बीमा-क्लेम के लिए खुद की मौत का नाटक, भिखारी को उतारा मौत के घाट, ऐसे किया पुलिस को गुमराह
जयपुर से एक मामला सामने आया है, जिसमें बीमा का पैसा पाने के लिए एक शख्स ने भिखारी की हत्या की. इसके जरिए वह अपनी मौत का झूठा नाटक रचा रहा था. इसके लिए शख्स ने लाश के पास पैन कार्ड, एटीएम, बाइक की आरसी और डीएल डॉक्यूमेंट्स छोड़ दिए.

बीमा धोखाधड़ी का एक ऐसा मामला, जिसे सुन आपके होश उड़ जाएंगे. बांसवाड़ा जिले के एक व्यक्ति ने कथित तौर पर खुद की मौत का झूठा नाटक किया, जिसके लिए उसने एक भिखारी को ट्रक से कुचलकर मार डाला. यह अपराध तब सामने आया, जब पुलिस को 1 दिसंबर को सल्लोपाट क्षेत्र में नेशनल हाईवे 56 पर एक अज्ञात शव मिला. शव के पास कुछ दस्तावेज मिले, जिससे शुरुआत में पुलिस को लगा कि नरेंद्र पीड़ित है.
इस मामले में पुलिस ने शनिवार को दो साथियों को गिरफ्तार किया है. हालांकि, नरेंद्र रावत के परिवार ने लाश को पहचानने से इनकार कर दिया. इसके चलते पुलिस को शक हुआ. इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की है, जहां पीड़ित की पहचान कोटा के सफाईकर्मी और भिखारी तूफान बैरवा के रूप में हुई.
क्या है मामला?
नरेंद्र सिंह रावत भारी कर्ज में डूबा हुआ था और उसके पास कई बीमा पॉलिसी थीं. ऐसे में नरेंद्र ने अपनी मौत का नाटक करके बीमा अमाउंट का दावा करने की साजिश रची. उसने चित्तौड़गढ़ के एक विकलांग भिखारी भेरूलाल और ट्रक ड्राइवर इब्राहिम को इस प्लानिंग में शामिल किया. दोनों को 85,000 रुपये और 65,000 रुपये देने का लालच दिया.
नौकरी का दिया लालच
इस वारदात को अंजाम देने के लिए तीनों ने तूफान बैरवा को गुजरात में नौकरी का लालच दिया. वहीं, हत्या की योजना बनाते हुए उसे कई दिनों तक नशे में रखा. इसके बाद 30 नवंबर को वे उसे सल्लोपाट में एक सुनसान जगह पर ले गए. शराब के नशे में बैरवा को बेहोश करने के बाद उन्होंने उसे सीमेंट से लदे ट्रक के नीचे रख दिया, जिसे इब्राहिम ने दुर्घटना का दिखावा करने के लिए चलाया.
मुख्य आरोपी है फरार
पूछताछ के दौरान भेरूलाल ने साजिश की बात कबूल कर ली और इब्राहिम को भी इसमें शामिल बताया है. दोनों साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन नरेद्र रावत अभी भी फरार है. पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए तलाशी अभियान चला रही है.