अब्बास अंसारी को कोर्ट ने दिखाया कानून का डंडा, विधायकी की कुर्सी जाना तय! क्या कहता है कानून
उत्तर प्रदेश के मऊ से विधायक अब्बास अंसारी को कोर्ट ने हेट स्पीच मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही उन पर जुर्माना भी लगाया गया है. भारतीय कानून के अनुसार, दो साल या उससे अधिक की सजा पाने वाले विधायक की विधायकी खत्म हो जाती है. अब्बास अंसारी की विधायकी पर खतरा मंडराने लगा है और मऊ में उपचुनाव की संभावना बढ़ गई है.

उत्तर प्रदेश की राजनीति में अंसारी परिवार एक जाना-पहचाना नाम है. कभी माफिया, कभी विधायक-अब यही छवि उनके बेटे अब्बास अंसारी पर भी छाने लगी है. मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी, जो खुद विधायक हैं, अब अदालत से 'हेट स्पीच' केस में दोषी ठहराए गए हैं.
मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें IPC की धारा 189, 153A, 171F और 506 के तहत 2 साल की सजा और जुर्माने के साथ दोषी करार दिया है. अब सवाल ये है-क्या अब्बास की विधायकी अब खत्म मानी जाए?
अब्बास अंसारी- बायोग्राफिकल प्रोफाइल
नाम- अब्बास अंसारी
पिता- मुख्तार अंसारी (पूर्व विधायक, कुख्यात गैंगस्टर)
राजनीतिक दल- सुभासपा (पूर्व में सपा गठबंधन)
विधानसभा क्षेत्र- मऊ, उत्तर प्रदेश
पेशेवर पृष्ठभूमि- शूटर, राइफल चैम्पियन
राजनीतिक शुरुआत- 2022 विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने
विवाद- भड़काऊ भाषण, धमकी और आपराधिक बयानबाज़ी
वर्तमान स्थिति- हेट स्पीच में 2 साल की सजा, विधायकी खतरे में
अब्बास का बवाली किस्सा!
2022 के विधानसभा चुनाव के प्रचार में अब्बास ने एक रैली में कहा था कि 'हम सरकार बनने के बाद एक महीने तक तबादलों पर रोक लगवाएंगे, ताकि चुनाव के दौरान जिन अफसरों ने 'मनमानी' की है, उनसे 'बंद कमरे' में हिसाब लिया जा सके!, इस बयान ने न सिर्फ हड़कंप मचाया, बल्कि इसे धमकी और सांप्रदायिक उकसावे के रूप में दर्ज किया गया. FIR हुई, मामला कोर्ट पहुंचा और अब सजा भी मिल चुकी है.
अब्बास अंसारी को सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने टिकट दिया था, लेकिन वो अब दावा करते हैं कि 'ये टिकट सपा प्रमुख अखिलेश यादव के कहने पर दिया गया था. अब्बास सपा के ही विधायक हैं!' राजभर की ये बात न सिर्फ अब्बास की राजनीतिक पहचान को उलझाती है, बल्कि उनकी मौजूदा सियासी स्थिति पर भी सवाल खड़े करती है.
खतरे में अब्बास की विधायकी क्यों?
भारतीय जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत अगर किसी विधायक को 2 साल या उससे ज्यादा की सजा होती है, तो उसकी सदस्यता स्वतः समाप्त हो सकती है. इस लिहाज से अब्बास अंसारी का विधायक पद अब अधर में है. अगर अपील में राहत नहीं मिली, तो मऊ में उपचुनाव तय माने जा रहे हैं.