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बीच से टूटा पुल, 45 साल से नहीं हुआ था मेंटेनेंस; वडोदरा में हुए हादसे में अबतक 9 लोगों की मौत

वडोदरा के पादरा-जंबूसर मार्ग पर स्थित गंभीरा पुल अचानक बीच से टूट गया, जिससे कई वाहन नदी में समा गए. हादसे में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 5 को बचाया गया. पुल की उम्र 25 साल थी, लेकिन इस्तेमाल 45 साल तक होता रहा. कांग्रेस ने लापरवाही और भ्रष्टाचार के लिए BJP सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.

बीच से टूटा पुल, 45 साल से नहीं हुआ था मेंटेनेंस; वडोदरा में हुए हादसे में अबतक 9 लोगों की मौत
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( Image Source:  ANI )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 9 July 2025 12:56 PM IST

गुजरात के वडोदरा जिले में स्थित पादरा-जंबूसर के बीच गंभीरा नदी पर बना पुल उस समय ढह गया, जब उस पर कई वाहन गुजर रहे थे. इस हादसे में अब तक 9 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 5 को रेस्क्यू कर लिया गया है. एक ट्रक अब भी आधा पुल पर और आधा हवा में लटका हुआ है, जो इस त्रासदी का मूक गवाह बन गया है.

यह पुल वडोदरा और आणंद जिलों को जोड़ने के साथ-साथ मध्य गुजरात को सौराष्ट्र से जोड़ने वाला अहम संपर्क था. पुल बीच से टूट गया जिससे एक ट्रक, बोलेरो, दो पिकअप वैन, एक बाइक और एक ईको गाड़ी सहित कुल पांच वाहन नदी में गिर गए. स्थानीय प्रशासन ने मौके पर बचाव कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में यातायात चरमरा गया.

हादसे के वीडियो आए सामने

घटना के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर जो वीडियो सामने आए, उनमें नदी में गिरे वाहनों के पास मदद के लिए चिल्लाती एक महिला की चीखें लोगों को झकझोर देने वाली थीं. हादसे के बाद पुल के दोनों सिरों पर भारी जाम लग गया और रेस्क्यू में देरी को लेकर सवाल उठने लगे.

कांग्रेस ने उठाए सवाल

कांग्रेस विधायक और नेता प्रतिपक्ष अमित चावड़ा ने घटना का वीडियो साझा करते हुए बीजेपी सरकार पर रखरखाव में घोर लापरवाही का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 25 साल की लाइफ वाला पुल 45 साल तक इस्तेमाल होता रहा, लेकिन सरकार ने इसके मेंटेनेंस पर ध्यान नहीं दिया. यह हादसा भ्रष्टाचार और अनदेखी का नतीजा है.

वैकल्पिक रूट की तलाश शुरू

वडोदरा प्रशासन के अधिकारियों ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है. पुलिस और दमकल विभाग की टीमें मौके पर जुटी हैं. कलेक्टर ने बयान जारी कर कहा कि जल्द ही वैकल्पिक यातायात मार्ग तय किया जाएगा ताकि इस पुल पर यातायात निर्बाध हो सके.

सिर्फ जांच नहीं इंसाफ चाहिए

स्थानीय लोगों ने सरकार से केवल मुआवजे और जांच नहीं, बल्कि जवाबदेही तय करने की मांग की है. उनके अनुसार यह हादसा अचानक नहीं था. यह एक घोषित आपदा थी, जो कभी भी हो सकती थी. अब सवाल है कि क्या राज्य सरकार इस हादसे को सिर्फ एक तकनीकी चूक मानकर आगे बढ़ेगी या असल जिम्मेदारों को कटघरे में लाएगी?

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