सवाल हटाने की कीमत 10 करोड़! BAP विधायक रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार; जानें कौन हैं जयकृष्ण पटेल
राजस्थान के बागीदौरा से बीएपी विधायक जयकृष्ण पटेल को ACB ने 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया. उन पर विधानसभा में खनन से जुड़े सवाल हटाने के बदले 10 करोड़ की मांग का आरोप है. यह घटना लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही और संस्थागत पारदर्शिता को कठघरे में खड़ा करती है. ACB के पास तकनीकी साक्ष्य मौजूद हैं, जिनमें नोट, ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग शामिल हैं.
Jaikrishna Patel Arrest: राजस्थान की बागीदौरा सीट से भारत आदिवासी पार्टी के विधायक जयकृष्ण पटेल को 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी न केवल एक जनप्रतिनिधि पर गंभीर आरोप है, बल्कि लोकतांत्रिक संस्थानों की पारदर्शिता पर भी बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है. पटेल पर विधानसभा में खनन से जुड़े सवालों को हटवाने के बदले करोड़ों की मांग का आरोप है.
एसीबी के अनुसार, विधायक ने खनन व्यवसायी रविंद्र सिंह से तीन प्रश्न हटवाने के बदले 10 करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग की थी, जो बातचीत के बाद 2.5 करोड़ में तय हुई. 4 अप्रैल को शिकायत मिलने के बाद से ACB ने लगातार निगरानी रखी और सबूत जुटाए. रविवार को जयपुर स्थित सरकारी आवास पर जब 20 लाख की किस्त पहुंची, तब पटेल को रंगे हाथ पकड़ लिया गया.
टेक्निकल सबूतों से फंसे MLA
ट्रैप के दिन रंग लगे नोटों का इस्तेमाल किया गया और नोट छूते ही विधायक की उंगलियों पर विशेष स्याही का रंग चढ़ गया. ACB के पास पूरी ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग है, जिसमें विधायक के रुपए गिनते और स्वीकार करते हुए दृश्य दर्ज हैं. यह पहली बार है जब राजस्थान में किसी मौजूदा विधायक को इस प्रकार रिश्वत के आरोप में सार्वजनिक रूप से गिरफ़्तार किया गया.सवाल हटाने की कीमत 10 करोड़! कौन हैं विधायक जयकृष्ण पटेल, जिन्हें रिश्वत लेते रंगे हाथ किया गया गिरफ्तार
ट्रैप से पहले मिली संवैधानिक परमिशन
चूंकि मामला एक निर्वाचित विधायक से जुड़ा था, इसलिए ACB ने पहले ही विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को सूचित किया और कार्रवाई की अनुमति ली. मुख्यमंत्री को भी इस गंभीर प्रकरण की जानकारी दी गई थी. इससे यह स्पष्ट होता है कि जांच एजेंसियां कानूनी प्रक्रिया के हर चरण को सावधानी से निभा रही है.
विधायक का सहयोगी भाग निकला
जब एसीबी की टीम मौके पर पहुंची, तब विधायक का एक करीबी सहयोगी नोटों से भरा बैग लेकर फरार हो गया. अब ACB उसकी तलाश में है और पूरे विधायक आवास परिसर के CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं. इससे अंदेशा है कि इस भ्रष्टाचार में अकेला विधायक ही नहीं, बल्कि एक संगठित नेटवर्क भी शामिल हो सकता है.
कौन हैं बागीदौरा के विधायक जयकृष्ण पटेल?
राजस्थान के बांसवाड़ा जिले की बागीदौरा विधानसभा सीट से जयकृष्ण पटेल पहली बार विधायक बने हैं. वे भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के उम्मीदवार थे और उन्होंने 2023 में हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रत्याशी सुभाष तंबोलिया को पराजित किया था. इस चुनाव में पटेल को 1,22,573 वोट मिले थे, जो एक निर्णायक जनादेश माना गया. इस सीट पर पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीया का दबदबा रहा था. लेकिन 2023 में विधायक बनने के बाद मालवीया ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया और सांसद का चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
आदिवासी मतदाताओं का मिला था समर्थन
उनके इस्तीफे से बागीदौरा सीट खाली हुई और उपचुनाव कराए गए. उपचुनाव में आदिवासी मतदाताओं का भारी समर्थन BAP को मिला, जिससे जयकृष्ण पटेल एक नई राजनीतिक शक्ति के रूप में उभरे. आदिवासी अधिकारों की बात करने वाली पार्टी के इस युवा चेहरे से क्षेत्र की जनता को नई उम्मीदें थीं, लेकिन भ्रष्टाचार के ताजा आरोपों ने उनकी छवि पर गहरा असर डाला है.





