गोपाल खेमका हत्याकांड: हत्या के 9 घंटे बाद गंगा पथ पर 'सुपारी पेमेंट', अशोक साव और शूटर उमेश ने कैसे रची थी साजिश?
गोपाल खेमका हत्याकांड में सनसनीखेज खुलासा हुआ है. शूटर उमेश यादव ने हत्या के महज 9 घंटे बाद मास्टरमाइंड अशोक साव से गंगा पथ पर 3.5 लाख की सुपारी ली. पुलिस को सीसीटीवी, हथियार, कॉल रिकॉर्डिंग और जमीन विवाद से जुड़े दस्तावेज मिले हैं. केस में कई अहम गिरफ्तारियां और गहराई से जांच की जा रही है.

कोई भी घटना या वारदात होतो आरोपी मौके से भाग जाते हैं और शहर छोड़ देते हैं. लेकिन पटना के व्यापारी गोपाल खेमका की हत्या मामले में ठीक उल्टा हुआ. शूटर उमेश यादव और मास्टरमाइंड अशोक कुमार साव, दोनों हत्या के बाद भी आत्मविश्वास से पटना में ही रुके रहे. उमेश सीधे अपने घर मालसलामी चला गया, वहीं अशोक साव अपने आलीशान अपार्टमेंट में आराम से रुका रहा. दोनों की ये ‘ठहराव भरी चाल’ पुलिस को भ्रमित करने की एक सोची-समझी रणनीति मानी जा रही है.
उमेश यादव ने पूछताछ में कबूला कि खेमका की हत्या के महज नौ घंटे बाद वह अशोक साव से गंगा पथ पर मिला, जहां उसे बाकी की सुपारी राशि 3.50लाख रुपये कैश में मिली. साथ में एक मोबाइल फोन भी मिला, जिसमें जानबूझकर सिम नहीं डाला गया था. दोनों के बीच इस मुलाकात ने केस को नया मोड़ दिया, क्योंकि अपराध के बाद इतनी जल्दी 'पे-ऑफ' असामान्य है.
शूटर को पता था डेली रूटीन
उमेश को खेमका की दिनचर्या का पूरा ज्ञान था. चार जुलाई की रात, उसने बांकीपुर क्लब से खेमका की गाड़ी का पीछा किया और उनके आवास के सामने कार के रुकते ही महज छह सेकंड में गोली मार दी. सीसीटीवी फुटेज में यह खौफनाक हमला कैद है, जहां दिखता है कि शूटर ने दो कारों के बीच बाइक खड़ी की और निशाना साधते ही फरार हो गया.
पुलिस को झेलनी पड़ी फजीहत
एसआईटी जब सबसे पहले बांकीपुर क्लब जांच करने पहुंची तो चौंक गई. क्लब में कैमरे तो लगे थे, लेकिन डीवीआर में कोई बैकअप मौजूद नहीं था. पुलिस को फिर खेमका के रास्ते में लगे निजी कैमरों का सहारा लेना पड़ा. रेंज आईजी जितेंद्र राणा ने क्लब प्रशासन को नोटिस भेजने की बात कही है क्योंकि सुरक्षा के इस अहम पहलू को नजरअंदाज किया गया था.
उमेश ने कैसे रची थी 'प्लानिंग की पटकथा'?
हत्या से पहले उमेश यादव को पचास हजार रुपये की एडवांस सुपारी मिली थी. उसने हत्या के लिए अपनी बाइक, मोबाइल और पिस्टल तैयार रखे थे. खेमका की रोज़ की रूटीन, गेट पर रुकने की आदत और गार्ड की धीमी प्रतिक्रिया. इन सबको जोड़ते हुए उसने अपना प्लान तैयार किया. हत्या के बाद वह बिना घबराए घर लौट आया और हथियार छिपा दिया.
अशोक साव के फ्लैट से मिले नकदी, पिस्टल और जमीन के कागज
डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि अशोक साव के उदयगिरी अपार्टमेंट से 6.5 लाख रुपये नगद, एक पिस्टल, 17 कारतूस और कई जमीन के कागजात बरामद किए गए हैं. वहीं उमेश यादव के घर से 3.5 लाख रुपये, दो हथियार, दर्जनों कारतूस और दो मैगजीन मिले. जमीन विवाद इस हत्या की मुख्य वजह बताई जा रही है, लेकिन पुलिस अब भी दस्तावेजों की स्क्रूटनी कर रही है.
फोन रिकॉर्डिंग ने खोले नई साजिश के तार
एडीजी कुंदन कृष्णन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अशोक साव की फोन रिकॉर्डिंग सुनाई जिसमें एक जमीन सौदे पर तीखी बहस के दौरान खेमका का भी जिक्र आता है. इस कॉल में एक पक्ष डेढ़ करोड़ रुपये की मांग करता है और गालियों की बौछार होती है. ये बातचीत इस दिशा में संकेत देती है कि खेमका की हत्या का कारण महज पैसों या प्रतिस्पर्धा से कहीं ज्यादा गहरा था.
हो सकती है और गिरफ्तारियां
पुलिस अब खेमका के मोबाइल और लैपटॉप की फोरेंसिक जांच करने की तैयारी कर रही है. परिजनों से इनकी अनुमति मांगी गई है. जांच एजेंसियों का मानना है कि इस हत्या कांड में और भी नाम सामने आ सकते हैं. अशोक साव का भूमाफिया से संबंध, उमेश की आपराधिक पृष्ठभूमि और सुपारी नेटवर्क इन सभी कड़ियों को जोड़ने में SIT जुटी है.
अगला कदम क्या होगा?
पुलिस की नजर अब अशोक साव के उन जमीन सौदों पर है जो विवादास्पद रहे हैं. साथ ही उमेश यादव के पुराने कॉल डिटेल्स, ट्रैवल रिकॉर्ड और बैंक स्टेटमेंट से पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या यह हत्या एक अकेली साजिश थी या किसी बड़ी रैकेट का हिस्सा.