बच्चे से परीक्षा छुड़वा मुर्गा कटवाने वाले टीचर पर एक्शन, राजस्थान सरकार ने कर दिया सस्पेंड
Udaipur News: उदयपुर के एक सरकारी स्कूल से बड़ा ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां पर एक छात्रा परीक्षा दे रहा था, तभी टीचर ने परीक्षा बीच में छुड़वाकर उससे जबरन मुर्गा कटवाया. इसके बाद उससे साफ करने को कहा. ऐसा करते हुए स्थानीय लोगों ने बच्चे की फोटो खींच ली और मंत्री से शिकायत कर दी. इसके बाद सरकार ने टीचर पर एक्शन लेते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया.

Udaipur News: राजस्थान के उदयपुर जिले में एक सरकारी स्कूल के अंदर 9वीं कक्षा के छात्र को परीक्षा देते वक्त बीच में रोक दिया गया. शिक्षक ने उसका एग्जाम छुड़वाया और उससे मुर्गा कटवाया. बच्चे से मुर्गे की खाल उतारने और साफ करने के लिए दबाव बनाया गया. इस मामले के सामने आते ही बवाल खड़ा हो गया है.
स्कूल प्रशासन ने मामले की जानकारी होते ही आरोपी टीचर मोहनलाल डोडा को निलंबित कर दिया है. डोडा चिकन को अपने घर लेकर जाना चाहते थे इसलिए उन्होंने बच्चे से ऐसा अमानवीय काम करवाया. इस घटना से स्थानीय लोगों में गुस्सा देखने को मिल रहा है.
टीचर की हरकत से गुस्से में लोग
शिक्षक मोहनलाल पर आरोप है कि वे स्कूल में मिड-डे मील योजना का पालन रोजाना नहीं करवाते, जिसमें बच्चों के पोषण और शिक्षा के अधिकार पर बुरा असर पड़ता है. बच्चे से जबरन चिकन कटवाने से माहौल खराब हो गया है. ग्रामीणों ने टीचर को लेकर शिक्षा विभाग में शिकायत की. सोशल मीडिया पर यह मुद्दा काफी गरमाया हुआ है. ग्रामीणों ने कैबिनेट मंत्री बाबूलाल खराड़ी और उदयपुर मन्नलाल रावत से शिकायत की.
परीक्षा देते बीच में रोका
पीड़ित छात्र राहुल कुमार पारगी ने बताया कि शनिवार को मेरा अंग्रेजी का पेपर चल रहा था, तभी टीचर क्लास में आए और मुझे मुर्गा काटने के लिए कहा. वे उसे साथ ले गए और मैंने फिर मुर्गा काटकर उन्हें दिया. इसके बाद परिसर के पास ही मुर्गा कटवाकर साफ करवा रहे थे. आसपास के लोगों ने छात्र के मुर्गा काटने का फोटो खींच लिया और सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया. फोटो वायरल होते ही पूरे इलाके में बात फैल गई और स्कूल प्रशासन तक पहुंची.
मामले पर मंत्री का बयान
इस मामले पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि शिक्षा विभाग में अनुशासनहीनता और नैतिकता के खिलाफ किसी भी तरह की अमानवीय हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. टीचर को समाज का आदर्श माना जाता है, लेकिन जब वही ऐसा करें तो बच्चों पर बुरा असर पड़ता है. ऐसी घटना शिक्षक प्रणाली के साथ समाज में भी गलत मैसेज देती हैं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार इस तरह की हरकतों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही हैं.