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‘जगुआर’ बना मौत का गोला! चुरू में वायुसेना का फाइटर प्लेन क्रैश, दोनों पायलटों की मौत, 5 महीनें में तीसरी दुर्घटना

राजस्थान के चुरू जिले के रतनगढ़ में वायुसेना का एक जगुआर फाइटर प्लेन क्रैश हो गया. भाणुदा गांव में 200 फीट तक मलबा फैल गया और दो शव बरामद हुए हैं. हादसे की सूचना मिलते ही वायुसेना और प्रशासन मौके पर पहुंचा. हाल के महीनों में यह तीसरा जगुआर हादसा है, जिससे विमान की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं.

‘जगुआर’ बना मौत का गोला! चुरू में वायुसेना का फाइटर प्लेन क्रैश, दोनों पायलटों की मौत, 5 महीनें में तीसरी दुर्घटना
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( Image Source:  ANI )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 9 July 2025 4:00 PM IST

चुरू (राजस्थान) के रतनगढ़ तहसील के भाणुदा बीदावतान गांव में एक जोरदार धमाका सुनाई दिया. ग्रामीणों ने देखा कि आसमान से जलता हुआ एक फाइटर प्लेन तेजी से नीचे गिर रहा है. कुछ ही पलों में प्लेन जमीन से टकराया और चारों ओर आग का गुबार उठ गया. हादसे के तुरंत बाद ग्रामीण मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी गई.

हादसे के बाद का मंजर बेहद भयावह था. प्लेन का मलबा लगभग 200 फीट के दायरे में फैल गया. विमान के धधकते टुकड़े और मानव शरीर के अवशेष खेतों और पगडंडियों में बिखरे पड़े थे. स्थानीय लोग भय और सन्नाटे के बीच मौके पर जमा हो गए. हालांकि, आग और मलबे के कारण घटनास्थल पर पहुंचना कठिन हो गया था.

शवों की हालत देख कांप उठे ग्रामीण

मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार, घटनास्थल से दो शव मिले हैं, जिनकी पहचान फिलहाल नहीं हो सकी है. हालांकि आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. माना जा रहा है कि ये दोनों शव विमान में सवार पायलट या को-पायलट के हो सकते हैं. शवों की हालत बेहद खराब है और डीएनए जांच से ही पुष्टि संभव होगी. वायुसेना की टीम घटना की जांच के लिए घटनास्थल की ओर रवाना हो गई है.

लगातार हो रहे हैं जगुआर हादसे

यह पहला मामला नहीं है जब जगुआर एयरक्राफ्ट हादसे का शिकार हुआ है. मार्च और अप्रैल 2025 में भी दो अलग-अलग घटनाओं में जगुआर क्रैश हुआ था. 2 अप्रैल को गुजरात के जामनगर में और 7 मार्च को अंबाला के पास जगुआर विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था. विशेषज्ञों के अनुसार, बार-बार हो रही दुर्घटनाएं इस एयरक्राफ्ट की उम्र और मेंटेनेंस पर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं.

रूटीन उड़ान में था विमान या स्पेशल मिशन?

फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि विमान किसी प्रशिक्षण मिशन पर था या रूटीन उड़ान में. वायुसेना की ओर से इस बारे में अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार के जगुआर आमतौर पर रूटीन प्रशिक्षण उड़ानों के लिए उपयोग किए जाते हैं, लेकिन तकनीकी खराबी या पक्षी टकराव जैसे कारणों की जांच की जा रही है.

तकनीकी टीम मौके पर, जांच जारी

भारतीय वायुसेना की तकनीकी और फॉरेंसिक टीम मौके पर रवाना हो गई है. घटना के बाद एयरफोर्स के वरिष्ठ अधिकारी चुरू पहुंच रहे हैं. पूरे इलाके को सील कर दिया गया है और स्थानीय पुलिस व प्रशासन घटनास्थल पर तैनात है. विमान के ब्लैक बॉक्स की खोज प्राथमिकता पर है ताकि हादसे के असली कारणों का पता लगाया जा सके.

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