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30 साल का एक्सपीरियंस और... कौन हैं संजय अग्रवाल जो बने DG लॉ एंड ऑर्डर ऑफिसर, राजस्थान पुलिस ने बनाया नया पद

राजस्थान पुलिस ने कानून-व्यवस्था को और मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. राज्य सरकार ने पहली बार DG लॉ एंड ऑर्डर का नया पद सृजित किया है और इस अहम जिम्मेदारी के लिए 30 साल के अनुभव वाले वरिष्ठ IPS अधिकारी संजय अग्रवाल को नियुक्त किया है. पुलिस प्रशासन में उनकी काबिलियत, शांति व्यवस्था बनाए रखने की क्षमता और जमीनी समझ को देखते हुए राज्य ने उन्हें बेहद रणनीतिक और संवेदनशील भूमिका सौंपने का निर्णय लिया है.

30 साल का एक्सपीरियंस और... कौन हैं संजय अग्रवाल जो बने DG लॉ एंड ऑर्डर ऑफिसर, राजस्थान पुलिस ने बनाया नया पद
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हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 15 Nov 2025 1:43 PM IST

राजस्थान में कानून व्यवस्था को और मजबूत बनाने की कवायद कई महीनों से चल रही थी, लेकिन अब सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए पुलिस ढांचे में एक नया पद जोड़ दिया है. यह नया पद डीजी लॉ एंड ऑर्डर है. इस बेहद अहम जिम्मेदारी के लिए जिस अधिकारी को चुना गया है.

वह हैं वरिष्ठ आईपीएस संजय अग्रवाल, जिनका नाम पहले से ही राज्य की शीर्ष पुलिस पोस्ट के लिए चर्चा में रहा है. लेकिन चलिए जानते हैं आखिर कौन हैं संजय अग्रवाल और क्यों उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई?

कौन हैं संजय अग्रवाल?

संजय अग्रवाल 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और उनकी पहचान हमेशा से एक शांत, रणनीतिक और ज़मीन से जुड़े पुलिस अधिकारी के रूप में रही है. वह राजस्थान के कई जिलों में एसपी रह चुके हैं और हर जिले में अपने फैसलों और बेहतर पुलिसिंग की वजह से पहचान बनाई है. पिछले कुछ सालों में वे उन अधिकारियों में शामिल रहे जो लगातार राज्य की कानून-व्यवस्था को संभालने में सबसे आगे रहे.

30 साल का है एक्सपीरिंयस

17 मई 2024 से वे डीजी इंटेलिजेंस के पद पर कार्यरत थे. इससे पहले वे एडीजी इंटेलिजेंस, एडीजी पुलिस मुख्यालय और एडीजी रेलवे के रूप में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं. राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) में भी उन्होंने लगभग एक साल तक एडीजी के तौर पर चुनौतीपूर्ण स्थितियों को संभाला.

इन तीन विंग्स को करेंगे लीड

राज्य सरकार ने बढ़ते अपराध, साइबर खतरे और आपदा स्थितियों के प्रबंधन को देखते हुए डीजी लॉ एंड ऑर्डर का पद बनाया है. इस पद को संभालते ही संजय अग्रवाल की जिम्मेदारियां कई गुना बढ़ गई हैं. उनके अधीन अब तीन प्रमुख विंग्स आएंगे. इनमें कानून और व्यवस्था, सशस्त्र बटालियन और एसडीआरएफ शामिल है. यानी सड़क से लेकर संवेदनशील इलाकों तक और प्राकृतिक आपदा से लेकर बड़े कार्यक्रमों की सुरक्षा तक, हर चुनौती पर अब वे अंतिम निर्णयकर्ता होंगे.

साइबर क्राइम का भी जिम्मा संभालेंगे

डिजिटल युग के बढ़ते साइबर अपराधों को देखते हुए उन्हें एक और रणनीतिक जिम्मेदारी दी गई है. वह अब साइबर क्राइम और तकनीकी सेवाओं के विंग का निरीक्षण करेंगे. आने वाले समय में राजस्थान पुलिस की तकनीकी क्षमता को बढ़ाने और साइबर सुरक्षा के नए प्लान तैयार करने की जिम्मेदारी भी अब उन्हीं पर होगी.


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