अब्बास अंसारी को झटका! हेट स्पीच में 2 साल की सजा, माफिया वंश की विधायकी खत्म
हेट स्पीच मामले में माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और सपा विधायक अब्बास अंसारी को मऊ कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उनकी विधायकी भी चली गई है। यूपी विधानसभा सचिवालय ने मऊ सीट रिक्त घोषित कर चुनाव आयोग को सूचना भेजी है। अब छह महीने के भीतर उपचुनाव कराया जाएगा। अब्बास को कोर्ट से तुरंत जमानत मिल गई है।

मऊ कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी को नफरत फैलाने वाले भाषण (हेट स्पीच) मामले में दोषी मानते हुए दो साल की सजा सुनाई है. फैसले के तत्काल बाद विधानसभा सचिवालय ने अब्बास की सदस्यता खत्म कर दी और चुनाव आयोग को मऊ सीट रिक्त होने की सूचना भेज दी. दिलचस्प बात ये रही कि रविवार की छुट्टी के बावजूद सचिवालय विशेष रूप से खोला गया ताकि पत्र भेजा जा सके.
यह मामला 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार का है, जब अब्बास अंसारी ने एक जनसभा में मंच से विवादास्पद बयान देते हुए कहा था कि उन्होंने अखिलेश यादव से कहकर आया है कि सरकार बनने पर छह महीने तक किसी अफसर का ट्रांसफर नहीं होगा, पहले "हिसाब-किताब" होगा. इस बयान को सीधे तौर पर अफसरों को धमकी देने के रूप में देखा गया. सब इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद ने इसकी FIR दर्ज कराई थी और तीन साल की कानूनी प्रक्रिया के बाद अब सजा सुनाई गई.
अब्बास को मिली राहत, लेकिन भविष्य पर प्रश्नचिन्ह
हाल ही में जेल से बाहर आए अब्बास अंसारी को सजा सुनाए जाने के बाद कोर्ट से तुरंत जमानत भी मिल गई. मनी लॉन्ड्रिंग और गैंगस्टर एक्ट में पहले से फंसे अब्बास लंबे समय से जेल में थे. हालिया जमानत के साथ उन्हें कुछ राहत जरूर मिली, लेकिन हेट स्पीच केस में सजा और विधायकी रद्द होने के बाद उनका राजनीतिक भविष्य अब अधर में दिख रहा है.
अब मऊ में उपचुनाव की तैयारी शुरू
उत्तर प्रदेश सचिवालय की ओर से मऊ विधानसभा सीट को रिक्त घोषित किया जा चुका है. नियमों के अनुसार, चुनाव आयोग को छह माह के भीतर उपचुनाव कराना होगा. इस घटनाक्रम ने मऊ की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है. सपा और भाजपा दोनों ही अब इस सीट पर दावेदारी को लेकर रणनीति बनाने में जुट गए हैं.
सियासी विरासत पर गहराया संकट
मुख्तार अंसारी की राजनीतिक विरासत को संभालने आए अब्बास ने 2022 में सपा-सुभासपा गठबंधन से जीत दर्ज की थी और 38 हजार से अधिक मतों से बीजेपी को हराया था. लेकिन अब लगातार कानूनी मामलों में घिरते जाने और विधायक पद गंवाने के बाद उनकी छवि पर गहरा आघात हुआ है. यह घटना सिर्फ एक विधायक की सजा नहीं, बल्कि एक सियासी खानदान के ढलते सितारे की कहानी बनती जा रही है.