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सफेद पर चढ़ा भगवा रंग! राजस्थान के इस गांव में 100 से ज्यादा लोगों ने अपनाया हिंदू धर्म; लिखा-जय श्री राम

राजस्थान के सोढला दूदा गांव में लोगों ने ईसाई धर्म छोड़ हिंदू धर्म में वापसी कर ली है. इतना ही नहीं, स्थानीय लोगों ने वहां मौजूद चर्च को मंदिर में बदलने के कवायद शुरू कर दी है. इस चर्च के पादरी गौतम ने बताया कि उनके गांव से बच्चों को आंध्र प्रदेश के ईसाई इलाकों में ले जाया जाता है, जहां उनकी शादी करवा दी जाती है. इसके चलते उनकी जाति बदल जाती है.

सफेद पर चढ़ा भगवा रंग! राजस्थान के इस गांव में 100 से ज्यादा लोगों ने अपनाया हिंदू धर्म; लिखा-जय श्री राम
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हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 9 March 2025 2:16 PM IST

राजस्थान के सोढला दूदा गांव ने एक अनोखा कदम उठाया है, जहां यहां के करीब 30 साल पहले 40-45 हिंदू परिवारों ने ईसाई धर्म अपनाया था, लेकिन अब इन सभी लोगों ने दोबारा से अपने धर्म में वापसी कर ली है. जहां अब इस गांव में चर्च को मंदिर में बदलना शुरू कर दिया है, जिसका उद्धाटन आज होगा.

इतना ही नहीं, इस चर्च के पादरी गौतम गरासिया ने भी अपना धर्म बदल लिया है. यह कदम महाकुंभ से निकली सनातन लहर से प्रभावित होकर लिया गया है.

पादरी बने पंडित

गौतम गरासिया ने बताया कि उन्होंने बिना किसी दबाव के हिंदू धर्म अपना लिया है. उन्होंने बताया कि ईसाई समुदाय के लोगों ने पैसे का लालच देकर लोगों को बरगलाया था. इतना ही नहीं, गांव में चर्च बनाने के लिए गुजरात के दाहोद से लोग आए थे. लेकिन अब उन्होंने अपने गांव में चर्च के बजाय भैरव जी का मंदिर बनाया है. मंदिर को सजाने और रंगने का काम चालू है.

गांव में है खुशी का माहौल

गौतम गरसिया ने बताया कि अब उनके गांव में खुशी का माहौल है. जहां युवा अपने हाथों से मंदिर की दीवारों को रंग रहे हैं. साथ ही, दीवारों पर जय श्री राम और ऊ लिखा जा रहा है. इसके अलावा, मंदिर क ऊपर भगवा झंडा भी लगाया गया है.

धर्मांतरण के पीछे का कारण

गौतम पहले चर्च के पादरी थे,लेकिन वह हिंदू धर्म अपना चुके हैं. जहां वह अपने गले में केसरी दुपट्टा डालकर पूरे गांव को इस बारे में बता रहे हैं. साथ ही, गौतम ने बताया कि अब लोगों को समझ आ रहा है कि उन्हें पैसों का लालच देकर फंसाया गया है. धीरे-धीरे करके लोग इस बारे में जागरुक हो रहे हैं.

बच्चों को ले जाते हैं आंध्र प्रदेश

इसके आगे गौतम ने बताया कि उनके गांव से बच्चों को आंध्र प्रदेश के ईसाई इलाकों में ले जाया जाता है, जहां उनकी शादी करवा दी जाती है. इसके चलते उनकी जाति बदल जाती है.

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