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'I Love You यार, प्लीज उठ जाओ...', शहीद पति को सलाम करते पत्नी का ये वीडियो रुला देगा, बेटी ने कहा- फौजी बनकर लूंगी बदला

झुंझुनू जिले के मेहरादासी गांव से एक दिल को छूने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें शहीद भारतीय वायुसेना के सार्जेंट सुरेंद्र कुमार की पत्नी सीमा अपने पति के तिरंगे में लिपटे शव के पास खड़ी हैं. आंसुओं से भरी आंखों और कांपते हाथों के साथ वह अपने पति को सलाम करती हैं और बार-बार कहती हैं, 'आई लव यू यार,प्लीज उठ जाओ'.

I Love You यार, प्लीज उठ जाओ..., शहीद पति को सलाम करते पत्नी का ये वीडियो रुला देगा, बेटी ने कहा- फौजी बनकर लूंगी बदला
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Published on: 12 May 2025 4:10 PM

राजस्थान के झुंझुनू जिले के मेहरादासी गांव से एक दिल को छूने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें शहीद भारतीय वायुसेना के सार्जेंट सुरेंद्र कुमार की पत्नी सीमा अपने पति के तिरंगे में लिपटे शव के पास खड़ी हैं. आंसुओं से भरी आंखों और कांपते हाथों के साथ वह अपने पति को सलाम करती हैं और बार-बार कहती हैं, 'आई लव यू यार,प्लीज उठ जाओ', यह पल वहां मौजूद हर किसी को आंसू बहाने पर मजबूर कर देता है.

सीमा, जो दस दिन पहले अपने बच्चों के साथ नवलगढ़ में दादी के निधन के बाद अपने मायके आई थीं, उन्होंने पहले ही महसूस कर लिया था कि कुछ बड़ा होने वाला है. हालांकि परिवार ने आधिकारिक तौर पर उन्हें उनके पति के शहीद होने की खबर नहीं दी थी, लेकिन एक पत्नी की सटीक अनुभूति ने उन्हें सचेत कर दिया था. सुरेंद्र कुमार, जो भारतीय वायुसेना के 36 विंग में सहायक चिकित्सा सार्जेंट के रूप में कार्यरत थे, जम्मू और कश्मीर में अपनी सेवाएं दे रहे थे. शनिवार को, वह उधमपुर एयरबेस पर पाकिस्तानी हमले में शहीद हो गए.

वीडियो में सीमा का दर्द और शक्ति एक ही पल में दिखाई देती है. उनके पास खड़ी थीं उनकी 11 साल की बेटी वृतिका. आंसुओं को रोकते हुए, वृतिका ने रिपोर्टर्स से कहा, 'पापा ने कहा था कि सब ठीक है और वह सुरक्षित हैं. मेरे पापा ने देश की रक्षा के लिए अपनी जान दी है. पाकिस्तान को नष्ट कर देना चाहिए. मैं भी अपने पापा की तरह सैनिक बनना चाहती हूं और उनके मौत का बदला लूंगी.'

सुरेंद्र के छोटे बेटे, 8 वर्षीय दक्ष ने उनका अंतिम संस्कार किया. वहां मौजूद लोग 'भारत माता की जय' और 'सुरेंद्र कुमार अमर रहे' के नारे लगा रहे थे. शहीद सैनिक को अंतिम विदाई देने के लिए कई लोग, जिनमें सेना के जवान भी शामिल थे, आए थे. सुरेंद्र का शव उधमपुर से उनके गांव तक सड़क मार्ग से लाया गया. मंडावा से मेहरादासी तक एक तिरंगा यात्रा निकाली गई. उनका ताबूत, जो तिरंगे में लिपटा हुआ था, एक फूलों से सजे ट्रक पर रखा गया था. सैकड़ों लोग बाइक और वाहनों पर ट्रक के साथ चल रहे थे, जो पूरे रास्ते को देशभक्ति के रंग में रंग दिए थे.

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