ऐसा दबाया गला कि कई टुकड़ों में टूटी हड्डी, पत्नी को घर बुलाने की सनक में शख्स ने की 10 साल की बेटी की हत्या, झाड़ियों में फेंका शव
राजस्थान के अलवर से सामने आई यह घटना इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली है. एक पिता, जिसकी जिम्मेदारी थी अपनी बेटी की सुरक्षा करने की, उसने अपने ही 10 साल की मासूम को बेरहमी से मार डाला. सवाल उठते हैं कि क्या घरेलू विवाद और निजी झगड़ों में इंसानियत की हदें इतनी तेजी से पार हो सकती हैं? यह घटना सिर्फ अपराध नहीं, बल्कि समाज, परिवार और कानून की जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़ा करती है.
राजस्थान के अलवर से एक ऐसी दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया. एक पिता, जो पत्नी को घर वापस बुलाने की अपनी जिद में अंधा हो गया, उसने अपनी ही 10 साल की मासूम बेटी का गला दबा दिया. आरोपी ने इतनी बेरहमी कि बच्ची की गर्दन की हड्डियां कई टुकड़ों में टूट गईं.
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हत्या के बाद शव को झाड़ियों में फेंक दिया गया. यह मामला न केवल परिवार के अंदर चल रहे तनाव की खतरनाक सीमा दिखाता है, बल्कि समाज और प्रशासन के लिए भी गंभीर सवाल छोड़ जाता है कि आखिर ऐसे अपराधों को कैसे रोका जा सकता है.
अलवर में मासूम की निर्मम हत्या
18 दिसंबर को अलवर जिले के प्रतापगढ़ थाना क्षेत्र में झाड़ियों में एक बच्ची का शव मिला. शुरुआती जांच में पता चला कि यह कोई अंजान हादसा नहीं था, बल्कि मासूम की हत्या उसके ही पिता ने की थी. आरोपी ने अपनी चौथी क्लास की बेटी का गला दबाकर उसकी गर्दन की हड्डियां तक तोड़ दीं, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. शव मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू की.
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तार आरोपी
हत्या के बाद आरोपी पिता मौके से भाग गया था. शुक्रवार की शाम पुलिस ने उसे पकड़ लिया और पूछताछ में उसने बताया कि कैसे उसने अपनी ही बेटी को मौत के घाट उतारा और क्यों .इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या समाज और प्रशासन ऐसे मामलों को समय रहते रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठा रहे हैं, या मासूम बच्चों की सुरक्षा अभी भी गंभीर खतरे में है.
पिता ने क्यों की हत्या?
जांच में सामने आया कि आरोपी अपनी पत्नी को मायके से वापस बुलाने की कोशिश कर रहा था. पत्नी ने आने से इनकार कर दिया, और इसी कारण पिता ने सोचा कि बेटी की मौत की खबर सुनकर पत्नी लौट आएगी. लेकिन इस सोच ने उसे इतना बड़ा अपराध करने पर मजबूर कर दिया. यह घटना घर के भीतर चल रहे घरेलू झगड़े और पिता की हठधर्मिता की खतरनाक परिणति थी.
सामाजिक चेतावनी और भविष्य की चिंता
यह दर्दनाक मामला सिर्फ अलवर का ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है. घरेलू विवाद, शक और हिंसा की नाटकीय परिणति मासूम बच्चों की जिंदगी को भयानक रूप में समाप्त कर सकती है. समाज और प्रशासन दोनों को ऐसे संकेतों पर समय रहते ध्यान देना चाहिए, ताकि भविष्य में कोई और मासूम इस तरह की हिंसा का शिकार न बने.





