें छात्र, स्थानीय युवा, शिक्षक और सामाजिक समूह शामिल हैं, दीपकों की सजावट और आयोजन की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं. यह टीम यह सुनिश्चित करती है कि हर दीपक सही स्थान पर रखा जाए और दर्शक सुरक्षित रूप से आयोजन का आनंद ले सकें.

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