17 साल की पावरलिफ्टर उठा रही थी 270 किलो का रॉड, गर्दन पर गिरा और हो गई मौत; सोशल मीडिया पर भड़के लोग
राजस्थान के बीकानेर में 17 वर्षीय पावरलिफ्टर यष्टिका आचार्य की ट्रेनिंग के दौरान 270 किलो की रॉड गर्दन पर गिरने से मौत हो गई. स्वर्ण पदक विजेता यह युवा एथलीट जिम में अभ्यास कर रही थी, जब यह दर्दनाक हादसा हुआ. हादसे के तुरंत बाद अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. परिवार ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई. अब सोशल मीडिया पर लोग भड़क गए हैं.

राजस्थान के बीकानेर जिले में मंगलवार शाम को एक ऐसा हादसा हुआ, जिसने पूरे खेल जगत को हिला कर रख दिया. 17 साल की युवा पावरलिफ्टर यष्टिका आचार्य, जो जूनियर नेशनल गेम्स की स्वर्ण पदक विजेता थीं, जिम में ट्रेनिंग कर रही थीं. लेकिन किसी को नहीं पता था कि ये ट्रेनिंग सेशन उनकी जिंदगी का आखिरी सेशन बन जाएगा. हादसे का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
यष्टिका अपने प्रशिक्षक की देखरेख में एक भारी लिफ्ट का अभ्यास कर रही थीं. 270 किलो की वेटलिफ्टिंग रॉड, जो उनकी ताकत की परीक्षा ले रही थी, अचानक बैलेंस बिगड़ने के कारण सीधा उनकी गर्दन पर आ गिरी. पल भर में पूरा जिम शॉक रह गया. दर्द से कराहती यष्टिका ज़मीन पर गिरीं, वहां मौजूद सभी लोग उसे अस्पताल ले गए.
गर्दन की टूट गई थी हड्डी
हादसे के तुरंत बाद यष्टिका को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. गर्दन की हड्डी टूट चुकी थी, और इस भीषण चोट से बच पाना नामुमकिन था. जिम में मौजूद प्रशिक्षक को भी इस घटना में मामूली चोटें आईं, लेकिन यष्टिका की जिंदगी हमेशा के लिए खत्म हो गई.
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परिवार ने नहीं की शिकायत
एसएचओ विक्रम तिवारी ने बताया कि यष्टिका के परिवार ने किसी पर कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है. पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर बुधवार को शव परिजनों को सौंप दिया. ये घटना पूरे बीकानेर और देश के लिए एक चौंका देने वाला झटका था.
पहले भी हो चुके हैं हादसे
पावरलिफ्टिंग में स्क्वाट, बेंच प्रेस और डेडलिफ्ट जैसी लिफ्ट शामिल होती हैं. हर एथलीट अपने सीमित मौकों में अधिकतम भार उठाने की कोशिश करता है, लेकिन कभी-कभी यह जुनून खतरनाक साबित हो सकता है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब जिम या अन्य खेल के दौरान किसी युवा खिलाड़ी की मौत हुई हो. 2014 में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर फिलिप ह्यूजेस भी एक बाउंसर की चपेट में आकर अपनी जान गंवा बैठे थे. यह घटनाएं बताती हैं कि खेल जितना रोमांचक होता है, उतना ही खतरनाक भी.
जिम और संचालक पर उठे सवाल
- क्या जिम में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम थे?
- क्या 17 साल की लड़की के लिए 270 किलो का वजन सुरक्षित था?
- क्या भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सकता है?
- क्या जिम ट्रेनर ने क्यों ध्यान नहीं दिया?
सोशल मीडिया पर दिखा गुस्सा
सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे दुखद बताया. नीतिन नामक शख्स ने लिखा कि दु:खद एवं त्रासद. स्पष्ट रूप से कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है? कोई पीछे क्यों खड़ा होगा? यदि वह वहां नहीं होता, तो वह इसे यूं ही अपने पीछे फेंक सकती थी.